Akbar Birbal Stories In Hindi

आधी धूप आधी छाँव : अकबर बीरबल की कहानी | Half Light Half Shadow Akbar Birbal Story In Hindi

aadhi sdhoop aadhi chhanv akbar birbl story in hindi आधी धूप आधी छाँव : अकबर बीरबल की कहानी | Half Light Half Shadow Akbar Birbal Story In Hindi
Written by Editor

मित्रों, अकबर बीरबल की इस कहानी (akbar birbal ki kahani short story) में अकबर किसी बात पर बीरबल से नाराज़ होकर उन्हें नगर से निकाल देते हैं. बीरबल नगर छोड़कर चले जाते है. बीरबल की याद आने पर अकबर उन्हें कैसे ढूंढते हैं? बीरबल वापस आते हैं या नहीं? यही इस कहानी में बताया गया है. पढ़िये पूरी कहानी (Hindi Akbar Birbal Story):

Akbar Birbal Ki Kahani Short

Table of Contents

akbar birbal ki kahani short story

akbar birbal ki kahani short story | Source : Akbar Birbal PNG

एक बार अकबर बीरबल (Akbar Birbal) में किसी बात पर अनबन हो गई. अकबर ने गुस्से में आकर बीरबल को नगर छोड़कर जाने का आदेश दे दिया.

अकबर के आदेश के पालन में बीरबल नगर छोड़कर चला गया. वह एक गाँव में अपनी पहचान छुपाकर रहने लगा.

इधर दिन बीतने लगे और अकबर को बीरबल की कोई ख़बर नहीं लगी. बीरबल  अकबर का मुख्य सलाहकार होने के साथ-साथ परम मित्र भी था. अकबर को राजकीय कार्यों में बीरबल की सलाह की आवश्यकता महसूस होने लगी. साथ ही उन्हें उसकी याद भी सताने लगी.

उन्होंने सैनिकों को बीरबल को ढूंढने के लिए भेजा. किंतु वे उसका पता न लगा सके. अंत में अकबर ने बीरबल का पता लगाने के एक उपाय खोज निकाला. उन्होंने पूरे राज्य में ये ढिंढोरा पिटवा दिया कि जो कोई भी आधी धूप और आधी छाँव में उनसे मिलने आयेगा, उसे १००० स्वर्ण मुद्रायें ईनाम में दी जायेंगी. 

पढ़ें : कैसे शेर बना माँ दुर्गा का वाहन? : पौराणिक कथा  | Maa Durga Aur Sher Ki kahani

ये ख़बर उस गाँव में भी पहुँची, जहाँ बीरबल अज्ञातवास में रहता था. उसी गाँव में एक गरीब किसान भी रहता था. बीरबल ने सोचा कि यदि इस गरीब किसान को ईनाम की १००० स्वर्ण मुद्रायें मिल जायें, तो उसका भला हो जायेगा.

उसने किसान को अपने सिर पर एक चारपाई रखकर अकबर के पास जाने के लिए कहा. गरीब किसान ने वैसा ही किया.

सैनिकों ने जब उस किसान को भरी दोपहरी में अपने सिर पर चारपाई रखकर राजमहल की ओर आते देखा, तो अकबर को इस बात की सूचना दी. अकबर ने किसान को अपने पास बुलवाया. किसान ने अकबर के सामने हाज़िर होकर अपना ईनाम मांगा, तो अकबर ने पूछा, “सच-सच बताओ कि तुम्हें ऐसा करने किसने कहा था?”

भोले किसान ने सब कुछ सच-सच बता दिया, “जहाँपनाह, हमारे गाँव में एक भला मानुस आकर रुका है. उसी के कहने पर मैं सिर पर चारपाई रख आपके पास आया था.”

पढ़ें :  सियार और ढोल : पंचतंत्र | The Jackal & The Drum Panchatantra Story

ये सुनकर अकबर समझ गए कि किसान को सलाह देने वाला व्यक्ति बीरबल ही है. उन्होंने फ़ौरन खजांची से कहकर किसान को १००० स्वर्ण मुद्रायें दिलवाई और सैनिकों को उसके साथ भेजकर बीरबल को वापस आने का पैगाम भिजवा दिया.

पैगाम पाकर बीरबल अकबर ने पास वापस लौट आया.      


दोस्तों, आशा है आपको ये “Akbar Birbal Ki Kahani Short Story“ पसंद आयी होगी. आप इसे Like कर सकते हैं और अपने Friends के साथ Share भी कर सकते हैं. ऐसी ही मज़ेदार “Akbar Birbal Stories In Hindi” पढ़ने के लिए हमें Subscribe ज़रूर कीजिये. Thanks.    

Read More Best Akbar Birbal Story Hindi :

About the author

Editor

Leave a Comment