फ्रेंड्स, इस पोस्ट में हम अकबर बीरबल की कहानी “रानी की बात” (Birbal Ki Chaturai Ka Ek Kissa) शेयर कर रहे हैं. इस कहानी में अकबर अपनी बेगम साहिबा के सामने बीरबल की चतुराई की तारीफ़ करते हैं और बेगम ईर्ष्या के कारण बीरबल की चतुराई की परीक्षा लेती है. क्या बीरबल इस परीक्षा में सफ़ल हो पाता है? जानने के लिए पढ़िए अकबर और बेगम की कहानी :
Birbal Ki Chaturai Ka Ek Kissa
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एक दिन बादशाह अकबर अपनी बेगम साहिबा से गुफ़्तगू कर रहे थे. बातों-बातों में अकबर बेगम के सामने बीरबल की बुद्धिमानी और चतुराई की प्रशंसा करने लगे.
बेगम बोली, “हुज़ूर! बीरबल कितना ही चतुर सही, मुझसे वह ज़रूर हार जाएगा.”
“ऐसी बात है, तो आप बीरबल की परीक्षा लेकर देख लीजिये.” अकबर बेगम को चुनौती देते हए बोले.
अगले दिन दरबार की कार्यवाही समाप्त होने के बाद अकबर ने बीरबल को अपने कक्ष में बुलवाया. जब बीरबल कक्ष में पहुँचा, तो अकबर के साथ बेगम साहिबा भी वहाँ मौज़ूद थी.
उन्होंने सेविका को बुलवाया और उसे बीरबल के लिए शर्बत लाने का आदेश दिया. सेविका के जाने के बाद वह बीरबल बोली, “दस तक गिनने तक सेविका शर्बत लेकर हाज़िर हो जायेगी.”
फिर वो एक से लेकर दस तक गिनती गिनने लगी. दस गिनते ही सेविका शर्बत का गिलास लेकर कक्ष में मौज़ूद थी.
महारानी बोली, “बीरबल देखो हमारा कितना नपा-तुला अंदाज़ है.” बीरबल मुस्कुराया.
फिर महारानी बोली, “बीरबल, कल हम तुम्हारे घर दावत पर आएंगे.”
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बीरबल सोचने लगा कि महारानी स्वयं दावत पर आने को कह रही है. ज़रूर दाल में कुछ काला है.
इधर अकबर को भी अपनी बेगम साहिबा की दावत वाली समझ नहीं आई. उन्होंने पूछा, “आप तो बीरबल की परीक्षा लेने की बात कर रही थी. फिर ली क्यों नहीं?”
रानी बोली, “कल बताऊंगी.”
अगले दिन अकबर और महारानी बीरबल के घर पहुँचे. बीरबल ने उनका स्वागत किया. थोड़ी देर उसने सेवकों को खाना लगाने का आदेश दिया.
महारानी कहने लगी, “बीरबल क्या तुम हमारी तरह गिनकर बता सकते हो कि खाना कितने बजे आएगा?”
बीरबल ने जवाब दिया, “महारानी जी! आपके सामने मैं कैसे कुछ बोल सकता हूँ? बेहतर होगा कि आप गिनिये. जिस क्षण आप रुकेंगी, खाना हाज़िर हो जायेगा.”
महारानी के गिनती शुरू की. उनके गिनती खत्म करते ही खाना आ गया. अकबर बोले, “बेगम साहिबा! बीरबल आपकी बात भांप गया था. अब तो आप शर्त हार गई हैं. मान लीजिये बीरबल को चतुराई में कोई नहीं हरा सकता.”
महारानी कुछ कहती, इसके पहले ही बीरबल बोल पड़ा, “जहाँपनाह, जीत महारानी जी की ही हुई है. खाना तो इनके गिनने पर ही आया.”
यह सुन रानी बोली, “बीरबल तुम्हारी बुद्धिमानी और चतुराई का कोई सानी नहीं. तुमने हमें हराया भी तो जिताकर.”
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