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ब्लैकी और गोल्डी फेयरी टेल | Blacky And Goldy Fairy Tale In Hindi

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Blacky And Goldy Fairy Tale In Hindi

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Blacky And Goldy Fairy Tale In Hindi

कई साल पहले, एक घने जादुई जंगल में ब्लैकी नाम की एक काली बिल्ली और गोल्डी नाम की सुनहरी लोमड़ी रहती थीं। दोनों बहुत अच्छे दोस्त थे, लेकिन स्वभाव में बिल्कुल विपरीत थे। ब्लैकी बुद्धिमान, सतर्क और धैर्यवान थी, जबकि गोल्डी चंचल, जिज्ञासु और थोड़ी जल्दबाज थी।

जंगल में हर प्राणी उनकी दोस्ती की मिसाल देता था। दोनों ने हमेशा एक-दूसरे का साथ निभाया, चाहे कैसी भी मुश्किल आई हो। लेकिन एक दिन उनकी दोस्ती की असली परीक्षा आई, जब उन्हें एक खतरनाक लेकिन रोमांचक चुनौती का सामना करना पड़ा।

गहरे जंगल के बीचो-बीच एक प्राचीन वृक्ष था, जिसे “ज्ञान वृक्ष” कहा जाता था। यह वृक्ष हजारों वर्षों से जंगल की रक्षा कर रहा था और इसमें अद्भुत जादुई शक्तियाँ थीं। लेकिन कुछ समय से वृक्ष की शक्ति क्षीण होती जा रही थी, जिससे जंगल के संतुलन पर खतरा मंडराने लगा।

जंगल के सबसे बुद्धिमान उल्लू, ओलिवर, ने ब्लैकी और गोल्डी को बुलाया और कहा,

“ज्ञान वृक्ष की जड़ों में एक जादुई नगीना है, जो इसकी शक्ति का स्रोत है। लेकिन अब वह नगीना धीरे-धीरे अपनी चमक खो रहा है। अगर हम इसे फिर से रोशन नहीं कर पाए, तो जंगल की हरियाली हमेशा के लिए मुरझा जाएगी।”

ब्लैकी और गोल्डी ने एक-दूसरे की ओर देखा और बिना एक पल गंवाए मदद करने का निश्चय किया।

उल्लू ने बताया कि नगीने को फिर से रोशन करने के लिए उन्हें “स्वर्ण पर्वत” पर जाना होगा, जहाँ सूरज की पहली किरण नगीने को फिर से ऊर्जा दे सकती थी। लेकिन यह यात्रा आसान नहीं थी—रास्ते में गहरी खाइयाँ, भटकाने वाले मृगतृष्णा जंगल और एक रहस्यमयी छाया दानव का बसेरा था।

ब्लैकी और गोल्डी अपनी यात्रा पर निकल पड़े। पहला पड़ाव था मृगतृष्णा जंगल, जहाँ पेड़ खुद ही रास्ते बदल देते थे और यात्री हमेशा उलझकर रह जाते थे। गोल्डी जल्दबाज थी, इसलिए वह इधर-उधर भागने लगी, जिससे वह और भी ज्यादा रास्ता भटक गई।

ब्लैकी ने धैर्य रखा। उसने ध्यान से पेड़ों के बदलते पैटर्न को देखा और अंत में एक हल खोज निकाला। उसने गोल्डी को शांत किया और दोनों सही रास्ता ढूँढकर जंगल से बाहर निकल आए।

अगले पड़ाव पर एक विशाल खाई आई, जिसे पार करना असंभव लग रहा था। गोल्डी ने बिना सोचे-समझे छलांग लगा दी, लेकिन वह खाई के किनारे पर लटक गई।

ब्लैकी घबराई नहीं। उसने चारों ओर देखा और एक मजबूत बेल ढूँढी। लेकिन बेल इतनी छोटी थी कि उससे गोल्डी को खींचना मुश्किल था। तभी उसे एक उपाय सूझा।

उसने अपनी पूँछ को बेल से लपेटा और उसे और मजबूत किया। फिर एक नज़दीकी पेड़ की टहनी के चारों ओर बेल को लपेटकर उसे मजबूती से बाँध दिया। अब ब्लैकी के पास एक सुरक्षित सहारा था। उसने गोल्डी से कहा, “अपनी ऊर्जा बचाओ और मेरी आवाज़ सुनो। अपने अगले हाथ को धीरे-धीरे ऊपर लाने की कोशिश करो।”

गोल्डी ने घबराकर कहा, “मुझे डर लग रहा है, मैं गिर जाऊँगी!”

ब्लैकी ने उसे शांत किया, “डर से ज्यादा हमें अपने दिमाग का इस्तेमाल करना होगा। धीरे-धीरे ऊपर चढ़ो, मैं तुम्हारी मदद करूँगी।”

गोल्डी ने हिम्मत जुटाई और एक हाथ ऊपर बढ़ाया। ब्लैकी ने बेल को कसकर पकड़े रखा और उसे सहारा दिया। गोल्डी ने जैसे ही दूसरा हाथ ऊपर किया, ब्लैकी ने अपनी ताकत लगाकर उसे खींचना शुरू किया।

धीरे-धीरे, गोल्डी ऊपर चढ़ने लगी। कुछ ही मिनटों में वह सुरक्षित खाई के किनारे पहुँच गई और हाँफती हुई ब्लैकी के गले लग गई।

“अगर तुम वहाँ कूदने से पहले सोचती, तो हमें यह खतरा नहीं उठाना पड़ता,” ब्लैकी ने मुस्कुराकर कहा।

गोल्डी ने सिर झुकाकर जवाब दिया, “तुम सही कह रही हो। अब मैं हर कदम सोच-समझकर उठाऊँगी!”

अब उन्हें खाई पार करनी थी। ब्लैकी ने आसपास देखा और कुछ दूर एक बड़ा गिरे हुए पेड़ को देखा, जो आधा लटका हुआ था। दोनों ने मिलकर उसे धक्का दिया, जिससे वह खाई के ऊपर एक पुल की तरह टिक गया।

धीरे-धीरे, संतुलन बनाए रखते हुए, दोनों उस पर चलकर खाई पार कर गए। इस तरह ब्लैकी की सूझबूझ और गोल्डी की हिम्मत से उन्होंने यह कठिन पड़ाव पार कर लिया।

अब वे अंतिम चुनौती के पास पहुँचे—छाया दानव! यह दानव अंधेरे से बना था और उन यात्रियों को हमेशा के लिए अपने जाल में फँसा लेता था, जो डर जाते थे।

गोल्डी थोड़ी डर गई, लेकिन ब्लैकी ने उसे समझाया, “डर को जितना ज्यादा जगह दोगे, वह उतना ही ताकतवर होगा। हमें निडर होकर आगे बढ़ना होगा।”

ब्लैकी और गोल्डी ने अपनी हिम्मत जुटाई और आँखें बंद करके विश्वास के साथ चलते गए। छाया दानव ने उन्हें डराने की बहुत कोशिश की, लेकिन जब उसने देखा कि वे डरे नहीं, तो वह खुद ही गायब हो गया।

आखिरकार, वे स्वर्ण पर्वत पर पहुँचे और सूरज की पहली किरण ने नगीने को छू लिया। नगीना फिर से चमकने लगा और उसमें भरी जादुई ऊर्जा वापस आ गई।

जंगल लौटकर उन्होंने नगीना ज्ञान वृक्ष में स्थापित कर दिया। अचानक वृक्ष की शाखाएँ फिर से हरी-भरी हो गईं, फूल खिलने लगे और पूरा जंगल जीवन से भर उठा।

ओलिवर उल्लू ने गर्व से कहा, “तुम दोनों ने न केवल अपनी सूझबूझ और हिम्मत से जंगल को बचाया, बल्कि अपनी दोस्ती को भी और मजबूत किया।”

सीख

1. धैर्य और समझदारी – जल्दबाजी से गलतियाँ हो सकती हैं, लेकिन शांत और सोच-समझकर किया गया काम सफलता दिलाता है।

2. सच्ची दोस्ती – मुश्किल समय में एक सच्चा दोस्त हमेशा साथ देता है और हमें गलतियों से बचाता है।

3. डर को हराना – यदि हम अपने डर का सामना करें, तो वह खुद ही मिट जाता है।

ब्लैकी और गोल्डी की यह कहानी हमें सिखाती है कि सही सोच, साहस और दोस्ती के बल पर किसी भी कठिनाई को पार किया जा सकता है।

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