बुद्ध के आंसू बुद्ध कथा | Buddha Ke Ansoo Gautam Buddha Story

फ्रेंड्स, इस पोस्ट में हम Buddha Prerak Prasang बुद्ध के आंसू बुद्ध कथा (Buddha Ke Ansoo Buddha Story In Hindi) शेयर कर रहे हैं। Buddha Ke Ansoo Buddha Katha भगवान गौतम बुद्ध द्वारा दी गई उस शिक्षा की कहानी है, जो उन्होंने उन युवकों को दी थी, जिन्होंने उन्हें पत्थर मारा था। यह उस घटना का वर्णन है, जब भगवान बुद्ध भ्रमण पर निकले थे और एक आम के बाग में विश्राम कर रहे थे। युवकों द्वारा पत्थर जाने पर उनकी आंखों से आंसू बह निकले थे और तब उन्होंने ज्ञान की बात कही थी। पढ़िए पूरी कहानी :

इस वेबसाइट के समस्त आर्टिकल्स/सामग्रियों का कॉपीटाइट website admin के पास है। कृपया बिना अनुमति Youtube या अन्य डिजिटल या प्रिंट मीडिया में इस्तेमाल न करें। अन्यथा कार्यवाही की जावेगी।

Buddha Ke Ansoo Buddha Katha

Table of Contents

>
Buddha Ke Ansoo Buddha Story In Hindi
Buddha Ke Ansoo Buddha Ki Kahani

एक दिन भगवान बुद्ध भ्रमण पर निकले। घूमते घूमते दोपहर हो चली थी। वे थक चुके थे। पास ही आम का एक बाग था। वे वहां चले गए।

बाग में लगे पेड़ आमों से लदे हुए थे। कई आम नीचे गिरे हुए थे। महात्मा बुद्ध को तब तक भूख लग आई थी। वे पेड़ के नीचे गिरे आमों को उठा कर खाने लगे। भूख शांत हुई, तो वे उसी पेड़ की छाया में विश्राम करने लगे।

ये भी पढ़ें : नाचने वाले बाबा की कहानी

कुछ देर बाद बाग में कुछ युवक आए। आमों से लदे पेड़ देख वे पत्थर मारकर उन्हें तोड़ने लगे। वे इस बात से अनभिज्ञ थे कि उसी पेड़ के दूसरी ओर बुद्ध विश्राम कर रहे हैं।

एक युवक ने एक आम को निशाना साधकर पत्थर फेंका। किंतु उसका निशाना चूक गया और वह पेड़ के दूसरी ओर आराम कर रहे बुद्ध के सिर पर जा लगा। बुद्ध के सिर से रक्त की धारा बह निकली।

ये भी पढ़ें : बीता हुआ कल बुद्ध कथा 

अनहोनी की आशंका से तुरंत वे सभी युवक पेड़ की दूसरी ओर गए। वहाँ उन्होंने चोटिल बुद्ध को देखा। उनके सिर से रक्त बह रहा था और आँखों से अश्रुधारा।

युवकों ने सोचा, अवश्य ही पीड़ावश बुद्ध की आंखों में आंसू छलक आए हैं। जिस युवक ने पत्थर फेंका था, वह अपराधबोध से भर उठा और कहने लगा, “भगवन! मैं क्षमाप्रार्थी हूं। मेरे कारण आप ये पीड़ा भोग रहे हैं। आपकी आंखों से बहने वाले आंसुओं का कारण मैं हूं।”

ये सुनकर बुद्ध बोले, “नहीं बंधु, ऐसा नहीं है। मैं सोच रहा हूं कि तुमने आम के पेड़ पर पत्थर मारा, तो बदले में उसने तुम्हें मीठे फल दिए। किंतु जब तुमने मुझे पत्थर मारा, तो मैं बदले में तुम्हें क्या दे रहा हूं – भय और अपराधबोध। यही विचार मेरी आँखों में आंसुओं का कारण है।”

सीख (Buddha Ke Ansu Buddha Story Moral)

दोस्तों! महात्मा बुद्ध सीख देते हैं कि हमें आम के पेड़ की तरह होना चाहिए – परोपकार की भावना से ओतप्रोत और सदा दूसरों के भले के बारे में सोचने वाला, फिर चाहे दूसरे हमारे बारे में जो भी सोचें या हमसे जैसा भी व्यवहार करें। मन में दूसरों के प्रति कटुता की भावना लाकर हम अपना मन मलिन कर लेंगे और मन की शांति खो देंगे। इसलिए सदा दूसरों का भला सोचें, भला करें। भलाई कभी व्यर्थ नहीं जाती, आज नहीं तो कल, किसी न किसी रूप में उसका फल अवश्य मिलता है।

मित्रों, आपको Buddhist Story Buddha Ke Ansoo कैसी लगी? आप अपने बहुमूल्य comments के माध्यम से हमें ज़रूर बताएं। ऐसी ही ज्ञानवर्धक, नैतिक, शिक्षाप्रद कहानियां पढ़ने के लिए हमें Subscribe करना न भूलें। धन्यवाद .

Buddha Moral Story Hindi :

अनुसरण बुद्ध कथा

रस्सी की गांठ बुद्ध कथा

बुद्ध और गिलहरी की कहानी

Leave a Comment