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ऊंट और जिराफ़ की कहानी | Camel And Giraffe story In Hindi

ऊंट और जिराफ़ की कहानी | Camel And Giraffe Story In Hindi

प्रकृति ने प्रत्येक जीव को अलग-अलग विशेषताओं से नवाज़ा है। किसी में तेज़ी है, तो किसी में धैर्य, किसी में लंबाई है, तो किसी में सहनशीलता। लेकिन जब हम अपनी ताकत और कमजोरी को सही तरीके से पहचानते हैं, तब हम जीवन में सफलता प्राप्त कर सकते हैं। यह कहानी ऊंट और जिराफ़ की है, जो हमें सिखाती है कि अपनी विशेषताओं को पहचानना और मिल-जुलकर रहना कितना महत्वपूर्ण है।

Camel And Giraffe Story In Hindi

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Camel And Giraffe Story In Hindi

एक घने जंगल के किनारे एक हरा-भरा मैदान था। इस मैदान के एक तरफ रेगिस्तान शुरू होता था और दूसरी तरफ एक हरी-भरी झील थी। इस मैदान में एक ऊंट और एक जिराफ़ रहते थे। दोनों अच्छे मित्र थे, लेकिन दोनों की शारीरिक बनावट और जीवनशैली में बहुत अंतर था।

ऊंट अपनी कूबड़, मजबूत पैरों और सहनशीलता के लिए जाना जाता था। वह रेगिस्तान के लंबे सफर पर बिना पानी के चल सकता था। दूसरी ओर, जिराफ़ अपनी लंबी गर्दन और ऊंचाई के कारण जंगल के ऊँचे पेड़ों की पत्तियाँ आसानी से खा सकता था।

जंगल में जिराफ़ ऊंट की मदद के लिए ऊँचे पेड़ों से ताज़ी हरी पत्तियाँ तोड़कर उसे खिलाता था। साथ ही, उसने अपने ऊँचे कद का उपयोग करके दूर से खतरे को पहले ही देख लेता था और ऊंट को सतर्क करता था, जिससे वह किसी भी संकट से बच सके।

एक दिन, गर्मी बहुत बढ़ गई थी। झील में पानी कम होने लगा था और जंगल में हरी पत्तियाँ भी सूखने लगी थीं। दोनों को खाने-पीने की चिंता होने लगी।

जिराफ़ ने ऊंट से कहा, “मित्र, हमें कुछ उपाय करना चाहिए। अगर पानी खत्म हो गया, तो हम क्या करेंगे?”

ऊंट ने सोचा और कहा, “हमें एक साथ काम करना चाहिए। मैं रेगिस्तान में अच्छी तरह रह सकता हूँ, लेकिन तुम्हारे बिना यह सफर कठिन होगा। हम साथ मिलकर पानी खोज सकते हैं।”

दोनों ने मिलकर यात्रा शुरू की। वे रेगिस्तान की ओर बढ़े। ऊंट को गर्मी सहने की आदत थी, लेकिन जिराफ़ को मुश्किल हो रही थी। उसकी लंबी टांगें गरम रेत में धँस रही थीं।

जिराफ़ ने हिम्मत न हारते हुए कहा, “मुझे तुम्हारी तरह सहनशक्ति चाहिए। मैं कोशिश करूँगा।” ऊंट ने उसे धीरे-धीरे चलने की सलाह दी।

कुछ देर बाद, दोनों को दूर एक नखलिस्तान दिखाई दिया। वहाँ पानी और कुछ झाड़ियाँ थीं। जिराफ़ बहुत खुश हुआ, लेकिन समस्या यह थी कि पानी गड्ढे में था और वह अपनी लंबी टांगों के कारण नीचे झुककर नहीं पी सकता था।

ऊंट ने तुरंत अपनी सूझबूझ से पानी पिया और फिर अपने मुँह से जिराफ़ के लिए पानी निकालकर उसे पिलाया। जिराफ़ ने आभार व्यक्त किया। 

दोनों ने महसूस किया कि एक-दूसरे की खूबियों का सम्मान करना और मिल-जुलकर काम करना कितना ज़रूरी है। जब वे लौटे, तो उन्होंने अपने जंगल और रेगिस्तान के सभी जीवों को यह सिखाया कि अगर हम एक-दूसरे की विशेषताओं को समझें और मिलकर काम करें, तो हर समस्या का हल निकाला जा सकता है।

सीख:

इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि हर किसी में कुछ न कुछ विशेषता होती है। हमें अपनी ताकत को पहचानना चाहिए और अपने दोस्तों की विशेषताओं का सम्मान करना चाहिए। एकता और सहयोग से हर मुश्किल आसान हो सकती है।

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उम्मीद है आपको Oont Aur Giraffe Story In Hindi पसंद आई होगी।

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