टोपीवाला और बंदर की कहानी

फ्रेंड्स, इस पोस्ट में हम टोपीवाला और बंदर की कहानी (The Capseller And The Monkey Story In Hindi With Moral) शेयर कर रहे हैं. Nakalchi Bandar Aur Topiwala Ki Kahani  बच्चों की एक लोकप्रिय कहानी है. हर किसी ने अपने बचपन में ये कहानी सुनी होगी. नकलची बंदर की कहानी (Nakalchi Bandar Story In Hindi) आज भी बच्चों में उतनी ही लोकप्रिय है. तो मज़ा लीजिये इस कहानी का :

The Capseller And The Monkey Story In Hindi

The Capseller And The Monkey Story In Hindi
The Capseller And The Monkey Story In Hindi

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एक गाँव में एक आदमी रहता था. टोपी बेचना उसका काम था. अपने गाँव के साथ ही वह आस-पास के दूसरे गाँवों में भी घूम-घूमकर टोपियाँ बेचा करता था. वह रोज़ सुबह एक बड़ी सी टोकरी में ढेर सारी रंग-बिरंगी टोपियाँ भरता और उसे सिर पर लादकर घर से निकल जाता. सांझ ढले सारी टोपियाँ बेचकर वह घर वापस आता था.

एक दिन अपने गाँव में टोपियाँ बेचने के बाद वह पास के एक दूसरे गाँव जा रहा था. दोपहर का समय था. वह थका हुआ था और उसका गला भी सूख रहा था. रास्ते में एक स्थान पर कुआँ देख वह रुक गया. कुएं के पास ही बरगद का एक पेड़ था, जिसके नीचे उसने टोपियों की टोकरी रख दी और कुएं से पानी निकालकर पीने लगा.

प्यास बुझ जाने के बाद उसने सोचा कि थोड़ी देर सुस्ताने के बाद ही आगे बढ़ना ठीक होगा. उसने टोकरी में से एक टोपी निकाली और पहन ली. फिर बरगद के पेड़ के नीचे गमछा बिछाकर बैठ गया. वह थका हुआ तो था ही, जल्दी ही उसे नींद आ गई.

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वह खर्राटे मारते हुए सो रहा था कि शोर-शराबे से उसकी नींद उचट गई. आँख खुली, तो उसने देखा कि बरगद के पेड़ के ऊपर ढेर सारे बंदर उछल-कूद कर रहे हैं. वह यह देखकर चकित रहा गया कि उन सब बंदरों के सिर पर टोपियाँ थीं. उसने अपनी टोपियों की टोकरी की ओर दृष्टि डाली, तो सारी टोपियाँ नदारत पाई.

चिंता में वह अपना माथा पीटने लगा. सोचने लगा कि अगर बंदर सारी टोपियाँ ले गए, तो उसे बड़ा नुकसान हो जायेगा. उसे माथा पीटता देख बंदर भी अपना माथा पीटने लगे. बंदरों को नक़ल उतारने की आदत होती है. वे टोपीवाले की नक़ल उतार रहे थे.

बंदरों को अपनी नक़ल उतारता देख टोपीवाले को टोपियाँ वापस प्राप्त करने का एक उपाय सूझ गया. उपाय पर अमल करते हुए उसने अपने सिर से टोपी उतारकर फेंक दी. फिर क्या था? बंदरों ने भी अपनी-अपनी टोपियाँ उतारकर फ़ेंक दी. टोपीवाले ने झटपट सारी टोपियाँ टोकरी में इकठ्ठी की और आगे की राह पकड़ ली.

शिक्षा (Moral of the story)

सूझबूझ से हर समस्या का हल निकाला जा सकता है.


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