बिल्ली और चूहे की साझेदारी की कहानी (Cat And Mouse In Partnership Story In Hindi Fairy Tale) यह कहानी एक चालाक बिल्ली और मासूम चूहे की है, जो हमें सच्चे मित्र की पहचान और धोखेबाज से सावधान रहने का सबक देती है। बिल्ली और चूहे की यह साझेदारी विश्वासघात और स्वार्थ की गहराई को उजागर करती है।
Cat And Mouse In Partnership Story In Hindi
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बहुत समय पहले की बात है, एक चालाक बिल्ली ने एक भोले और मासूम चूहे से दोस्ती कर ली। बिल्ली ने अपनी मीठी-मीठी बातों और झूठी मित्रता से चूहे को यह विश्वास दिला दिया कि वे दोनों साथ रहकर एक-दूसरे का सहारा बन सकते हैं। उसने चूहे से कहा, “हम सर्दी के लिए कुछ खाना जमा कर लें। सर्दियों में जब कुछ भी नहीं मिलेगा, तो यही खाना हमें बचाएगा।”
चूहे ने सहमति जताई, और दोनों ने चर्बी का एक बर्तन खरीदा। चूहे ने पूछा, “अब इसे कहाँ रखें कि यह सुरक्षित रहे?”
बिल्ली ने सोचा और कहा, “चर्च से सुरक्षित जगह कोई नहीं हो सकती। लोग वहाँ कुछ भी चुराने की हिम्मत नहीं करते। इसे चर्च की वेदी के नीचे रख देते हैं।”
चूहे को यह सुझाव अच्छा लगा। वे बर्तन को चर्च में रख आए और वादा किया कि जब तक बहुत जरूरत न हो, उसे नहीं छूएंगे। लेकिन चालाक बिल्ली को चर्बी की महक ने बेचैन कर दिया।
एक दिन बिल्ली ने चूहे से कहा, “मेरी चचेरी बहन के घर एक छोटा बच्चा हुआ है। उन्होंने मुझे उसका गॉडफादर बनने के लिए बुलाया है। मुझे आज जाना पड़ेगा। तुम घर की देखभाल करना।”
भोले चूहे ने कहा, “जाओ, और कुछ अच्छा खाने को मिले, तो मेरा ख्याल रखना।”
बिल्ली तुरंत चर्च गई और चर्बी के बर्तन का ऊपरी हिस्सा चाट लिया। फिर वह दिनभर इधर-उधर घूमती रही और शाम को घर लौट आई।
चूहे ने पूछा, “तुम्हारा दिन कैसा बीता? बच्चे का नाम क्या रखा?”
बिल्ली ने जवाब दिया, “टॉप-ऑफ।”
“टॉप-ऑफ? यह कैसा नाम है?” चूहे ने आश्चर्य से पूछा।
“हमारे परिवार में यह नाम आम है।” बिल्ली ने बात टाल दी।
कुछ दिनों बाद बिल्ली को फिर से चर्बी खाने की लालसा हुई। उसने चूहे से कहा, “मुझे फिर से गॉडफादर बनने के लिए बुलाया गया है। बच्चे का गला सफेद है, इसलिए मैं मना नहीं कर सकती।”
चूहा सहमत हो गया। बिल्ली ने चर्च जाकर चर्बी का आधा बर्तन खा लिया। लौटकर उसने चूहे को बताया कि बच्चे का नाम “हाफ-गॉन” रखा गया है।
“हाफ-गॉन? यह तो और भी अजीब नाम है।” चूहे ने कहा, “मैंने यह नाम पहले कभी नहीं सुना।”
बिल्ली ने अपनी मंशा छुपाते हुए बात बदल दी।
कुछ समय बाद बिल्ली की लालच ने फिर सिर उठाया। उसने चूहे से कहा, “मुझे आखिरी बार गॉडफादर बनने के लिए बुलाया गया है। इस बार बच्चा पूरी तरह काला है, बस उसके पंजे सफेद हैं। मुझे जाना होगा।”
भोले चूहे ने फिर से विश्वास कर लिया। बिल्ली ने चर्च जाकर बची हुई पूरी चर्बी खा ली। जब वह घर लौटी, तो चूहे ने पूछा, “अब इस बच्चे का क्या नाम रखा गया है?”
“ऑल-गॉन!” बिल्ली ने कहा।
“ऑल-गॉन? यह तो सबसे विचित्र नाम है। इसका मतलब क्या हो सकता है?” चूहा हैरान था।
सर्दी के दिन आ गए। खाने के लिए कुछ भी नहीं बचा था। चूहे को अपने चर्बी के बर्तन की याद आई। उसने बिल्ली से कहा, “चलो, चर्च चलते हैं। अब हमारे संग्रहित भोजन का समय आ गया है।”
बिल्ली ने कहा, “हाँ, चलो। वहाँ तुम्हें अपनी मेहनत का फल मिलेगा।”
जब वे चर्च पहुंचे, तो बर्तन खाली था। चूहे को तुरंत समझ में आ गया कि बिल्ली ने उसे धोखा दिया है। उसने गुस्से से कहा, “तो यह तुम्हारा गॉडफादर बनना था? पहले टॉप-ऑफ, फिर हाफ-गॉन, और अब ऑल-गॉन। तुमने सब कुछ खा लिया। तुमने मुझे धोखा दिया।”
बिल्ली गुस्से से आग-बबूला हो गई। उसने चूहे से कहा, “अगर तुमने एक शब्द और बोला, तो तुम्हें भी खा जाऊँगी।”
लेकिन चूहा रुका नहीं। उसने कहा, “अब सब कुछ खत्म हो चुका है। तुमने हमारी दोस्ती को धोखा दिया है।”
जैसे ही चूहे ने “सब कुछ खत्म हो गया” कहा, बिल्ली ने उस पर झपट्टा मारा और उसे निगल लिया।
सीख
1. सच्चे मित्र की पहचान जरूरी है: हमें अपने मित्रों का चुनाव सोच-समझकर करना चाहिए। जो केवल अपने लाभ के लिए हमें इस्तेमाल करें, वे सच्चे मित्र नहीं होते।
2. भरोसे से पहले सावधानी बरतें: अंधविश्वास और अत्यधिक भरोसा कई बार नुकसान का कारण बनता है।
3. स्वार्थ का अंत दुखद होता है: जो व्यक्ति केवल अपने स्वार्थ के लिए जीते हैं, वे अंततः अकेले रह जाते हैं।
यह कहानी हमें सिखाती है कि हमेशा सतर्क रहें और सच्चे मित्र को पहचानने की क्षमता विकसित करें।
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