छोटे बच्चों की कहानी (Chhote Baccho Ki Kahani In Hindi) इस पोस्ट में शेयर की जा रही है।
Chhote Baccho Ki Kahani
Table of Contents
1. खरगोश और कछुआ
एक जंगल में एक खरगोश और एक कछुआ रहते थे। खरगोश हमेशा कछुए का मजाक उड़ाता था कि वह कितना धीमा है। एक दिन, कछुए ने खरगोश को दौड़ लगाने की चुनौती दी। सभी जानवरों ने दौड़ की तैयारी की। दौड़ शुरू हुई, और खरगोश ने बहुत तेजी से दौड़ना शुरू कर दिया। जल्दी ही, उसने देखा कि कछुआ बहुत पीछे रह गया है। खरगोश ने सोचा कि वह थोड़ा आराम कर लेगा और फिर दौड़ पूरी कर लेगा। वह एक पेड़ के नीचे सो गया। लेकिन कछुआ धीरे-धीरे चलते हुए आगे बढ़ता रहा। जब खरगोश उठा, तो उसने देखा कि कछुआ फिनिश लाइन के पास पहुंच गया है। खरगोश ने दौड़ने की कोशिश की, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। कछुआ दौड़ जीत गया।
सीख: धैर्य और निरंतरता से काम करना हमेशा तेज़ी से काम करने से बेहतर होता है।
2. प्यासा कौवा
गर्मी का मौसम था, और एक प्यासी कौवा पानी की तलाश में इधर-उधर उड़ रही थी। उसे बहुत प्यास लगी थी, लेकिन कहीं भी पानी नहीं मिल रहा था। बहुत समय बाद, उसे एक घड़ा दिखाई दिया जिसमें थोड़ी सी पानी थी। लेकिन पानी घड़े के नीचे था और कौवा उस तक नहीं पहुंच सकती थी। कौवा ने सोचा और फिर उसे एक उपाय सूझा। उसने पास पड़े छोटे-छोटे पत्थरों को घड़े में डालना शुरू किया। धीरे-धीरे, पानी ऊपर आ गया और कौवा ने अपनी प्यास बुझाई।
सीख: मुश्किल समय में सूझबूझ और मेहनत से समस्या का समाधान किया जा सकता है।
3. सच्चा दोस्त
एक दिन, दो दोस्त जंगल से गुजर रहे थे। अचानक, उनके सामने एक भालू आ गया। पहले दोस्त ने जल्दी से एक पेड़ पर चढ़कर खुद को सुरक्षित कर लिया। दूसरे दोस्त को पेड़ पर चढ़ना नहीं आता था, इसलिए वह जमीन पर लेट गया और सांस रोक ली, ताकि भालू उसे मरा हुआ समझे। भालू ने उस दोस्त के पास आकर उसकी सूंघी और फिर उसे छोड़ दिया, क्योंकि भालू मरे हुए जानवरों को नहीं खाता। जब भालू चला गया, तो पहले दोस्त ने नीचे आकर दूसरे दोस्त से पूछा, “भालू ने तुम्हारे कान में क्या कहा?” दूसरे दोस्त ने जवाब दिया, “भालू ने कहा कि जो दोस्त तुम्हें मुसीबत में छोड़ दे, वह सच्चा दोस्त नहीं है।”
सीख: सच्चे दोस्त वही होते हैं जो मुश्किल समय में आपका साथ देते हैं।
4. लालची कुत्ता
एक दिन एक कुत्ते को मांस का टुकड़ा मिला। वह बहुत खुश हुआ और उसे लेकर एक पुल के ऊपर से गुजरने लगा। जब उसने पानी में अपनी परछाई देखी, तो उसे लगा कि वह दूसरा कुत्ता है जिसके पास भी मांस का टुकड़ा है। लालच में आकर उसने उस कुत्ते का मांस छीनने के लिए भौंकना शुरू कर दिया। लेकिन जैसे ही उसने मुंह खोला, उसका मांस का टुकड़ा पानी में गिर गया और वह खाली हाथ रह गया।
सीख: लालच बुरी बला है और इससे हमेशा नुकसान ही होता है।
5. बुद्धिमान लोमड़ी
एक दिन, एक लोमड़ी बहुत भूखी थी और उसने एक अंगूर के बाग़ देखा। अंगूर बहुत ऊँचाई पर लगे थे। लोमड़ी ने उन्हें पाने की बहुत कोशिश की, लेकिन वह उन तक नहीं पहुंच सकी। बार-बार कोशिश करने के बाद, वह थक गई और खुद को दिलासा देते हुए बोली, “ये अंगूर तो खट्टे हैं, मुझे नहीं चाहिए।” और वहां से चली गई।
सीख: जब हम किसी चीज़ को हासिल नहीं कर पाते हैं, तो हमें उस चीज़ की कमी को नजरअंदाज करने के बजाय सच्चाई को स्वीकार करना चाहिए।
6. मेहनती चींटी
एक बार एक चींटी गर्मी के मौसम में अपने लिए खाना इकट्ठा कर रही थी। उसने पूरे मौसम भर काम किया और ढेर सारा खाना जमा किया। दूसरी ओर, एक टिड्डा जो बहुत आलसी था, उसने कोई तैयारी नहीं की और सारा समय आराम किया। जब सर्दी आई, तो चींटी के पास ढेर सारा खाना था, जबकि टिड्डा भूखा रह गया और उसे चींटी से मदद मांगनी पड़ी।
सीख: समय पर मेहनत करना महत्वपूर्ण है ताकि बुरे समय में परेशानी न हो।
7. झूठा चरवाहा
एक गाँव में एक चरवाहा लड़का रहता था। वह हमेशा भेड़ों को चराते हुए ऊब जाता था। एक दिन, उसने मज़े के लिए “भेड़िया आया, भेड़िया आया!” चिल्लाना शुरू कर दिया। गाँव वाले दौड़कर आए, लेकिन उन्होंने देखा कि कोई भेड़िया नहीं था। चरवाहा हँसता रहा। कुछ दिनों बाद, उसने फिर से यही किया, और गाँव वाले फिर से आ गए। लेकिन एक दिन सच में भेड़िया आ गया। जब उसने मदद के लिए पुकारा, तो कोई नहीं आया। भेड़िये ने उसकी भेड़ों पर हमला कर दिया।
सीख: झूठ बोलने से भरोसा टूट जाता है, और जब सच में मदद की ज़रूरत होती है, तो कोई नहीं आता।
8. सोने का अंडा देने वाली मुर्गी
एक किसान के पास एक मुर्गी थी जो हर दिन सोने का अंडा देती थी। किसान बहुत खुश था और धीरे-धीरे अमीर होने लगा। लेकिन वह बहुत लालची हो गया। उसने सोचा कि अगर वह मुर्गी के पेट को काटकर सारे सोने के अंडे एक साथ निकाल ले, तो वह जल्दी से बहुत अमीर हो जाएगा। उसने ऐसा ही किया, लेकिन मुर्गी के पेट में कोई सोने का अंडा नहीं था। अब न तो उसके पास मुर्गी रही और न ही सोने का अंडा।
सीख: लालच से हमेशा नुकसान होता है, हमें संतोषी होना चाहिए।
9. हंस और कछुआ
एक बार एक कछुआ और दो हंस बहुत अच्छे दोस्त थे। कछुआ उड़ना चाहता था, लेकिन वह उड़ नहीं सकता था। हंसों ने उसे उड़ाने का उपाय निकाला। उन्होंने एक लकड़ी को अपने बीच पकड़ा और कछुए को इसे अपने मुंह से पकड़ने को कहा। कछुए को एक शर्त रखी गई कि वह अपना मुंह नहीं खोलेगा। उड़ान के दौरान, कछुए ने नीचे के नज़ारे देखकर उत्साहित होकर कुछ कहने के लिए मुंह खोला और वह नीचे गिर गया।
सीख: उत्साह में भी हमें संयम रखना चाहिए और अपनी शर्तों का पालन करना चाहिए।
10. दो बकरियों की कहानी
एक बार की बात है, एक संकरी पुलिया पर दो बकरियाँ आ गईं। दोनों बकरियाँ एक-दूसरे को रास्ता देने के बजाय, लड़ने लगीं। वे एक-दूसरे को मारने की कोशिश करने लगीं। लड़ाई के दौरान, दोनों पुलिया से गिर गईं और नदी में बह गईं।
सीख: जिद और अहंकार से नुकसान होता है। हमें हमेशा समझदारी और सहयोग से काम लेना चाहिए।
11. शेर और चूहा
एक दिन, एक शेर सो रहा था। अचानक, एक छोटा चूहा उसके ऊपर दौड़ने लगा। शेर जागा और चूहे को पकड़ लिया। चूहा डर गया और बोला, “मुझे माफ कर दो, एक दिन मैं तुम्हारी मदद करूंगा।” शेर ने हंसते हुए उसे छोड़ दिया।
कुछ दिनों बाद, शेर एक जाल में फंस गया। शेर ने जोर से दहाड़ा। चूहे ने शेर की आवाज सुनी और जाल को कुतरकर शेर को आजाद कर दिया।
सीख: छोटे और कमजोर दिखने वाले भी मददगार हो सकते हैं, हमें कभी किसी को छोटा नहीं समझना चाहिए।
12. प्यासा हाथी
गर्मी के दिनों में, एक हाथी बहुत प्यासा हो गया। वह पानी की तलाश में इधर-उधर भटकने लगा। काफी देर बाद, उसे एक तालाब मिला। लेकिन तालाब का पानी सूख चुका था। हाथी निराश हो गया। तभी उसने तालाब के किनारे एक पेड़ की जड़ें देखीं जो पानी तक पहुंच रही थीं। हाथी ने अपनी सूंड से उन जड़ों को खींचा और पानी बाहर निकाल लिया। हाथी ने अपनी प्यास बुझाई और खुशी-खुशी वापस चला गया।
सीख: समझदारी से काम लेकर मुश्किल समय में भी समाधान खोजा जा सकता है।
13. तीन मित्र
एक बार की बात है, तीन मित्र – एक लोमड़ी, एक बिल्ली, और एक कौआ जंगल में रहते थे। वे हमेशा एक साथ खेलते और भोजन की तलाश करते थे। एक दिन, उन्हें एक बड़ा
मांस का टुकड़ा मिला। लोमड़ी ने सोचा कि वह दोनों से यह मांस छीन लेगी। उसने योजना बनाई और कहा, “हमें यह मांस तीन हिस्सों में बांटना चाहिए, ताकि हम सबको बराबर-बराबर मिले।” तीनों सहमत हो गए। लोमड़ी ने चालाकी से मांस को इस तरह से बाँटा कि सबसे बड़ा हिस्सा उसके लिए, छोटा हिस्सा बिल्ली के लिए, और सबसे छोटा हिस्सा कौए के लिए रखा। बिल्ली और कौआ इस पर नाराज़ हो गए और लोमड़ी से झगड़ा करने लगे।
बिल्ली और कौआ ने सोचा कि लोमड़ी ने हमारे साथ बेईमानी की है, इसलिए हमें इसे सबक सिखाना चाहिए। उन्होंने आपस में योजना बनाई और लोमड़ी को चतुराई से मांस के हिस्से को फिर से बांटने के लिए मजबूर किया। अंततः, उन्होंने मिलकर मांस को बराबर बांटा और तीनों दोस्त संतुष्ट हो गए।
सीख: मित्रता में ईमानदारी और निष्पक्षता होनी चाहिए। लालच से दोस्ती में दरार आ सकती है।
14. मेहनती मधुमक्खी
एक बगीचे में एक मधुमक्खी अपने छत्ते के लिए शहद इकट्ठा करने में बहुत मेहनत कर रही थी। हर दिन वह विभिन्न फूलों से रस इकट्ठा करती और उसे छत्ते में जमा करती।
बगीचे में एक तितली भी रहती थी जो मधुमक्खी का मजाक उड़ाती थी कि वह कितना काम करती है। तितली सारा दिन इधर-उधर उड़ती और आराम करती।
समय बीतता गया, और सर्दी का मौसम आ गया। मधुमक्खी के पास अपने छत्ते में ढेर सारा शहद जमा था, जबकि तितली को भूख से मरना पड़ा।
सीख: परिश्रम और तैयारी से हम बुरे समय में भी सुरक्षित रहते हैं। आलस्य से हमेशा नुकसान होता है।
15. लोमड़ी और अंगूर
एक दिन एक लोमड़ी बहुत भूखी थी। उसने एक बाग़ में लटकते हुए अंगूरों को देखा। अंगूर ऊँचाई पर थे और लोमड़ी ने उन्हें पाने की बहुत कोशिश की, लेकिन वह असफल रही। कई बार कोशिश करने के बाद भी जब वह अंगूर तक नहीं पहुंच सकी, तो उसने खुद को तसल्ली देते हुए कहा, “ये अंगूर तो खट्टे हैं, मुझे नहीं चाहिए।” और वहाँ से चली गई।
सीख: जब हम किसी चीज़ को हासिल नहीं कर पाते, तो हमें उसे दोष देने के बजाय अपनी क्षमता को पहचानना चाहिए और कड़ी मेहनत करनी चाहिए।
16. गधा और शेर की खाल
एक बार एक गधे ने जंगल में शेर की खाल देखी। उसने सोचा कि अगर वह इसे पहन लेगा, तो सारे जानवर उससे डरेंगे। गधे ने शेर की खाल पहन ली और जंगल में घूमने लगा। सभी जानवर उसे देखकर डर गए और भागने लगे।
गधा बहुत खुश हुआ और जोर-जोर से रेंकने लगा। जैसे ही उसकी आवाज़ सुनी, जानवरों को पता चल गया कि यह शेर नहीं, बल्कि एक गधा है। सभी जानवरों ने मिलकर उसे जंगल से बाहर निकाल दिया।
सीख: बाहरी दिखावे से कोई भी महान नहीं बनता, असली पहचान हमेशा सामने आ जाती है।
17. खरगोश और सांप
एक जंगल में एक खरगोश और एक सांप रहते थे। एक दिन, सांप ने खरगोश को अपनी चतुराई से फँसाने का प्रयास किया। उसने कहा, “मैं तुम्हें जंगल की सबसे अच्छी जगह पर ले जाऊँगा, जहाँ बहुत स्वादिष्ट खाना है।”
खरगोश को संदेह हुआ, लेकिन वह लालच में आकर सांप के साथ चला गया। सांप उसे एक सुनसान जगह पर ले गया और हमला करने की कोशिश की। लेकिन खरगोश ने जल्दी से एक पेड़ की खोखली में घुसकर खुद को बचा लिया।
सीख: हमेशा सतर्क रहना चाहिए और अजनबियों पर आँख बंद करके विश्वास नहीं करना चाहिए।
18. बुद्धिमान राजा
एक समय की बात है, एक राज्य में एक बहुत ही बुद्धिमान राजा था। एक दिन, राज्य में दो महिलाएँ आईं और एक ही बच्चे को अपना बताने लगीं।
राजा ने बच्चे की माँ का पता लगाने के लिए आदेश दिया कि बच्चे को दो हिस्सों में काटकर दोनों महिलाओं को दे दिया जाए।
असली माँ तुरंत रो पड़ी और बोली, “नहीं! इसे दूसरी महिला को दे दो, पर मेरे बच्चे को मत मारो।” राजा ने समझ लिया कि वही असली माँ है और बच्चे को उसकी माँ को सौंप दिया।
सीख: सच्चे प्यार और ममता की पहचान मुश्किल घड़ी में होती है।
19. चींटी और कबूतर
एक दिन एक चींटी नदी के किनारे पानी पीने गई। अचानक वह फिसल गई और नदी में गिर गई। वह डूबने लगी। तभी एक कबूतर ने उसे देखा और जल्दी से एक पत्ता तोड़कर नदी में फेंक दिया।
चींटी ने उस पत्ते को पकड़ लिया और खुद को बचा लिया। कुछ दिनों बाद, एक शिकारी कबूतर को पकड़ने के लिए जाल बिछा रहा था। चींटी ने यह देखा और जल्दी से शिकारी के पैर में काट लिया। शिकारी का ध्यान बंट गया और कबूतर उड़ गया।
सीख: दूसरों की मदद करने से हमें भी मदद मिलती है। नेक काम का फल जरूर मिलता है।
20. मछुआरे का जाल
एक मछुआरा रोज़ सुबह नदी में मछलियाँ पकड़ने जाता था। वह अपने जाल को नदी में डालता और कुछ देर बाद उसे खींचता। एक दिन, उसे जाल में बहुत सारी छोटी-छोटी मछलियाँ मिलीं। वे सभी मछलियाँ रोने लगीं और मछुआरे से विनती करने लगीं, “हमें छोड़ दो, हम बहुत छोटी हैं। जब हम बड़ी हो जाएँगी, तो तुम हमें फिर से पकड़ लेना।” मछुआरा मुस्कुराया और बोला, “अगर मैंने तुम्हें छोड़ दिया, तो फिर मैं अपना पेट कैसे भरूँगा?” और वह सभी मछलियाँ लेकर चला गया।
सीख: कठिन समय में हमारी स्थिति का फायदा उठाने वाले लोग हमेशा मिल सकते हैं, इसलिए हमें हमेशा समझदारी से काम लेना चाहिए।
21. दोस्ती का मूल्य
एक बार की बात है, एक छोटा सा गाँव था जहाँ दो अच्छे दोस्त रहते थे, रामू और श्यामू। दोनों ने हमेशा एक-दूसरे का साथ दिया, चाहे कितनी भी कठिनाई क्यों न आई हो।
एक दिन, गाँव में एक बाघ घुस आया। बाघ ने रामू और श्यामू को देखा। रामू जल्दी से पेड़ पर चढ़ गया, लेकिन श्यामू को पेड़ पर चढ़ना नहीं आता था। श्यामू ने तुरंत ज़मीन पर लेटकर सांस रोक ली। बाघ ने उसे सूंघा और उसे मरा हुआ समझकर छोड़ दिया।
जब बाघ चला गया, रामू ने श्यामू से पूछा, “बाघ ने तुम्हारे कान में क्या कहा?” श्यामू ने उत्तर दिया, “बाघ ने कहा कि सच्चे दोस्त मुसीबत में साथ नहीं छोड़ते।”
सीख: सच्चा दोस्त वही है जो मुश्किल समय में आपका साथ दे।
22. परिश्रमी किसान
एक बार एक किसान के चार बेटे थे। वे बहुत आलसी थे और कभी भी काम में मदद नहीं करते थे। एक दिन, किसान बीमार पड़ गया। उसने अपने बेटों को बुलाया और कहा, “मैंने खेत में खजाना छिपा रखा है। उसे ढूँढो और वह तुम्हारा होगा।”
किसान की मृत्यु के बाद, चारों बेटे खेत खोदने लगे। लेकिन उन्हें कहीं भी खजाना नहीं मिला। निराश होकर उन्होंने खेती शुरू की, और वह साल उनकी मेहनत के कारण खेत में अच्छी फसल हुई। उन्होंने फसल बेचकर काफी धन कमाया।
सीख: मेहनत ही असली खजाना है।
23. जंगल का न्याय
एक जंगल में एक लोमड़ी और एक सारस अच्छे दोस्त थे। एक दिन, लोमड़ी ने सारस को भोजन के लिए आमंत्रित किया। उसने सारस के लिए एक चौड़े बर्तन में पतली सूप परोसी। सारस अपनी लंबी चोंच के कारण सूप नहीं पी सका और भूखा रह गया।
सारस ने बदला लेने का सोचा और लोमड़ी को अपने घर भोजन के लिए बुलाया। उसने सूप को लंबी गर्दन वाले बर्तन में परोसा, जिससे लोमड़ी अपनी छोटी मुँह से सूप नहीं पी सकी और भूखी रह गई।
सीख: जैसा व्यवहार हम दूसरों के साथ करते हैं, वैसा ही हमारे साथ होता है।
24. ईमानदार लकड़हारा
एक बार एक ईमानदार लकड़हारा नदी के किनारे पेड़ काट रहा था। अचानक उसकी कुल्हाड़ी नदी में गिर गई। वह बहुत दुखी हो गया क्योंकि उसके पास कुल्हाड़ी खरीदने के लिए पैसे नहीं थे।
तभी नदी से एक जलपरी प्रकट हुई और उसने सोने और चांदी की कुल्हाड़ी दिखाकर पूछा, “क्या यह तुम्हारी है?”
लकड़हारे ने ईमानदारी से कहा, “नहीं, मेरी कुल्हाड़ी लोहे की है।”
जलपरी उसकी ईमानदारी से प्रभावित हुई और उसे सोने, चांदी और लोहे की तीनों कुल्हाड़ियाँ दे दीं।
सीख: ईमानदारी का फल हमेशा मीठा होता है।
25. हंस और तालाब
एक बार एक हंस और एक बतख एक ही तालाब में रहते थे। हंस ने अपने सुंदर पंखों पर गर्व किया और बतख को हमेशा ताना मारा कि वह कितना साधारण दिखता है।
एक दिन, उस तालाब का पानी सूख गया और हंस को नए तालाब की तलाश में जाना पड़ा। बतख, जो तैरने में माहिर था, आसानी से नई जगह ढूंढ ली, जबकि हंस अपनी सुंदरता के कारण उड़ नहीं सका और भूखा प्यासा रह गया।
सीख: बाहरी सुंदरता से अधिक महत्वपूर्ण है आंतरिक गुण और कौशल।
26. चार चोर और बुढ़िया
चार चोरों ने एक बुढ़िया के घर में चोरी करने की योजना बनाई। बुढ़िया ने यह सुन लिया और एक चाल सोची। उसने जोर-जोर से बोलना शुरू किया, “मेरे पास बहुत सारा धन है, लेकिन मैं इसे कहाँ छिपाऊँ? चलो इसे कुएं में छिपा देती हूँ।”
चोरों ने यह सुना और सोचा कि बुढ़िया बेवकूफ है। उन्होंने कुएं में छलांग लगा दी, लेकिन वहाँ कोई धन नहीं था। बुढ़िया ने गाँव वालों को बुलाया और चोरों को पकड़वा दिया।
सीख: चालाकी से मुसीबतों का सामना किया जा सकता है।
27. कछुआ और चिड़िया
एक बार, एक कछुआ और एक चिड़िया अच्छे दोस्त थे। चिड़िया ने कछुए को उड़ना सिखाने की कोशिश की, लेकिन कछुआ उड़ नहीं सका।
उसने निराश होकर सोचा कि वह कभी कुछ नहीं कर पाएगा। लेकिन चिड़िया ने उसे उसकी अपनी खासियत बताई और कहा, “तुम्हारा धैर्य और मेहनत तुम्हें सबसे खास बनाता है।” कछुआ ने यह मान लिया और खुद पर गर्व किया।
सीख: हर किसी में कुछ न कुछ खास होता है, बस उसे पहचानने की ज़रूरत है।
28. मछली और शिकारी
एक नदी में एक छोटी मछली रहती थी। एक दिन, उसे शिकारी का जाल दिखाई दिया। वह डर गई, लेकिन फिर उसने सोचा कि उसे भागने का कोई तरीका खोजना चाहिए।
मछली ने जाल के अंदर जाने का नाटक किया और जब शिकारी ने जाल खींचा, तो मछली ने अपनी पूरी ताकत से पानी के विपरीत दिशा में तैरकर खुद को आज़ाद कर लिया।
सीख: कठिन समय में हिम्मत और समझदारी से काम लेना चाहिए।
29. आलसी गधा
एक व्यापारी के पास एक गधा था जो हमेशा बहुत आलसी रहता था। वह किसी भी काम को पूरा करने में देरी करता और हमेशा आराम करना चाहता था।
व्यापारी ने सोचा कि वह इसे सिखाएगा। एक दिन, व्यापारी ने गधे को बहुत सारा भार उठाने को कहा। गधा फिर से आलस दिखाने लगा, तो व्यापारी ने उसके लिए दूसरा गधा ले लिया। आलसी गधा अब बिना काम के हो गया और उसे एहसास हुआ कि आलस उसे किसी भी काम का नहीं रहने देगा।
सीख: आलस से जीवन में कोई भी सफलता प्राप्त नहीं होती।
30. चालाक बंदर
एक बार एक जंगल में एक पेड़ पर बहुत सारे फल लगे थे। सभी जानवर उसे पाना चाहते थे, लेकिन फल बहुत ऊँचाई पर थे। एक चालाक बंदर ने एक योजना बनाई।
उसने एक-एक करके सभी जानवरों को उस पेड़ के पास बुलाया और उनसे वादा किया कि वह उन्हें फल दे देगा। लेकिन जब सभी जानवर पेड़ के नीचे इकट्ठे हो गए, तो बंदर ने खुद सारे फल खा लिए और पेड़ से नीचे नहीं उतरा।
सीख: लालच से हमेशा नुकसान होता है, और दूसरों के साथ धोखा करना कभी भी उचित नहीं होता।