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चुनरी चिड़िया की कहानी | Chunari Chidiya Ki Kahani

chunari chidiya ki kahani चुनरी चिड़िया की कहानी | Chunari Chidiya Ki Kahani
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चुनरी चिड़िया की कहानी | Chunari Chidiya Ki Kahani इस पोस्ट में शेयर की जा रही है। यह एक दयालु, बहादुर और बुद्धिमान चिड़िया की कहानी है।

Chunari Chidiya Ki Kahani 

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Chunari Chidiya Ki Kahani 

एक छोटे से गाँव में, हरियाली और सुंदरता के बीच, चुनरी नाम की एक प्यारी सी चिड़िया रहती थी। चुनरी का नाम इसलिए पड़ा क्योंकि उसके पंखों का रंग बिल्कुल एक रंग-बिरंगी चुनरी जैसा था। उसके पंखों में लाल, पीला, नीला और हरा रंग ऐसे मिलते थे जैसे किसी ने बहुत प्यार से उसे रंगों की चुनरी ओढ़ा दी हो। चुनरी न केवल सुंदर थी, बल्कि बहुत बुद्धिमान और साहसी भी थी।

चुनरी का घर एक बड़े पीपल के पेड़ पर था, जो गाँव के बीचों-बीच स्थित था। यह पेड़ गाँववालों के लिए विशेष महत्व रखता था। गाँव के बच्चे इस पेड़ के नीचे खेलते, बुजुर्ग इसके नीचे बैठकर आपस में बातें करते और त्योहारों पर यहाँ पूजा भी होती थी। चुनरी के मधुर गीतों से पेड़ और भी जीवंत हो जाता था।

एक दिन, गाँव में एक संकट आया। पास की नदी में अचानक बाढ़ आ गई, जिससे गाँव का एक बड़ा हिस्सा पानी में डूब गया। लोग बहुत परेशान हो गए और उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि इस समस्या का सामना कैसे किया जाए। गाँव के मुखिया ने सभी गाँववालों को एकत्रित किया और उनसे मदद की गुहार लगाई।

चुनरी ने जब गाँववालों की परेशानी देखी, तो उसने सोचा कि उसे कुछ करना चाहिए। उसने अपने दोस्तों – हाथी, घोड़ा, और बंदर से मिलकर एक योजना बनाई। चुनरी ने कहा, “हम सब मिलकर गाँववालों की मदद कर सकते हैं। हमें बस सही दिशा में काम करना होगा।”

चुनरी ने हाथी से कहा, “तुम अपनी बड़ी सूंड का उपयोग करके रास्ते में आने वाले अवरोधों को हटा सकते हो और लोगों को सुरक्षित स्थान पर जाने में मदद कर सकते हो।” घोड़े से उसने कहा, “तुम अपनी तेज दौड़ से उन घरों में जाओ जहाँ लोग फंसे हुए हैं और उन्हें सुरक्षित स्थान पर ले आओ।” और बंदर से उसने कहा, “तुम अपने फुर्तीलेपन से पेड़ों पर चढ़कर और ऊँची जगहों पर जाकर लोगों को रास्ता दिखाओ और उनकी मदद करो।”

सबने मिलकर काम करना शुरू किया। हाथी ने अपनी बड़ी सूंड से रास्ते में आए पेड़ और अन्य अवरोधों को हटाया और गाँववालों को सुरक्षित स्थान पर जाने में मदद की। घोड़े ने अपनी तेज दौड़ से गाँव के हर कोने में जाकर लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुँचाया। बंदर ने पेड़ों पर चढ़कर ऊँची जगहों से लोगों को सुरक्षित स्थान का रास्ता दिखाया और उनकी मदद की। चुनरी ने भी अपने पंखों का उपयोग करते हुए गाँववालों को सुरक्षित स्थान पर पहुँचने में मदद की।

गाँववालों ने देखा कि चुनरी और उसके दोस्तों ने मिलकर उनकी कितनी मदद की, तो वे बहुत खुश हुए। उन्होंने चुनरी और उसके दोस्तों का धन्यवाद किया और उनके साहस और एकता की सराहना की।

इस घटना के बाद, चुनरी गाँव में और भी लोकप्रिय हो गई। लोग उसकी बहादुरी और समझदारी की कहानियाँ सुनाने लगे। चुनरी ने सबको यह सिखाया कि अगर हम सब मिलकर काम करें, तो किसी भी संकट का सामना कर सकते हैं।

सीख

इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि संकट के समय एकता और सहयोग सबसे महत्वपूर्ण होते हैं। चुनरी चिड़िया ने यह साबित किया कि साहस, बुद्धिमानी और एकता के बल पर बड़ी से बड़ी समस्या का समाधान किया जा सकता है। चुनरी की तरह हमें भी मुश्किल समय में धैर्य और साहस बनाए रखना चाहिए और एक दूसरे की मदद करनी चाहिए।

जीवन में आने वाले संकटों का सामना करने के लिए हम सबको मिलकर काम करना चाहिए। इसी में सच्ची मानवता और सामूहिक शक्ति का प्रदर्शन होता है। चुनरी की कहानी हमें प्रेरणा देती है कि छोटे-छोटे प्रयासों से भी बड़े-बड़े बदलाव लाए जा सकते हैं।

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