स्कूल में दो बार फेल होने वाले ने कैसे बनाई देश की सबसे बड़ी फ़ूड डिलीवरी कंपनी | Zomato Success Story In Hindi

फ्रेंड्स इस पोस्ट में हम ज़ोमैटो फाउंडर दीपिंदर गोयल की सफ़लता की कहानी (Deepinder Goyal Zomato Success Story In Hindi) शेयर कर रहे हैं. यहाँ पढ़िये Deepinder Goyal Biography In Hindi, Zomato History, Zomato Revenue Model, Zomato Growth, Challenges, Controversy, Zomato Networth.

जब भी किसी रेस्टोरेंट का खाना खाने का मन करे, तो हम मोबाइल उठाकर online food order कर देते हैं और कुछ ही समय में हमारा मनपसंद खाना हमारे घर पर होता है. सब कुछ कितना आसान है, क्यों? क्योंकि Zomato है ना!

जीहाँ दोस्तों आज के दौर में घर बैठे food order करना बहुत आसान हो गया है और ऐसा होने के पीछे Zomato का बहुत बड़ा हाथ है. अपने ऑफिस के कैफेटेरिया में ऑफिस के स्टाफ की समस्या का समाधान करने का एक छोटा सा आईडिया दीपेंद्र गोयल (Deepender Goyal) के दिमाग में आया और उस आईडिया ने zomato media pvt ltd company को जन्म दे दिया. इसमें उनके साथी रहे co-founder पंकज चड्ढा (Pankaj Chaddha).

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दीपेंद्र गोयल (Deepinder Goyal) ने किस तरह zomato को सफ़लता की बुलंदियों तक पहुँचाया, आइये जानते हैं zomato success story में :

Deepinder Goyal Zomato Success Story In Hindi

Deepinder Goyal Zomato Success Story In Hindi
Deepinder Goyal Zomato Success Story In Hindi

दीपेंद्र गोयल का जीवन परिचय | Deepinder Goyal Biography In Hindi

दीपेंद्र गोयल का जन्म पंजाब (Panjab) के मुत्तसर (Muktsar) जिले में हुआ था. उनके माता और पिता दोनों ही शिक्षक थे. लेकिन शिक्षक परिवार से संबंधित होने के बावजूद दीपेंद्र कक्षा छटवीं तक पढ़ाई के प्रति गंभीर नहीं थे. छटवीं कक्षा में फेल होने के बाद उनकी आँखें खुली और उन्होंने पढ़ाई के प्रति अपने नज़रिए में परिवर्तन किया. हालांकि राह इतनी भी आसान नहीं थी.

आठवीं में शिक्षक के द्वारा सारे उत्तर बताये जाने के कारण वे कक्षा में प्रथम आ गए. 9वीं और 10वीं में उनका रिजल्ट अच्छा रहा, जिससे उनके आत्मविश्वास में बढ़ोत्तरी हुई. लेकिन 10वीं के बाद चंडीगढ़ के डीएवी स्कूल में दाखिला लेने के बाद वे फिर से फेल हो गए. जैसे-तैसे उन्होंने अपना आत्मविश्वास बटोरा और दिल लगाकर पढ़ाई करने लगे. फलस्वरूप 12वीं के बाद उन्होंने आईआईटी प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण कर आईआईटी दिल्ली में प्रवेश ले लिया.

2005 में Deepinder Goyal ने IIT Delhi से ‘मैथ्स एंड कंप्यूटिंग’ में इंटीग्रेटेड एमटेक (Integrated M. Tech. In Mathematics And Computing) की डिग्री हासिल की. एमटेक की डिग्री प्राप्त करने के बाद उन्हें Bain & Company में consultant की जॉब मिल गई. 2007 में उन्होंने कंचन जोशी से शादी कर ली, जो आईआईटी दिल्ली में उनकी सहपाठी थीं.

Zomato का इतिहास Foodiebay.com की शुरूवात | Zomato History Foofiebay.com Website 

अच्छी जॉब के बाद भी दीपेंद्र संतुष्ट नहीं थे. उनका दिमाग हर वक़्त business ideas के बारे में सोचा करता था. एक दिन उन्हें अपने ऑफिस के कैफ़ेटेरिया में एक business idea सूझ ही गया. लंच के समय कैफ़ेटेरिया में ऑफिस का स्टाफ मेन्यु देखने के लिए लंबी कतार में लगा करता था. लंबी कतार में खड़े होना समय की बर्बादी के साथ ही एक मुश्किल भरा काम भी था.

ऑफिस स्टाफ की इस समस्या को सुलझाने दीपेंद्र ने टेक्नोलॉजी का सहारा लेने का मन बनाया. उन्होंने ऑफिस के कैफ़ेटेरिया के मेन्यु को स्कैन किया और एक वेबसाइट बनाकर उसमें डाल दिया. मेन्यु के ऑनलाइन उपलब्ध होने पर उस वेबसाईट पर हिट भी पड़ने लगे.

तब दीपेंद्र ने इस आईडिया पर काम करने के बारे में गंभीरता से सोचा. उनका आईडिया एक ऐसी वेबसाइट website बनाने का था, जिसमें दिल्ली शहर के सारे होटल और रेस्टोरेंट की जानकारी उपलब्ध हो. अपने दोस्त प्रसून जैन (Prasoon Jain) के साथ मिलकर Delhi NCR में उन्होंने ‘Foodlet’ के नाम से एक venture शुरू किया. लेकिन जल्द ही प्रसून मुंबई चले गए और ‘Foodlet’ struggle करने लगा.

तब उनके सहयोगी के रूप में पंकज चड्ढा सामने आये, जो IIT Delhi के 2007 के passout थे और Bain & Company में उनके सहकर्मी थे. जॉब में रहते हुए ही दोनों ने 2008 में ऑनलाइन फ़ूड पोर्टल foodiebay.com की शुरूआत की. यह फ़ूड पोर्टल location, popularity और rate के आधार पर best restaurant कस्टमर को उपलब्ध करवाने के concept पर आधारित था. प्रारंभ में इसमें Delhi NCR के 1200 restaurants सम्मिलित किये गये.

Foodiebay.com से Zomato | Foodiebay.com To Zomato

foodiebay.com launch करते समय दीपेंद्र गोयल और पंकज चड्ढा ने इसे वृहत स्तर तक लाने और इससे लाभ कमाने के बारे में विचार नहीं किया था. उनका ध्येय ग्राहकों की समस्या का निदान था. लेकिन जैसे-जैसे foodiebay.com की लोकप्रियता बढ़ने लगी और कस्टमर का अच्छा feedback मिलने लगा, वे इसमें और restaurant सम्मिलित करने लगे. साल 2008 ख़त्म होते तक foodiebay.com में restaurant की संख्या 2000 तक पहुँच गई और ये दिल्ली की सबसे बड़ी restaurant directory बन गई.

2009 आते-आते दिल्ली के अलावा मुंबई और कोलकाता और 2010 तक पुणे और बंगलुरू में भी foodiebay.com का विस्तार हो गया. अब दीपेंद्र foodiebay.com को बड़े स्तर पर ले जाने के बारे में सोचने लगे. लेकिन इसके लिए पूरा फोकस बिज़नस की तरफ़ होना आवश्यक था. साथ ही कंपनी में निवेश की भी आवश्यकता महसूस की जाने लगी.

जॉब के साथ बिज़नस को पूरा समय और फोकस दे पाना संभव नहीं था. इसी दौरान दीपेंद्र की पत्नि को दिल्ली यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर की जॉब मिल गई. पत्नि से मानसिक और आर्थिक दोनों संबल मिलने पर दीपेंद्र ने अपनी जॉब छोड़ दी और पूरी तरह से बिज़नस की ओर ध्यान देने लगे.    

2010 में foodiebay.com का नाम बदलकर zomato कर दिया गया. कंपनी के नाम बदलने के पीछे दो कारण थे. पहला, foodiebay.com का नाम ebay से मिलता-जुलता होना था. दीपेंद्र और पंकज ब्रांड के नाम को लेकर किसी तरह का confusion नहीं चाहते थे. दूसरा, दीपेंद्र और पंकज ऐसा नाम चाहते थे, जो खाने की चीज़ से मिलता-जुलता हो. इस तरह tomato से zomato नाम का जन्म हुआ.

Zomato को प्राप्त निवेश | Zomato Funding

इसके बाद निवेशकों की खोज प्रारंभ की गई. सबसे पहले निवेशक के रूप में 2010 में naukari.com के Sanjeev Bikhchandani सामने आये. उन्होंने अपनी parent company InfoEdge के माध्यम से zomato में 1 मिलियन डॉलर का निवेश किया. 2010 से लेकर 2013 तक InfoEdge से zomato को 16.7 मिलियन डॉलर का निवेश प्राप्त हुआ. अब Zomato का 57.9% शेयर InfoEdge के पास है.

2013 में zomato को नए पूंजी निवेशक मिले. Sequoia Capital ने InfoEdge के साथ मिलकर कंपनी में 37 मिलियन डॉलर का निवेश किया.  नवंबर २०१३ में एक नए निवेशक Vy Capital ने भी हाथ मिलाया और InfoEdge तथा Sequoia Capital के साथ मिलकर कंपनी में 60 मिलियन डॉलर का निवेश किया.

2015 के प्रारंभ में zomato में कुल निवेश 113 मिलियन डॉलर हो चुका था. 2015 में ही InfoEdge, Sequoia Capital और Vy Capital के साथ एक नया निवेशक Temasek (Singapore Based Investment Company) आगे आया और zomato पर ११० मिलियन डॉलर का निवेश किया.

2017 का साल निवेश के मामले में zomato के लिए कोई ख़ास नहीं रहा, लेकिन 2017 में इसने फिर से रफ़्तार पकड़ी, जब whatsapp के नीरज अरोड़ा निवेशकों की सूची में शामिल हो गए औए zomato में 20 मिलियन डॉलर का निवेश किया.

इस तरह 2010 से 2017 तक zomato में कुल निवेश 223.8 मिलियन डॉलर का हो गया.

मार्च 2018 में Alibaba’s Ant Financial ने zomato में 150 मिलियन डॉलर का निवेश किया.

अक्टूबर 2020 में zomato को Kora, US Based Investment Firm से 52 मिलियन डॉलर का फण्ड प्राप्त हुआ. 

फ़रवरी  2021 में zomato को  पांच इन्वेस्टर से 250 मिलियन डॉलर का फण्ड प्राप्त हुआ, जिसमें Tiger Global Mangaement भी सम्मिलित था.

Zomato का देश और विदेश में विस्तार | Zomato National International Expansion

2010 से पूंजी निवेश प्राप्त होने के बाद से zomato का विस्तार पूरे देश में होने लगा. 2011 तक यह दिल्ली के अलावा पुणे, बैंगलुरू, चेन्नई, हैदराबाद और अहमदाबाद तक विस्तारित हो गई.

किसी भी बिज़नस के विकास में mobile app की महत्वपूर्ण भूमिका होती है. दीपेंद्र और पंकज ये समझ चुके थे कि mobile app उनकी कंपनी के लिए मील का पत्थर साबित होगा. mobile app launch होने के बाद कंपनी के विस्तार की रफ़्तार और बढ़ गई.

2012 में zomato ने UAE, श्रीलंका, क़तर, यूनाइटेड किंगडम, फिलिपीन्स, साउथ अफ्रीका में विस्तार किया. 2013 में टर्की, ब्राज़ील, न्यूज़ीलैंड भी इस सूची में जुड़ गए.

जहाँ एक ओर कंपनी पूरे विश्व में पूरी रफ़्तार से प्रसार कर रही थी. वहीं अपना बिज़नस बढ़ाने एक लिए zomato ने foreign based companies का अधिग्रहण करना भी शुरू कर दिया. 2013 में zomato ने पुर्तगाली कंपनी “Gastronami’ और इटालियन कंपनी Libando को acquire कर लिया. सबसे बड़ा acquisition तब आया, जब उन्होंने americon service company ‘NexTable’ को acquire कर लिया. इस तरह ये US market में प्रतियोगिता में आ गए,

2015 में zomato ने MapleOS को अधिग्रहित किया और एक नया customer database तैयार किया. इससे zomato की functionality increase हुई. अब zomato के अध्यम से online table reserve करना और online bill payment करना संभव हो गया.

Zomato का रेवेन्यू मॉडल| Zomato Revenue Model

Zomato 3 तरह के revenue model पर काम करती है.   

  • Restaurant Advertising – Zomato अपनी website और mobile app पर restaurants का paid ad place करती है. इस paid ad के माध्यम से zomato को लगभग 75% आय प्राप्त होती है.
  • Event Advertisement – इस revenue model के अंतर्गत zomato restaurant based advertisers के लिए event promote करती हैं और उसे लिए amount charge करती है. इससे उसे 5% आय प्राप्त होती है.
  • Consulting Service – Restaurants को जब भी नए outlet/branch खोलने के लिए एरिया के संबंध में सलाह की आवश्यकता होती है, तो zomato इस संबंध में सर्च कर उन्हें सलाह देती है और consulting fees चार्ज करती है.

Zomato के सामने आई चुनौतियाँ | Zomato Challenges

Zomato के लिए सफ़लता की राह इतनी आसान भी नहीं रही. उसे कई उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ा.

1. सबसे पहला बड़ा setback zomato के लिए 2015 में आया, जब उसे घाटे के कारण  300 कर्मचारियों को निकालना पड़ा. 10% की छटनी उसे US में करनी पड़ी.

2. दूसरा setback तब आया, जब zomato ने Urban spoon कंपनी को acquire किया. और उसे अपनी कंपनी के तौर पर re-brand किया. किंतु यह venture असफ़ल हो गया.

3. 2016 कंपनी का सबसे धीमा वित्तीय वर्ष रहा. परिणामस्वरुप इसे 9 देशों – US, UK, Chile, Canada, Brazile, Sri Lanka, Ireland, Italey, Slovakia में अपने operation rollback करने पड़े. किसी तरह अपनी उपस्थिति बरक़रार रखने के लिए उन्हें remote management service के साथ आगे बढ़ना पड़ा.

4. मई 2017 में zomato में सबसे बड़ा cyber attack हुआ. hacker ने 17 मिलियन users का रिकॉर्ड हैक कर लिया. चिंता की बात यह थी कि overpayment card details भी access कर लिए गए थे. लेकिन कंपनी ने बताया कि name, e-mail, user_ID, user name, password hashes की हैक हुए है. यह समस्या हैकर से बात कर सुलझा ली गई. हैकर मात्र zomato का security loophole बताना चाहता था.

5. कंपनी के PR Buildup को झटका तब लगा, जब कंपनी बिलियन के मूल्यांकन तक पहुँचने वाली थी और HSBC Capital ने इस zomato valuation को 50% (550 मिलियन डॉलर) गिरा दिया. जिसके चलते zomato के घाटे को बढ़ा दिया.

Zomato से जुड़े विवाद | Zomato Controversy

zomato ने अपनी स्थापना के दिनों से ही अपनी पारदर्शी छबि बना कर रखी थी. इसलिए विवाद का स्थान बहुत कम था. कंपनी में आंतरिक विवाद के संबंध में अफ़वाहें तब उड़ने लगी, जब एक के बाद एक company के management bosses कंपनी छोड़ने लगे.

2018 में co-founder पंकज चड्ढा ने व्यतिगत कारण बताते हुए कंपनी छोड़ दी. 2 माह बाद ही CEO मुकुंद कुलशेखरन भी बिना किसी औपचारिक घोषणा के कंपनी छोड़कर चले गए. 8 माह बाद समीर कुकरेजा (President Of Zomato Cloud Plateform) ने भी कंपनी छोड़ दी.

ये सब exit तब हुए, जब zomato को अपने प्रतियोगी Swiggy से कड़ी प्रतियोगिता का सामना करना पड़ा रहा था.

Zomato का विकास और सफ़लता | Zomato Growth Rate & Success

Zomato ने बहुत उतार-चढ़ाव देखे हैं. लेकिन 2017 के बाद से चीज़ें ठीक होने लगी. सफल business tie-up और Zomato Gold subscription service से उनका customer base बढ़ा. आज Zomato की आय का ४०% हिस्सा online food odening से और 12% Zomato Gold से आता है.

2017 में कंपनी ने claim किया कि zero commission modle लाने के बाद २४ देशों में zomato लाभ में स्थित में है. यह मॉडल छोटे व्यवसाय और रेस्टोरेंट को प्रोत्साहित करने के लिए लाया गया था. इसके बाद कंपनी के revenue ने अपने घाटे को कवर कर ऊंची छलांग मारी है. उनके अनुसार 2017 में revenue growth 81% रहा. 2017 में ही zomato ने एक महीने में 3 मिलियन ऑर्डर के माइल स्टोन को भी पार किया.

2018 साल उनके लिए और भी अच्छा रहा. इस वर्ष zomato ने अपने 10 साल भी पूरे कर लिया. इस वर्ष में Ant Financial Service से निवेश प्राप्त होने के बाद zomato valuation 1.1 बिलियन डॉलर तक पहुँच गया. इससे zomato media pvt ltd company एक नई Indian Unicorn Company बन गई. इस वर्ष zomato की आय 68  मिलियन डॉलर रही.

2019 में zomato की आय ने 206 मिलियन डॉलर का आकड़ा छू लिया, जो 2018 के मुकाबले 3 गुना ज्यादा था. आज zomato userbase 62.5 मिलियन तक पहुँच गया है. यह भारत के 200 शहरों और विश्व के 24 देशों में सफ़लता अपना काम संचालित कर रही हैं.

अपने ऑफिस स्टाफ की समस्या का निराकरण करने के छोटे से Idea के साथ शुरू की गई ये कंपनी आज न सिर्फ़ अपने customers के खाने की समस्या का निराकरण कर रही है, बल्कि खुद के लिए भी सफ़लता के झंडे गाड़ रही है. इसलिए कहते हैं कि एक छोटा सा Idea ज़िंदगी बदलने की ताकत रखता है. आवश्यकता है बस उस पर भरोसा कर डटकर काम करने की.   

Zomato की नेट वर्थ और रेवेन्यू | Zomato Net Income & Revenue 

फाइनेंसियल इयर 2021 में zomato की Net Income – 816 करोड़ (-110 मिलियन डॉलर) थी और Revenue 1994 करोड़ (260 मिलियन डॉलर) था

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