एक मोटा हाथी की कहानी (Ek Mota Hathi Ki Kahani) इस पोस्ट में प्रस्तुत की जा रही है।
Ek Mota Hathi Ki Kahani
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एक समय की बात है, एक जंगल में एक बहुत मोटा हाथी रहता था। वह हाथी इतना भारी और विशाल था कि जब वह चलता, तो पेड़ और पौधे उसके वजन से झुक जाते थे। उसका नाम मोटू था।
मोटू को खाना बहुत पसंद था। वह दिन भर पेड़ों से फल तोड़-तोड़ कर खाता रहता था और बाकी जानवरों के खाने के लिए कुछ भी नहीं छोड़ता था। इस कारण जंगल के अन्य जानवर उससे परेशान थे। लेकिन मोटू अपने मोटापे और लालच को समझ नहीं पाता था।
एक दिन, जंगल में एक नई झील बन गई। सभी जानवर वहां पानी पीने के लिए जाने लगे। मोटू ने भी झील के बारे में सुना और वह भी वहां जाने के लिए चल पड़ा। लेकिन जब वह झील के पास पहुंचा और पानी पीने की कोशिश की, तो उसका भारी शरीर झील के किनारे धंसने लगा। मोटू फंस गया और मदद के लिए चिल्लाने लगा।
जंगल के सभी जानवर दौड़कर वहां पहुंचे, लेकिन उन्होंने मोटू की मदद करने से मना कर दिया। उन्होंने कहा, “मोटू, तुमने हमेशा अपने लिए ही सब कुछ लिया है और हमें भूखा रखा है। अब तुम समझ जाओ कि दूसरों का भी ख्याल रखना जरूरी है।”
मोटू ने अपनी गलती समझी और सब से माफी मांगी। उसने वादा किया कि अब वह खुद को संयमित रखेगा और सभी के साथ भोजन बांटेगा। जानवरों ने उसकी माफी स्वीकार की और मिलकर उसे झील से बाहर निकाला।
उस दिन के बाद से, मोटू ने कम खाना शुरू कर दिया और धीरे-धीरे उसका वजन कम होने लगा। वह अब जंगल के सभी जानवरों के साथ मिलकर रहता और उनके साथ अपना भोजन बांटता। इससे जंगल में फिर से शांति और खुशहाली लौट आई।
सीख
इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि लालच और स्वार्थ से कुछ हासिल नहीं होता, बल्कि दूसरों के साथ मिलकर रहने से ही सच्ची खुशी मिलती है।