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लड़ती बकरियाँ और सियार : पंचतंत्र की कहानी ~ मित्रभेद | Figthing Goats And The Jackal Panchatantra Story In Hindi

फ्रेंड्स, इस पोस्ट में हम पंचतंत्र की कहानी “लड़ती बकरियाँ और सियार” (Figthing Goats And The Jackal Panchatantra Story In Hindi) शेयर कर रहे हैं. पंचतंत्र के तंत्र मित्रभेद से ली गई ये कहानी दो बकरियों और एक सियार की है. दो लोगों की लड़ाई में पड़ने का क्या परिणाम भुगतना पड़ता है, ये इस कहानी में वर्णन किया गया है. पढ़िए पूरी कहानी :

Figthing Goats And The Jackal Panchatantra Story In Hindi 

Figthing Goats And The Jackal Panchatantra Story In Hindi

Figthing Goats And The Jackal Panchatantra Story In Hindi

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एक दिन एक सियार किसी गाँव से गुजर रहा था. गाँव में उस दिन हाट-बाज़ार लगा हुआ था. सियार (Jackal) जब हाट से गुजरा, तो वहाँ उसे लोगों की भीड़ दिखाई पड़ी. वे लोग जोर-जोर से चिल्ला रहे थे और तालियाँ बजा रहे थे.

कौतूहलवश सियार उस भीड़ की ओर चल पड़ा और उनके बीच में से झांककर देखने लगा कि आखिर माज़रा क्या है? उसने देखा कि वहाँ दो हट्ठी-कट्ठी बकरियों (Goats) के बीच लड़ाई हो रही है. लोग उन्हें ही देखकर चिल्ला रहे हैं.

दोनों बकरियों के बीच चल रही लड़ाई जबरदस्त थी. अपनी सींगों के वार से दोनों ने एक-दूसरे को लहू-लुहान कर दिया था. किंतु इसके बाद भी कोई रुकने का नाम नहीं ले रहा था. उनके शरीर से बहता हुआ रक्त सड़क पर फ़ैलने लगा था.

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ताज़े रक्त की महक जब सियार के नथुनों तक पहुँची, तो उसकी लार टपकने लगी. वह ख़ुद को रोक नहीं पाया और रक्त को चाटने लगा. रक्त को चाटते-चाटते वह बकरियों के नज़दीक पहुँच गया. उसके मुँह में बकरियों के रक्त का स्वाद लग चुका था. अब उसका लालच और बढ़ गया. उसने सोचा कि क्यों न इस बकरियों को मारकर मैं अपनी पेट की ज्वाला शांत कर लूं.

बस, फिर क्या था? उसने आव देखा न ताव और टूट पड़ा बकरियों के ऊपर. बकरियाँ हट्ठी-कट्ठी और बलशाली थीं. ऊपर से बहुत देर से लड़ते रहने के कारण तैश में भी थीं. सियार के अड़ंगे ने उनका क्रोध भड़का दिया और उन्होंने सियार को ऐसी पटकनी दी कि वह चारों खाने चित हो गया. उसके बाद बकरियों ने उसकी तब तक धुनाई की, जब तक वह मर नहीं गया.

सीख (Moral of the story)

कोई भी कदम उठाने के पहले भली-भांति सोच लेना चाहिए. लोभ के वशीभूत होकर उठाया गया कदम पतन की ओर ले जाता है.

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