घोड़े और हिरण की कहानी (Ghode Aur Hiran Ki Kahani) The Horse And The Deer Story In hindi
Ghode Aur Hiran Ki Kahani
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एक घने जंगल में एक शानदार घोड़ा और एक सुंदर हिरण रहते थे। घोड़ा अपनी शक्ति और गति के लिए जाना जाता था, जबकि हिरण अपनी चपलता और बुद्धि के लिए प्रसिद्ध था।
वे दोनों अक्सर खेलते थे और एक-दूसरे के साथ का आनंद लेते थे। एक दिन जंगल में भयानक शेर आ गया। सभी जानवर डर गए और छिपने लगे। हिरण घबरा गया और घोड़े से बोला, “भाई, शेर से कैसे बचें?”
घोड़ा बोला, “चिंता मत करो, मैं तुम्हें बचा लूंगा। मेरी गति शेर से कहीं ज्यादा है।”
हिरण ने घोड़े की पीठ पर सवारी की और वे जंगल से दूर भागने लगे। शेर उनका पीछा करता रहा, लेकिन घोड़ा बहुत तेज था।
अंत में, घोड़ा थक गया और शेर धीरे-धीरे उनसे करीब आ रहा था। हिरण को समझ में आ गया कि उन्हें कुछ और करना होगा।
उसने घोड़े से कहा, “भाई, मुझे अपनी पीठ से नीचे उतारो। मैं शेर को चकमा दे सकता हूं।”
घोड़ा थोड़ा हिचकिचाया, लेकिन हिरण के आत्मविश्वास को देखकर उसने उसे नीचे उतार दिया। हिरण ने एक पेड़ के पीछे छुपकर शेर का इंतजार किया।
जब शेर आया, तो हिरण जल्दी से बाहर निकला और शेर के सामने कूद गया। शेर चौंक गया और हिरण की चपलता देखकर भ्रमित हो गया।
हिरण पेड़ों के बीच तेज़ी से दौड़ने लगा, शेर को चकमा देते हुए। शेर हिरण को पकड़ने में असफल रहा और थककर हार मान ली।
हिरण वापस घोड़े के पास आया और बोला, “भाई, मैंने तुम्हें बचा लिया!” घोड़ा बहुत खुश हुआ और हिरण की बुद्धि और साहस की प्रशंसा की।
इस घटना के बाद, घोड़े और हिरण की दोस्ती और भी मजबूत हो गई। उन्होंने सीखा कि ताकत और बुद्धि मिलकर किसी भी चुनौती का सामना कर सकती है।
सीख
- दोस्ती में हमेशा एक-दूसरे का साथ देना चाहिए। मुश्किल समय में भी, यदि हम मिलकर काम करें तो हम किसी भी समस्या का समाधान कर सकते हैं।
- हमें अपनी ताकत और कमजोरियों को समझना चाहिए और उनका उपयोग एक-दूसरे की मदद करने के लिए करना चाहिए।
- कभी भी हार नहीं माननी चाहिए। चाहे कितनी भी मुश्किलें आएं, हमें हमेशा उम्मीद रखनी चाहिए और कोशिश करते रहना चाहिए।
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