गोनू झा की कहानियाँ (Gonu Jha Stories In Hindi) गोनू झा एक ऐसे चतुर और हास्यप्रिय व्यक्ति थे जिन्होंने अपनी बुद्धि और हाजिरजवाबी से लोगों को मुश्किल परिस्थितियों से निकाला। उनकी कहानियां आज भी लोगों को हंसाती और सोचने पर मजबूर करती हैं। यहां उनकी कहानियां प्रस्तुत है।
Gonu Jha Stories In Hindi
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Gonu Jha Biography In Hindi
गोनू झा, बीरबल, तेनालीराम जैसे चतुर दरबारी कवियों की श्रेणी में आते हैं। लेकिन इन सबके बीच गोनू झा का अपना एक अलग मुकाम है। वे बेहद फक्कड़ किस्म के व्यक्ति थे। किसी भी मुश्किल परिस्थिति में भी वे हंसते-खेलते रहते थे। चाहे आर्थिक तंगी हो या मानसिक परेशानी, गोनू झा हमेशा शांत रहते थे।
कहा जाता है कि गोनू झा का जन्म लगभग 500 साल पहले बिहार के दरभंगा जिले के भरौरा गांव में एक गरीब किसान परिवार में हुआ था। उस समय समाज में धर्म और रूढ़िवादिता का बोलबाला था। बड़े जमींदार राजा कहलाते थे और दरबारी जनता का शोषण करते थे। गोनू झा ने ऐसे समय में जनता की आवाज उठाई और चालाक दरबारियों और ढोंगी साधुओं के खिलाफ लड़ाई लड़ी।
लोग अपनी हर समस्या लेकर गोनू झा के पास आते थे और वे बड़ी चतुराई से इन समस्याओं का समाधान निकाल देते थे। उनकी हाजिरजवाबी और बुद्धिमानी की कहानियां आज भी बिहार में प्रचलित हैं। गोनू झा की लोकप्रियता इतनी थी कि उनकी कहानियां लोकोक्तियों के रूप में भी प्रचलित हो गईं।
Gonu Jha Stories Story List
गोनू झा की कुश्ती | नहले पे दहला |
जैसे को तैसा |