Akbar Birbal Stories In Hindi

हरे रंग का घोड़ा : अकबर बीरबल की कहानी | Green Horse Akbar Birbal Stories In Hindi

मित्रों, akbar birbal की इस कहानी Green Horse Akbar Birbal Stories में अकबर द्वारा बीरबल से हरे रंग के घोड़े की मांग कर दी जाती है. बीरबल कैसे इस मांग को पूरा करता है. यही इस कहानी में बताया गया है. पढ़िये पूरी कहानी –  

Green Horse Akbar Birbal Stories

Table of Contents

Green Horse Akbar Birbal Stories In Hindi

Source : Akbar Birbal PNG

पढ़ें : अकबर बीरबल की संपूर्ण कहानियाँ

एक दिन बादशाह अकबर अपने घोड़े पर शाही बाग़ की सैर के लिये गए. बीरबल भी उनके साथ ही था. बीरबल की वाक्पटुता और अक्लमंदी के कारण राजकीय कार्यों के अलावा भी अकबर को उसका साथ पसंद था.

हरे-भरे बाग़ में टहलते हुए अकबर की नज़र जब अपने घोड़े पर पड़ी, तो उन्होंने बीरबल से फरमाइश कर दी, “बीरबल हमें हरे रंग का घोड़ा लाकर दो.”

अकबर (Akbar) की फरमाइश सुनकर बीरबल (Birbal) हैरत में पड़ गया. अकबर अक्सर विचित्र प्रश्न उसके सामने रखा करते थे. उन प्रश्नों के उत्तर वह अपनी बुद्धिमत्ता से बखूबी दे दिया करता था. लेकिन हरे रंग के घोड़े की मांग पूरा करना संभव नहीं था. होता भी कैसे? हरे रंग का घोड़ा तो होता ही नहीं था.

वह कुछ न बोला. बीरबल की चुप्पी से अकबर की फरमाइश आदेश में तब्दील हो गई, “बीरबल! हम तुम्हें सात दिन का समय देते हैं. सात दिनों के भीतर तुम हरे रंग का घोड़ा हमारे सामने पेश करो, वरना तुम्हें पदमुक्त कर दिया जायेगा.”

पढ़ें : स्वर्ग की यात्रा : अकबर बीरबल की कहानी | Akbar Birbal Story In Hindi

बीरबल के पास हामी भरने के अलावा कोई चारा नहीं था. यह उलजुलूल कार्य सौंपने के पीछे अकबर का उद्देश्य उसकी परीक्षा लेना है, वह समझ गया.

इधर अकबर मन ही मन बहुत खुश हुए. उन्हें यकीन था कि इस बार बीरबल हार मान जायेगा.

उस दिन घर आकर कुछ देर अपना दिमाग दौड़ाने के बाद बीरबल सो गया. उसके बाद ६ दिन तक वह घर पर ही आराम करता रहा. सातवें दिन वह अकबर के समक्ष हाज़िर हुआ.

बीरबल को देख अकबर ने पूछा, “कहो बीरबल! हरे रंग का घोड़ा तुमने ढूंढ लिया?”

“जी जहाँपनाह!” बीरबल अदब से बोला.

“तो फिर देर किस बात की? उसे फ़ौरन हमारे सामने लेकर आओ.”

“जहाँपनाह! घोड़े के मालिक ने घोड़ा देने की दो शर्तें रखी हैं.” बीरबल बोला.

पढ़ें : दूज का चाँद : अकबर बीरबल की कहानी | Akbar Birbal Ki Kahani

“कौन सी शर्तें?” अकबर ने पूछा.

“पहली ये कि घोड़ा लेने आपको स्वयं उसके मालिक के पास जाना होगा.”

“इस शर्त को पूरा करना कौन सी बड़ी बात है.” अकबर हँस पड़े.

“हुज़ूर! दूसरी शर्त तो सुन लीजये.” बीरबल तपाक से बोला.

“बताओ”

“हुज़ूर! दूसरी शर्त ये है कि उस घोड़े को लेने आप उसके मालिक के पास सप्ताह के सात दिनों को छोड़कर किसी भी दिन जा सकते हैं.”

“ये कैसी उलजुलूल शर्त है?” अकबर चकित होकर बोले.

“हुज़ूर! जब कार्य ही उल्ज़ुलूल है, तो शर्त भी तो उलजुलूल होगी.” मुस्कुराते हुए बीरबल बोला.

अकबर बीरबल (akbar birbal) की बात सुनकर मुस्कुरा उठे. बीरबल को हरा पाना वाकई मुश्किल था.


दोस्तों, आशा है आपको akbar birbal की ये story ‘Green Horse Akbar Birbal Stories In Hindi‘ पसंद आयी होगी. आप इसे like कर सकते हैं और अपने Friends को Share भी कर सकते हैं. ऐसी ही मज़ेदार Akbar Birbal Stories के लिए हमें subscribe ज़रूर कीजिये. Thanks.

Read More Hindi Stories In Hindi :

About the author

Editor

Leave a Comment