जादुई मटका की कहानी | The Magic Pot Story In Hindi

Jadui Matka Ki Kahani, Magic Pot Story In Hindi
Jadui Matka Ki Kahani | Magic Pot Story In Hindi

फ्रेंड्स, “Jadui Matka Ki Kahani” में हम बच्चों के लिए एक “Magic Story In Hindi” शेयर कर रहे हैं. बच्चों को जादू की कहानी (Magic Story In Hindi) बहुत पसंद आती है. ये उन्हें एक अलग ही फंतासी की दुनिया में ले जाती है. हालांकि वह एक काल्पनिक दुनिया होती है. लेकिन उस दुनिया का एक अलग की मज़ा होता है.

हम सबने अपने बचपन में ये सभी जादू की कहानियाँ सुनी है. एक तरह से हमारा बचपन इन कहानियों के साथ ही बीता है. ये वे कहानियाँ हैं, जो कभी पुरानी नहीं होती. इसलिए हर दौर में लोकप्रिय होती है. आज इस कहानी (Hindi Story) के साथ बचपन के उन लम्हों को भी ताज़ा कर लेते हैं. आइये जादू की ये कहानी (Hindi Kahani) पढ़ते हैं, जो हमारा मनोरंजन करने के साथ ही हमें शिक्षा भी दे जाती है. प्रस्तुत है : 

Jadui Matka Ki Kahani

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एक गाँव में एक किसान रहता था. उसका एक छोटा सा खेत था. खेत में होने वाली पैदावार से उसके परिवार की गुजार-बसर होती थी. इसलिए वह दिन भर कड़ी मेहनत करता, ताकि उसके खेत में अच्छी पैदावार हो सके.

बुआई का समय आ चुका था. किसान अपने खेत में बुआई के काम में लगा हुआ था. एक दिन खेत में गड्ढा खोदते समय उसे जमीन में गड़ा हुआ एक मटका मिला. वह मटका आकार में बहुत बड़ा था. इतना बड़ा कि उसमें पूरा का पूरा इंसान ही समा जाए.

किसान मटके को देखकर सोचने लगा – अरे इतना बड़ा मटका. इसमें तो एक साथ कई सौ लोगों का खाना बन जाएगा. इसे घर ले चलता हूँ. जब किसी अवसर पर घर में मेहमान आयेंगे, तो यह मटका काम आएगा.

उसने मटके को जमीन से निकाला और खेत के किनारे लगे एक पेड़ के नीचे रख दिया. उसके बाद वह फिर से काम में जुट गया. दोपहर में जब खाने का समय हुआ, तो अपनी कुदाली जमीन से निकले मटके में डालकर वह पेड़ के नीचे खाना खाने बैठ गया.

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खाना खाकर जैसे ही वह उठा, उसकी नज़र मटके में रखी अपनी कुदाली पर पड़ी. वह यह देखकर चकित रह गया कि मटके में एक नहीं, बल्कि सौ कुदालियाँ रखी हुई थी.

किसान ने सारी कुदालियाँ मटके से बाहर निकाल ली. फिर उसमें एक छोटा पत्थर डाल दिया. देखते ही देखते उस एक पत्थर के सौ पत्थर हो गए. किसान को समझते देर नहीं लगी कि वह कोई साधारण मटका नहीं, बल्कि जादुई मटका  (Jadui Matka) है, जो किसी भी वस्तु को सौ गुना कर देता है.

किसान जादुई मटका (Jadui Matka) अपने घर ले आया. अब जब भी उसे किसी चीज़ की आवश्यकता होती, तो वह उसे जादुई मटके में डाल देता. मटके से एक के बदले उसे सौ चीज़ें मिलती.

जादुई मटका हर चीज़ को सौ गुना कर देता था. फिर चाहे वो खाने की चीज़ हो, कपड़ा हो, सोने के सिक्के हो. किसान को अब किसी चीज़ की कमी न रही. वह दिन पर दिन धनवान होता गया.

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किसान की समृद्धि की बात उस राज्य के राजा के पास पहुँची, तो उसने इसका भेद जानने के लिए अपने गुप्तचरों को उसके घर भेजा. कई दिन किसान के घर का चक्कर लगाने के बाद एक दिन गुप्तचरों को किसान के जादुई मटके का भेद पता चल गया.

उन्होंने यह भेद राजा को जाकर बताया. राजा लालची था. जादुई मटके (Jadui Matka) के बारे में जानकर उसके मन में लालच आ गया. उसने सोचा कि वह मटका किसान के पास नहीं, बल्कि मेरे पास होना चाहिए.

उसने तुरंत सैनिकों को आदेश देकर जादुई मटका (Jadui Matka) अपने पास मंगवा लिया. जब सैनिक जादुई मटका लेकर राजा के पास पहुँचे, तो किसान भी पीछे-पीछे वहाँ आ गया.

राजा के पूछने पर किसान ने उसे बता दिया कि वह मटका जादुई है और उसे वह मटका अपने खेत में मिला है.

राजा बोला, “राज्य की भूमि से मिली किसी भी वस्तु पर सर्वप्रथम राजा का अधिकार होता है. इसलिए इस जादुई मटके पर तुम्हारा नहीं बल्कि, मेरा अधिकार है.”

किसान क्या कहता? वह चुपचाप सिर झुकाए खड़ा रहा.

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राजा जादुई मटके (Jadui Matka) को पास से देखने के लिए अपने सिंहासन से उठा और मटके के पास जाकर उसे देखने लगा. मटके को बाहर से देखने के बाद राजा ने सोचा कि ज़रा इस मटके के भीतर झांक कर तो देखूं कि आखिर इसमें जादू कैसे होता है.

राजा जादुई मटके (Jadui Matka) में झाँकने लगा. इसी बीच उसका पैर लड़खड़ाया और वह मटके के अंदर जा गिरा. फिर क्या था? जादुई मटके ने अपना काम कर दिया. एक के बदले अब सौ राजा मटके से बाहर निकले.

सभी राजा सिंहासन पर बैठने के लिए आपस में झगड़ने लगे. धीरे-धीरे यह झगड़ा बढ़ता गया. सबने अपनी-अपनी तलवारें निकाल ली और एक-दूसरे पर टूट पड़े. फिर ऐसी मार-काट मची कि कोई राजा जीवित न बचा. सब मारे गए.

जादुई मटका अभी भी वहीं पड़ा था. किसान ने सोचा कि इस मटके की कारण वह फिर कहीं किसी समस्या में न पड़ जाए. इसलिए उसने उस जादुई मटके को उठाया और जमीन पर पटक दिया. जादुई मटका (Jadui Matka) टुकड़े-टुकड़े हो गया.

किसान अपने घर आ गया और उसके बाद से पहले जैसा जीवन जीने लगा. लेकिन उसे कभी किसी चीज़ का लालच नहीं था, इसलिए वह अपने जीवन में हमेशा संतुष्ट रहा.

सीख (Moral Of The Story Jadui Matka) –

१. लालच का फ़ल बुरा होता है. इसलिए कभी लालच नहीं करना चाहिए.

२. दुष्ट आचरण की सजा किसी न किसी रूप में इसी जीवन में भोगनी पड़ती है. इसलिए सदाचरण करें. 


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