राजा और माली की कहानी | King And Gardner Story In Hindi

दोस्तों इस लेख में हम राजा और माली की कहानी (King And Gardner Story In Hindi) शेयर कर रहे हैं। राजा और माली की कहानी एक Positive Thinking Story In Hindi, जिसमें नकारात्मक सोच से घिरा एक राजा अपने बाग के मालिक से जीवन की सीख प्राप्त करता है। माली उसे सिखाता है कि Jo Hota Hai Achche Ke Liye Hota Hai Kahani पढ़ें:

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King And Gardner Story In Hindi

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King And Gardner Story In Hindi
King And Gardner Story In Hindi

एक निर्धन व्यक्ति राजा के महल में माली का काम करता था। उसने राजमहल के बाग में कई प्रकार के फलों के पेड़ लगाए थे। जो फल पक जाते, वो तोड़कर राजा के सामने प्रस्तुत कर देता। कई बार खुश होकर राजा उसे इनाम भी देते।

एक बार बाग में आम, अंगूर और नारियल के फल हुए। माली टोकरी लेकर बाग में पहुँचा और सोचने लगा कि आज कौन सा फल महाराज के लिए ले जाऊं। कुछ देर सोचने के बाद उसने अंगूर तोड़ लिए और टोकरी में भरकर राजा के पास पहुँचा।

उन दिनों राजा कुछ चिंतित था। उसे गुप्तचर द्वारा सूचना मिली थी कि पड़ोसी राज्य का राजा उस पर आक्रमण की तैयारी में है। वह इस बारे में गहन सोच विचार में डूबा हुआ था। तभी माली उसके पास पहुँचा और चुपचाप उसके सामने टोकरी रखकर कुछ दूर जाकर बैठ गया।

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राजा मंथन करते-करते टोकरी से अंगूर उठाकर खाने लगा। वह आधा अंगूर खाता और आधा फेंक देता, जो माली के ऊपर गिरता। जैसे ही अंगूर माली को लगता, वह कहता, “भगवान तू बड़ा दयालु है।”

सोच-विचार में डूबे राजा का ध्यान इस ओर नहीं था कि वह अंगूर माली के ऊपर फेंक रहा है। एक बार फिर उसने अंगूर माली के ऊपर फेंका और माली ने फिर से कहा, “भगवान तू बड़ा दयालु है।”

इस बार राजा का ध्यान माली की ओर चला गया। उसने आश्चर्य से उसे देखा और पूछा, “माली! मैं तुम पर जूठे फल फेंक रहा हूँ और तुम कह रहे हो, भगवान तू बड़ा दयालु है। इसमें भगवान की कैसी दया?”

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माली ने उत्तर दिया, “महाराज! आज बाग में तीन तरह के फल थे – आम, अंगूर और नारियल। मैं सोच रहा था कि आपके लिए कौन सा फल लाऊं। भगवान की दया से मेरी बुद्धि में आया कि आपके लिए अंगूर ले चलूं और मैं अंगूर ले आया। यदि मैं आम या नारियल ले आता, तो सोचिए मेरा हाल क्या होता। इसलिए मैं कह रहा हूँ कि भगवान बड़ा दयालु है।”

राजा माली का उत्तर सोचने लगा कि वह व्यर्थ में चिंतित है। भगवान की दया से उसे समय रहते पड़ोसी राज्य के राजा के मंसूबों का पता चल गया है। इससे उसे अपने राज्य की रक्षा की तैयारी का पर्याप्त समय मिल गया है। उसने भगवान को धन्यवाद दिया और राज्य की रक्षा की तैयारी में जुट गया। जब युद्ध हुआ, तो उसमें उसकी विजय हुई और उसने अपना राज्य बचा लिया।

Moral Of Positive Thinking Story 

दोस्तों, समय का चक्र ऐसा ही है। कभी अच्छा समय आएगा तो कभी बुरा। अच्छे समय में हम भगवान को धन्यवाद देना भूल जाते हैं और बुरे समय में शिकायत करने लग जाते हैं। जबकि आवश्यकता है कि अच्छे समय के लिए हम भगवान का धन्यवाद करें और बुरे समय के लिए आभार व्यक्त करें कि हमें हर परिस्थितियों का सामना कर मजबूत इंसान बनाने उसने हमारे सामने वे परिस्थितियाँ उत्पन्न की है।

छोटी-छोटी परेशानियों का सामना करके ही हम बड़ी मुसीबतों का सामना करने योग्य बन पायेंगे। इसलिए जीवन में आने वाली छोटी-छोटी समस्याओं से घबराये नहीं। सकारात्मक रहकर समस्या के निवारण के बारे में चिंतन करें, योजना बनायें और निवारण में जुट जायें।

बुरी परिस्थितियाँ आपकी दृढ़ता की परीक्षा है। ऐसे समय में टूटे नहीं, ये साबित कर दें कि आप हर परिस्थिति का सामना कर सकते हैं, उससे उबर सकते हैं और जीवन में आगे बढ़ सकते हैं। जीवन की ऊबड़-खाबड़ डगर पर चलकर ही आप दृढ़ और मजबूत इंसान के तौर पर खड़े हो पायेंगे।

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