Funny Story In Hindi Moral Story In Hindi

किसान और जौहरी की कहानी | Kisan Aur Jauhari Ki Kahani

किसान और जौहरी की कहानी (Kisan Aur Jauhari Ki Kahani Funny Moral Story In Hindi) यह कहानी है रामू, गौरी और उस चमकीले पत्थर की, जिसमें लालच और ईमानदारी की एक मजेदार सीख छुपी है।

Kisan Aur Jauhari Ki Kahani

Table of Contents

Kisan Aur Jauhari Ki Kahani

बहुत समय पहले, हरिपुर नाम के एक छोटे-से गाँव में रामू नाम का एक किसान रहता था। रामू बहुत मेहनती था और अपने खेतों में दिन-रात काम करता था। उसकी सबसे अच्छी दोस्त थी उसकी गाय, गौरी। 

एक दिन, जब सूरज आसमान में चमक रहा था, रामू अपने खेत में मिट्टी खोद रहा था। उसे गेहूँ बोना था, इसलिए वह अपनी कुदाल से मेहनत कर रहा था। तभी, उसकी कुदाल किसी चीज़ से टकराई।

“अरे, ये क्या है?” रामू ने सोचा। उसने मिट्टी हटाई तो उसे एक चमकीला पत्थर मिला। वो पत्थर इतना चमकदार था कि सूरज की रोशनी में इंद्रधनुष जैसे रंग बिखेर रहा था।

“वाह! कितना सुंदर पत्थर है!” रामू ने खुशी से कहा। उसने पत्थर को अपने रूमाल से साफ किया और उसे अपनी जेब में डाल लिया। उसे नहीं पता था कि ये कोई साधारण पत्थर नहीं, बल्कि एक कीमती हीरा था!

शाम को जब रामू घर लौटा, तो उसने सोचा, “ये चमकीला पत्थर गौरी के गले में बहुत अच्छा लगेगा।” उसने एक रस्सी में पत्थर बाँधा और गौरी के गले में डाल दिया। 

अगले दिन, रामू गौरी को लेकर गाँव के बाजार गया। बाजार में बहुत चहल-पहल थी। लोग फल, सब्जियाँ, और रंग-बिरंगे खिलौने बेच रहे थे। रामू ने गौरी को एक पेड़ के नीचे बाँधा और कुछ अनाज खरीदने चला गया।

तभी, एक आदमी, जिसका नाम श्यामलाल था, गौरी के पास से गुजरा। श्यामलाल एक जौहरी था, यानी वो चमकीले पत्थरों और गहनों का जानकार था। उसने गौरी के गले में लटका चमकीला पत्थर देखा और उसकी आँखें चमक उठीं।

“अरे, ये तो हीरा है!” उसने मन में सोचा। “और ये इतना बड़ा और साफ है, ये तो लाखों-करोड़ों का हो सकता है!”

श्यामलाल बहुत चालाक था। उसने सोचा, “ये किसान तो साधारण है, इसे नहीं पता कि ये हीरा है। मैं इसे सस्ते में खरीद लूँगा।”

वो रामू के पास गया और बोला, “ए भाई, तुम्हारी गाय के गले का वो पत्थर मुझे बहुत पसंद आया। उसे बेचोगे?”

रामू ने हँसते हुए कहा, “अरे, वो तो बस एक चमकीला पत्थर है, जो मुझे खेत में मिला। अगर आपको चाहिए, तो सौ रुपये दे दो।”

“सौ रुपये?” श्यामलाल ने मन में सोचा, “इतने कीमती हीरे के लिए सौ रुपये?” लेकिन वो और लालची था। उसने कहा, “नहीं-नहीं, सौ रुपये तो बहुत हैं। मैं पचास रुपये दूँगा।”

रामू को श्यामलाल की बात अच्छी नहीं लगी। उसने कहा, “नहीं साहब, सौ रुपये से कम में नहीं दूँगा। और वैसे भी, मुझे ये पत्थर गौरी के गले में अच्छा लगता है।” रामू ने गौरी की रस्सी खोली और बाजार से चला गया।

श्यामलाल गुस्से में बड़बड़ाने लगा, “मूर्ख, चला गया। खैर, मैं बाद में इसे मना लूँगा।”

रामू गौरी को लेकर अपने खेत की ओर जा रहा था। रास्ते में उसे एक और जौहरी मिला, जिसका नाम हरिलाल था। उसने गौरी के गले का पत्थर देखा और बोला, “वाह, ये पत्थर तो बहुत खास है! ये कहाँ से मिला?”

रामू ने बताया, “मुझे ये खेत में मिला। मैंने इसे गौरी के गले में बाँध दिया। अगर आपको चाहिए, तो हजार रुपये दे दीजिए।” रामू ने इस बार कीमत बढ़ा दी।

हरिलाल ने पत्थर को गौर से देखा। उसे पता था कि ये एक कीमती हीरा है। उसने सोचा, “ये किसान साधारण है, इसे शायद नहीं पता कि ये कितना कीमती है। मैं इसे हजार रुपये में ले लूँगा।” उसने रामू को हजार रुपये दिए, और रामू ने खुशी-खुशी पत्थर दे दिया।

रामू बहुत खुश था। हजार रुपये उसके लिए बहुत बड़ी रकम थी। वह सोचने लगा, “इससे मैं गौरी के लिए नया गोशाला बनाऊँगा, और माँ के लिए एक सुंदर साड़ी खरीदूँगा!” वह गुनगुनाता हुआ घर चला गया।

उधर, जब श्यामलाल को पता चला कि रामू ने पत्थर बेच दिया, तो वह गुस्से से लाल हो गया। वह रामू के घर पहुँचा और चिल्लाने लगा, “तूने वो पत्थर हजार रुपये में बेच दिया? मूर्ख! वो तो हीरा था, करोड़ों का!”

रामू ने शांत होकर श्यामलाल की ओर देखा और मुस्कुराया। उसने कहा, “मूर्ख मैं नहीं, तुम हो! मुझे नहीं पता था कि वो हीरा है, इसलिए मैंने उसे हजार रुपये में बेच दिया। लेकिन तुम्हें तो पता था कि वो हीरा है। फिर भी तुमने उसे पचास रुपये के लिए छोड़ दिया। अब बताओ, मूर्ख कौन है?”

श्यामलाल के पास कोई जवाब नहीं था। वह सिर झुकाकर चला गया। 

सीख

लालच और धोखा हमें नुकसान पहुँचा सकता है, जबकि ईमानदारी और संतोष हमें सच्ची खुशी देता है।

सुझाव: शिक्षाप्रद कहानियों की किताब प्रिंट में खरीदें (अमेज़न पर उपलब्ध)

Follow Us On Instagram:

Instagram follow button किसान और जौहरी की कहानी | Kisan Aur Jauhari Ki Kahani

उम्मीद है आपको Kisan Aur Jauhari Ki Kahani In Hindi   पसंद आई होगी। अन्य कहानियां पढ़ें : 

Leave a Comment