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शेर और मेंढक की कहानी | Lion And Frog Story In Hindi With Moral

शेर और मेंढक की कहानी  (Lion And Frog Story In Hindi With Moral) Sher Aur Mendhak Ki Kahani इस पोस्ट में शेयर की जा रही है। ये कहानी घमंड न करने की सीख देती है।

Lion And Frog Story In Hindi

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Lion And Frog Story In Hindi With Moral

एक घने जंगल में एक विशालकाय शेर रहा करता था। वह जंगल का राजा था और उसकी गर्जना से पूरा जंगल कांप उठता था। शेर की शक्ति और साहस के सामने कोई भी जानवर टिक नहीं पाता था। 

शेर का स्वभाव था कि वह अपनी शक्ति का दिखावा करता था और कमजोर जानवरों को धमकाता था। उसकी यही आदत जंगल के अन्य जानवरों को भयभीत करती थी। वे शेर से डरते थे और उसके सामने आने से कतराते थे।

एक दिन शेर जंगल के एक तालाब के पास से गुजर रहा था। वह बहुत प्यासा था और पानी पीने के लिए तालाब की ओर बढ़ा। तालाब के किनारे एक छोटा सा मेंढक बैठा था। मेंढक बहुत ही चंचल और बुद्धिमान था। वह शेर को देख कर थोड़ा सा घबराया, लेकिन उसने साहस बनाए रखा।

शेर ने पानी पीते हुए मेंढक को देखा और उसकी छोटी सी काया पर हंसते हुए कहा, “तुम्हें देखकर हंसी आ रही है। तुम्हारी इतनी छोटी सी काया और तुम्हारी इतनी हिम्मत? तुम्हें मुझसे डर नहीं लगता?”

मेंढक ने शेर की बात का उत्तर देते हुए कहा, “हे राजन, मैं जानता हूं कि आप बहुत शक्तिशाली हैं। लेकिन शक्ति का घमंड करना सही नहीं है। आप बड़े हैं, इसलिए आपको दयालु होना चाहिए, न कि दूसरों को डराना चाहिए।”

शेर ने मेंढक की बात सुनकर और भी जोर से हंसते हुए कहा, “मैं जंगल का राजा हूं और मुझे किसी की सलाह की जरूरत नहीं है।”

मेंढक ने शांति से कहा, “राजन, शक्ति का सही उपयोग करना ही असली वीरता है। आपको अपनी शक्ति का उपयोग दूसरों की मदद करने में करना चाहिए, न कि उन्हें डराने में।”

शेर ने मेंढक की ओर देखा और सोचा कि यह छोटा सा मेंढक उसे उपदेश दे रहा है। उसने सोचा कि उसे एक सबक सिखाना चाहिए। शेर ने मेंढक को धमकाते हुए कहा, “अगर तुम इतना ही साहसी हो, तो आओ मेरे साथ जंगल में घूमो और देखो कि कैसे मैं जंगल के जानवरों को नियंत्रित करता हूं।”

मेंढक ने हिम्मत से शेर की चुनौती को स्वीकार किया और उसके साथ जंगल में घूमने लगा। शेर ने जानवरों को डराने की कोशिश की, लेकिन मेंढक ने हर बार शांति और धैर्य से उसका सामना किया। वह जानवरों को शांत रहने और डरने की बजाय अपने आप पर विश्वास करने की प्रेरणा देता रहा।

एक दिन जंगल में एक बड़ी विपत्ति आई। जंगल में आग लग गई और सभी जानवरों की जान खतरे में पड़ गई। शेर भी इस आग से भयभीत हो गया। उसने अपनी सारी शक्ति का उपयोग आग बुझाने में किया, लेकिन वह सफल नहीं हो पाया।

मेंढक ने स्थिति को समझते हुए शेर से कहा, “राजन, हम सब मिलकर ही इस आग को बुझा सकते हैं। आपकी शक्ति और हमारे सामूहिक प्रयास से हम इस विपत्ति का सामना कर सकते हैं।”

शेर ने मेंढक की बात मानी और सभी जानवरों को संगठित किया। मेंढक ने जानवरों को दिशा-निर्देश दिए और शेर ने अपनी शक्ति का सही उपयोग करते हुए आग बुझाने में मदद की। सभी जानवरों ने मिलकर आग पर काबू पा लिया और जंगल को सुरक्षित कर लिया।

इस घटना के बाद शेर ने महसूस किया कि मेंढक की बातें सही थीं। शक्ति का सही उपयोग ही सच्ची वीरता है। उसने जानवरों के साथ दयालुता और सहयोग का महत्व समझा और अपनी शक्ति का उपयोग दूसरों की मदद करने में करने का संकल्प लिया।

शेर ने मेंढक से माफी मांगी और कहा, “तुम्हारी बुद्धिमानी और धैर्य ने मुझे सिखाया कि शक्ति का सही उपयोग ही सच्ची वीरता है। मैं अब से अपनी शक्ति का उपयोग दूसरों की मदद करने में करूंगा और उन्हें डराने की बजाय उनके साथ सहयोग करूंगा।”

मेंढक ने मुस्कराते हुए कहा, “राजन, यह जानकर खुशी हुई कि आपने सही राह पकड़ ली है। याद रखें, शक्ति का सही उपयोग ही सच्चा सम्मान और आदर दिलाता है।”

सीख (Lion And Frog Story Moral)

इस प्रकार, शेर और मेंढक की इस कहानी से यह शिक्षा मिलती है कि शक्ति का घमंड करना गलत है। असली वीरता और सम्मान तभी मिलता है जब हम अपनी शक्ति का सही उपयोग दूसरों की मदद करने में करते हैं। शांति, धैर्य और सहयोग ही सच्ची ताकत है, जो हमें कठिनाइयों का सामना करने में मदद करती है।

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