लिटिल रेड राइडिंग हुड की कहानी | The Little Red Riding Hood Story In Hindi

फ्रेंड्स, इस पोस्ट में हम लिटिल रेड राइडिंग हुड की कहानी (Little Red Riding Hood Story In Hindi) शेयर कर रहे हैं. यह एक यूरोपियन परी कथा (European Fairy Tale) है, जो एक नन्हीं बच्ची और दुष्ट भेड़िये की कहानी है. मूल कथा १०वीं शताब्दी से भी पुरानी है और कई यूरोपियन दंत कथाओं में इसका उल्लेख मिलता है. आज भी बच्चों के बीच ये कहानी बहुत लोकप्रिय है. पढ़िए :

Little Red Riding Hood Story In Hindi

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The Little Red Riding Hood Story In Hindi
The Little Red Riding Hood Story In Hindi

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जंगल के किनारे एक गाँव में एक नन्हीं बच्ची अपनी माँ के साथ रहती थी. गाँव के लोग उसे ‘लिटिल रेड राइडिंग हुड’ (Little Red Riding Hood) बुलाते थे.

जंगल के पार रहने वाली उसकी नानी ने उसके पिछले जन्मदिन पर उसे लाल रंग का हुड वाला कोट उपहार में दिया था. वह जब भी घर से बाहर निकलती, वह हुड वाला कोट ज़रूर पहनती थी. इसलिए उसका नाम ‘लिटिल रेड राइडिंग हुड’ पड़ गया था.

एक दिन उसकी माँ को ख़बर मिली कि लिटिल रेड राइडिंग हुड की नानी बीमार है. उसने झटपट गर्मागर्म सूप बनाया और खाना तैयार किया. फिर रेड राइडिंग हुड से कहा कि वह अपनी नानी के घर जाकर उन्हें सूप और खाना देकर आये.

लिटिल रेड राइडिंग हुड (Little Red Riding Hood) अपना पसंदीदा लाल रंग का हुड वाला कोट पहनकर नानी के घर जाने के लिए तैयार हो गई.

उसकी माँ एक बास्केट में सूप और खाना रखकर रेड राइडिंग को देते हुए बोली, “देखो मेरी बच्ची, यहाँ से निकलकर सीधा नानी के घर जाना. रास्ते में कहीं मत रुकना. किसी अजनबी से बिल्कुल बात मत करना.”

लिटिल रेड राइडिंग हुड ने माँ को विश्वास दिलाया कि वह सीधे नानी के घर जायेगी और उन्हें सूप और खाना देकर शाम तक वापस आ जायेगी.

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बास्केट हाथ में उठाये रेड राइडिंग हुड चल पड़ी. उछलते-कूदते, नाचते-गाते वह नानी के घर की ओर चली जा रही थी. रास्ते में जंगल पड़ा. जब वह जंगल पार करने लगी, तो झाड़ियों के पीछे छुपे एक दुष्ट भेड़िये की नज़र उस पर पड़ गई.

उसके मुँह में पानी आ गया. वह बास्केट में रखे खाने के साथ-साथ लिटिल रेड राइडिंग हुड को भी खाने के लिए मचलने लगा. उसने झाड़ियों के पीछे से लिटिल रेड राइडिंग हुड को आवाज़ दी, “ओ नन्हीं बच्ची, कहाँ जा रही हो?”

लिटिल रेड राइडिंग हुड (Little Red Riding Hood) ने पलटकर देखा, तो झाड़ियों के पीछे खड़े भेड़िये को देखकर डर गई. लेकिन भेड़िया बहुत चालाक था. वह बड़े ही प्यार से बोला, “डरो मत बच्ची. मैं तुम्हें कुछ नहीं करूंगा. बस तुम मुझे बड़ी प्यारी लगी. इसलिए तुमसे बात करने का मन हुआ. बताओ तो सही, कहाँ जा रही हो?”

“मैं अपनी नानी के घर जा रही हूँ. वह बीमार हैं. मुझे उनको सूप पिलाना है और खाने का सामान भी देना है.” लिटिल रेड राइडिंग हुड बोली.

ये सुनने के बाद भेड़िये ने सोचा कि बास्केट में रखे खाने और लिटिल रेड राइडिंग हुड के पहले क्यों न इसकी बूढ़ी नानी को ही खाया जाये?

फिर वह बोला, “नन्हीं बच्ची, तुम अपनी नानी के लिए ख़ूबसूरत फूल लेकर क्यों नहीं जाती? फूल देखकर तुम्हारी नानी ख़ुश हो जायगी.”

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भेड़िये के ये बात रेड राइडिंग हुड को जंच गई और वह जंगल से फूल चुनने लगी. इस बीच भेड़िया भागकर उसकी बूढ़ी नानी के घर पहुँच गया और उसे ज़िन्दा ही निगल गया. फिर उसका स्कार्फ़ बंधकर कंबल ओढ़कर बिस्तर पर लेट गया. 

इधर फूल चुनकर लिटिल रेड राइडिंग हुड अपनी नानी के घर पहुँची. दरवाज़ा खुला हुआ था. वह अंदर गई, तो देखा उसकी नानी बिस्तर पर लेटी हुई है. लिटिल रेड राइडिंग हुड इस बात से अनजान थी, कि भेड़िया उसकी नानी को निगलकर ख़ुद बिस्तर पर लेट गया है.

The Little Red Riding Hood Story In Hindi
The Little Red Riding Hood Story In Hindi

वह बिस्तर के पास गई और बोली, “नानी, अब तुम्हारी तबियत कैसी है?”

“मैं ठीक हूँ.” भेड़िया कंबल ओढ़े हुए ही बोला.

भेड़िये की भारी आवाज़ सुनकर लिटिल रेड राइडिंग हुड चौंक गई और बोली, “नानी, ये तुम्हारी आवाज़ को क्या हुआ? ये इतनी भारी कैसे हो गई?”

“वो इसलिए बेटी, ताकि मैं तुम्हारा अच्छी तरह स्वागत कर सकूं.” नानी बना भेड़िया बोला.

लिटिल रेड राइडिंग हुड बिस्तर के थोड़ा और करीब गई, तो उसे भेड़िये के बड़े कान दिखाई पड़े.

उसने पूछा, “नानी, तुम्हारे कान इतने बड़े कैसे हो गए?”

“वो इसलिए बेटी, ताकि तुम्हारी आवाज़ मैं अच्छे से सुन सकूं.”

लिटिल रेड राइडिंग हुड बिस्तर के और क़रीब पहुँची, तो उसे भेड़िये का बड़ा सा मुँह दिखाई पड़ा.

उसने पूछा, “नानी, तुम्हारा मुँह इतना बड़ा कैसे हो गया?”

“वो इसलिए ताकि मैं तुम्हारे अच्छे से खा सकूं.” कहकर भेड़िये ने कंबल फेंककर लिटिल रेड राइडिंग हुड को पकड़ लिया.

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लिटिल रेड राइडिंग हुड (Little Red Riding Hood) भेड़िये को देखकर चिल्लाने लगी. लेकिन भेड़िया उसे ज़िन्दा निगल लिया. पेट भर जाने के बाद भेड़िया बिस्तर पर लेट गया और कुछ देर में सो गया.

इधर जंगल में एक लकड़हारा लकड़ियाँ काट रहा था. उसने लिटिल रेड राइडिंग हुड के चिल्लाने की आवाज़ सुन ली थी. वह मदद के वहाँ पहुँचा, तो उसने देखा कि एक भेड़िया खर्राटे मारते हुए बिस्तर पर सो रहा है.

भेड़िये का फूला हुआ पेट देख उसे शक हुआ और उसने कुल्हाड़ी से उसका पेट चीर दिया. अंदर से लिटिल रेड राइडिंग हुड और उसकी नानी बाहर निकले.

फिर लकड़हारा बाहर से कुछ पत्थर ले आया और उसे भेड़िये के पेट में डाल दिया. लिटिल रेड राइडिंग हुड और उसकी नानी ने भेड़िये का पेट सिल दिया. फिर वे तीनों छुप गये.

कुछ देर बाद भेड़िया उठा. उसे बहुत जोरों की प्यास लग रही थी. प्यास बुझाने वह नदी की ओर जाने लगा. लकड़हारा उसका पीछा करने लगा.  नदी पहुँचकर भेड़िया जैसे ही पानी पीने के लिए झुका, पत्थरों के बोझ के कारण खुद को संभाल नहीं पाया और नदी में गिरकर डूब गया.

लकड़हारे ने जाकर लिटिल रेड राइडिंग हुड और उसकी नानी को भेड़िये के नदी में डूबने की बात जाकर बताई. दोनों ने लकड़हारे को धन्यवाद दिया, क्योंकि उसकी वजह से उन दोनों की जान बच पाई थी.

लिटिल रेड राइडिंग हुड को अहसास था कि माँ की बात न मानने के कारण ही आज उसके साथ-साथ उसकी नानी की भी जान पर बन आई थी. उसने फ़ैसला किया कि वह हमेशा बड़ों का कहना मानेगी.


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