भगवान शिव और किसान की कहानी | Lord Shiva And Farmer Story In Hindi

फ्रेंड्स, भगवान शिव और किसान की कहानी (Lord Shiva And Farmer Story In Hindi) हम इस पोस्ट में शेयर कर रहे हैं। ये Pauranik Katha एक कर्मठ किसान की है, जिसने अपनी कर्मठता से भगवान शिव को भी अपने कर्म का अभ्यास करते रहने को प्रेरित किया। पढ़िए :

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Lord Shiva And Farmer Story Hindi

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Lord Shiva And Farmer Story In Hindi
Lord Shiva And Farmer Story Hindi

एक बार इंद्र देव धरती वासियों से रूष्ट हो गए और दस वर्षों तक वर्षा न करने का प्रण कर लिया। रूष्ट इंद्र देव को मनाने के धरती वासियों ने अनेक यत्न किए। किंतु इंद्र देव न माने। उन्होंने कहा – “बारिश अब दस वर्षों बाद ही होगी। इसके पूर्व तब ही बारिश हो सकती है, जब भोलेनाथ शंख बजाएं।”

धरती वासी भगवान शिव के पास पहुंचे। किंतु उसके पहले ही इंद्र देव ने उन्हें इस बात के लिए सहमत कर लिया था कि वे शंख न बजाएं। धरतीवासियों के अनुनय पर भी शिव न माने।

एक वर्ष व्यतीत हो गया। बिना बरसात के नदी नाले सूख गए। खेत खलिहान उजड़ गए। किसानों ने खेतों में काम करना बंद कर दिया। किंतु एक किसान ऐसा था, जो प्रतिदिन खेत में जाकर हल चलाता।

एक दिन भगवान शिव माता पार्वती के साथ वायु मार्ग से जा रहे थे। उन्होंने सूखे खेत में किसान को काम करते देखा, तो चकित हुए। वे वेश बदलकर उसके पास पहुंचे और बोले – “अगले नौ वर्षों तक बरसात नहीं होगी। तुम व्यर्थ में खेत में हल क्यों चलाते हो?”

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किसान ने उत्तर दिया, “मैं इसलिए हल चला रहा हूं कि अगले नौ वर्षों तक मैंने हल नहीं चलाया, तो मैं कहीं हल चलाना भूल न जाऊं।”

किसान का उत्तर सुनकर भगवान शिव ने सोचा कि मुझे भी शंख बजाए एक वर्ष हो चुके हैं। यदि मैंने भी अगले नौ वर्षों तक शंख नहीं बजाया, तो कहीं मैं भी शंख बजाना भूल न जाऊं। 

उन्होंने उसी क्षण शंख हाथ में लिया और उसमें फूंक मारी। शंख बज उठा और शंख बजते ही बारिश होने लगी।

इस प्रकार एक कर्मठ किसान की वजह से धरती फिर पानी से लबालब उठी। 

सीख (Bhagwan Shiva Aur Kisan Ki Kahani Moral)

स्थिति कैसी भी हो, हमें अपना कर्म करते रहना चाहिए, क्योंकि फ़ल तभी मिलेगा, जब कर्म किए जायेंगे।

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