Heart Touching Story In Hindi Love Story In Hindi

प्रेम पत्र दिल छू लेने वाली कहानी | Love Letter Heart Touching Story In Hindi

प्रेम पत्र दिल छू लेने वाली कहानी (Love Letter Heart Touching Story In Hindi) 

प्यार एक ऐसी भावना है, जिसे शब्दों में बयां करना आसान नहीं होता। यह दिल के भीतर गहराई से उपजता है और बिना कहे भी बहुत कुछ कह जाता है। लेकिन कभी-कभी, परिस्थितियाँ और हमारी झिझक हमारे प्यार को बयां करने से रोक देती हैं। यह कहानी एक ऐसे लड़के और लड़की की है, जिनके दिलों में प्यार तो था, लेकिन वह उस प्यार को खुलकर कभी जी नहीं पाए। एक दुर्भाग्य ने उनकी कहानी को अधूरा बना दिया, लेकिन यह अधूरापन भी उनके प्यार को अमर बना गया। 

Love Letter Heart Touching Story In Hindi

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Love Letter Heart Touching Story In Hindi

एक छोटे से शहर में एक लड़का गंभीर बीमारी कैंसर से जूझ रहा था। बीमारी के कारण उसकी दुनिया घर तक ही सीमित हो गई थी। वह अधिकतर समय अपने कमरे में किताबें पढ़ने और खिड़की के बाहर झांकने में बिताता था। उसकी हालत गंभीर थी और डॉक्टरों ने उसे ज्यादा समय का आश्वासन नहीं दिया था। 

एक दिन उसकी तन्हाई और ऊब इस कदर बढ़ गई कि उसने अपनी माँ से बाहर जाने की अनुमति मांगी। माँ ने पहले थोड़ा झिझकते हुए मना किया, फिर उसकी खुशी के लिए हामी भर दी। वह घर से बाहर निकला और आस-पास की गलियों में टहलने लगा। घूमते हुए उसने पहली बार महसूस किया कि दुनिया कितनी रंगीन और सुंदर है।

चलते-चलते वह एक सीडी स्टोर के सामने से गुजरा। अचानक उसकी नजर स्टोर के अंदर खड़ी एक लड़की पर पड़ी। वह लड़की उसकी उम्र की ही थी और बेहद खूबसूरत लग रही थी। उसकी मुस्कुराहट में जैसे कोई जादू था। लड़का उस लड़की को देखता ही रह गया। 

कुछ देर तक खड़ा होकर देखने के बाद उसने हिम्मत जुटाई और स्टोर के अंदर चला गया। वह डर और झिझक से भरा हुआ था, लेकिन लड़की से बात करने का बहाना ढूंढते हुए उसने पास की शेल्फ से एक सीडी उठाई और काउंटर पर पहुंच गया। 

“मैं आपकी क्या मदद कर सकती हूँ?” लड़की ने मुस्कुराते हुए पूछा। यह मुस्कान उसके लिए किसी तोहफे से कम नहीं थी। लड़के ने हिचकिचाते हुए कहा, “ओ…हाँ…वो…मुझे यह सीडी खरीदनी है।” 

लड़की ने सीडी की कीमत बताई और पूछा, “क्या मैं इसे एक पेपर में लपेट दूं?” लड़के ने तुरंत हामी भर दी। लड़की दूसरे काउंटर पर गई और कुछ ही मिनटों में सीडी को कागज में लपेटकर वापस लाई। लड़के ने पैसे दिए और बिना ज्यादा कुछ बोले वहां से चला गया।

उस दिन के बाद से लड़के की दिनचर्या बदल गई। वह हर रोज सीडी स्टोर जाता और एक सीडी खरीदकर घर वापस आता। उसकी असली मंशा सीडी खरीदना नहीं थी, बल्कि उस लड़की को देखना और उससे थोड़ी-सी बातें करना थी। 

लड़की भी हर बार उसे उसी गर्मजोशी से मिलती, लेकिन लड़के की झिझक उसे ज्यादा बात करने नहीं देती। घर आकर वह सीडी को अपनी स्टडी टेबल पर रख देता, बिना उसे खोले। 

धीरे-धीरे उसका दिल उस लड़की की तरफ खिंचने लगा। उसे उससे प्यार हो गया था। वह दिन-रात उस लड़की के बारे में सोचता। लेकिन उसकी बीमारी और अपने शर्मीले स्वभाव के कारण वह अपने दिल की बात उससे कहने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा था। 

एक दिन उसकी माँ ने उसकी बदलती आदतों को भांप लिया। उसने अपने बेटे से पूछा कि वह रोज सीडी स्टोर क्यों जाता है। पहले तो लड़का झिझका, लेकिन फिर उसने माँ को सब कुछ सच-सच बता दिया। 

माँ ने मुस्कुराते हुए उससे कहा, “अगर तुम्हें उससे इतना प्यार है, तो उसे अपने दिल की बात बता दो। जिंदगी बहुत छोटी है, बेटे। अपनी भावनाओं को व्यक्त करने में देर मत करो।” 

लड़के ने माँ की बात मानी और उसी दिन यह फैसला किया कि वह लड़की से अपने दिल की बात कहेगा। 

शाम को वह सीडी स्टोर पहुंचा। लड़की हमेशा की तरह मुस्कुराते हुए उससे मिली। वह डरते-डरते उसके काउंटर के पास गया और एक सीडी खरीदने की बात कही। 

लड़की जब सीडी को लपेटने के लिए दूसरे काउंटर पर गई, तो लड़के ने जल्दी से एक छोटे से कागज पर अपना फोन नंबर लिखा और लड़की की डेस्क पर रख दिया। उसने सोचा, “अगर मैं यह सब बोल नहीं सकता, तो शायद यह नंबर सब कुछ कह देगा।” 

सीडी लेकर वह जल्दी से स्टोर से बाहर निकल गया। 

अगले दिन लड़का सीडी स्टोर नहीं गया। लड़की ने उसका इंतजार किया, लेकिन वह नहीं आया। यह सिलसिला कई दिनों तक चला। लड़की को उसकी गैरमौजूदगी खलने लगी। 

आखिरकार, उसने काउंटर पर मिले फोन नंबर पर कॉल किया। फोन लड़के की माँ ने उठाया। 

लड़की ने पूछा, “क्या मैं आपके बेटे से बात कर सकती हूँ?” 

यह सुनकर माँ जोर-जोर से रोने लगी। उसने कहा, “पिछली शाम को वह हमें छोड़कर चला गया। उसे कैंसर था, और हम उसकी जिंदगी बचा नहीं सके।” 

लड़की के हाथ से फोन गिरते-गिरते बचा। उसकी आँखों से आँसू बहने लगे। लड़की ने तुरंत माँ से उनके घर का पता पूछा और वहाँ पहुंच गई। माँ उसे लड़के के कमरे में ले गई। 

कमरे में पहुँचकर उसने देखा कि लड़के की स्टडी टेबल पर सीडी का एक ढेर लगा हुआ था। एक भी सीडी खुली नहीं थी। लड़की ने कांपते हुए एक सीडी को उठाया और उसे खोला। 

जैसे ही उसने सीडी का कागज खोला, उसके अंदर एक छोटा सा लव लेटर निकला। यह लव लेटर उसी ने लिखा था। वह हर बार लड़के के लिए अपने दिल की बात उन सीडी के पैक में रख देती थी।

लड़की ने रोते हुए सारी सीडी खोलीं। हर एक सीडी में एक लव लेटर रखा हुआ था। लेकिन लड़के ने कभी कोई सीडी खोली ही नहीं। 

लड़की अपने प्यार को व्यक्त करने में सफल हुई, लेकिन दुर्भाग्यवश, लड़का उस प्यार को देख नहीं सका। दोनों के बीच की झिझक और परिस्थितियाँ उनके प्यार को एक दूसरे तक पहुँचने नहीं दे पाईं। 

सीख

यह कहानी हमें सिखाती है कि अपनी भावनाओं को समय रहते व्यक्त करना कितना महत्वपूर्ण है। प्यार में झिझक और देर कभी-कभी ऐसा पछतावा छोड़ जाती है, जिसे समय भी नहीं भर पाता। 

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