मच्छर की कहानी (Machhar Ki Kahani Story In Hindi) Mosquito Story In Hindi
हर जीव की अपनी कहानी होती है, चाहे वह कितना ही छोटा क्यों न हो। प्रकृति में हर प्राणी का एक उद्देश्य होता है, लेकिन उनकी गतिविधियाँ कभी-कभी मनुष्यों के लिए परेशानी का कारण बन जाती हैं। मच्छर, जिसे अक्सर एक छोटा और परेशान करने वाला जीव माना जाता है, भी अपनी छोटी दुनिया में एक दिलचस्प कहानी रखता है। यह कहानी न केवल मच्छर के जीवन के संघर्ष और उसके महत्व को दर्शाती है, बल्कि हमें यह सिखाती है कि हर जीव को अपने जीवन जीने का अधिकार है।
Machhar Ki Kahani
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एक घने जंगल के किनारे, एक छोटा सा तालाब था। यह तालाब कई प्राणियों का घर था। तालाब के पास ही एक मच्छर परिवार रहता था। मच्छरों का यह परिवार दिन-रात अपने छोटे से जीवन को जीने के लिए संघर्ष करता था। परिवार में सबसे छोटा मच्छर ‘मन्नू’ था, जो बहुत ही जिज्ञासु और नटखट स्वभाव का था।
मन्नू के पंख अभी पूरी तरह मजबूत नहीं हुए थे, लेकिन वह उड़ने के लिए बहुत उत्सुक था। उसकी माँ उसे बार-बार समझाती थी, “मन्नू, अभी तुम्हारे पंख कमजोर हैं। तुम बाहर जाओगे तो पक्षी तुम्हें खा सकते हैं, या इंसान तुम्हें मार सकते हैं। जब तुम उड़ने लायक हो जाओगे, तब मैं तुम्हें खुद सिखाऊंगी कि कैसे इंसानों से बचना है।”
मगर मन्नू पर तो जैसे अपनी माँ की बातों का कोई असर नहीं होता था। एक दिन उसने अपनी माँ की बातों को अनसुना करते हुए बाहर उड़ने का फैसला किया। सूरज ढलने को था, और आसमान में हल्की सुनहरी रोशनी फैली हुई थी। मन्नू ने अपने नाजुक पंख फैलाए और धीरे-धीरे उड़ने लगा।
तालाब के पास एक बुढ़िया बैठी थी, जो शाम की ठंडी हवा का आनंद ले रही थी। मन्नू ने सोचा, “चलो, इसी बुढ़िया के पास जाकर देखता हूँ कि इंसान कैसे होते हैं।” वह धीरे-धीरे बुढ़िया के पास उड़कर गया। बुढ़िया अपने हाथ से अपने चेहरे को पंखे की तरह झल रही थी।
मन्नू ने सोचा, “इंसान तो बड़े ही अजीब होते हैं। खुद को ठंडक देने के लिए अपने ही हाथ का इस्तेमाल करते हैं।” मन्नू ने बुढ़िया के हाथ पर बैठकर खून चूसने की कोशिश की। लेकिन जैसे ही उसने अपनी सूंड़ को बुढ़िया की त्वचा में डाला, बुढ़िया ने जोर से अपने हाथ को झटका दिया और मन्नू दूर जाकर गिर पड़ा।
मन्नू को चोट तो नहीं आई, लेकिन उसका आत्मविश्वास थोड़ा डगमगा गया। उसने सोचा, “इंसान इतने खतरनाक क्यों होते हैं? मुझे तो बचना पड़ेगा।”
मन्नू ने ठान लिया कि वह इंसानों से थोड़ा और समझदारी से पेश आएगा। वह तालाब के किनारे उड़ते-उड़ते जंगल के भीतर चला गया। वहाँ उसे तरह-तरह के जीव मिले। एक मेंढक ने उसे देखकर कहा, “अरे छोटे मच्छर, कहाँ जा रहे हो? देखो, मैं तो तुम्हें अपनी जीभ से पकड़ सकता हूँ। सावधान रहो।”
मन्नू डरते-डरते बोला, “मैं तो बस दुनिया देखना चाहता हूँ।”
मेंढक हँसते हुए बोला, “दुनिया देखने जाओ, लेकिन ध्यान रखना कि ज्यादा शरारत मत करना। प्रकृति के हर जीव का एक स्थान और कर्तव्य होता है। अगर तुम अपने कर्तव्य से भटकोगे, तो खतरे में पड़ सकते हो।”
मन्नू को मेंढक की बात समझ तो आई, लेकिन उसने उसे पूरी तरह से गंभीरता से नहीं लिया।
अगली सुबह, मन्नू ने इंसानों की बस्ती की ओर उड़ान भरी। वहाँ उसे तरह-तरह के घर, गाड़ियाँ और लोग दिखाई दिए। उसने देखा कि इंसान अक्सर आपस में बात करते हुए हँसते और काम करते हैं। मन्नू को यह बहुत रोचक लगा।
वह एक घर में घुस गया। वहाँ उसने एक बच्चे को खेलते हुए देखा। बच्चा बहुत खुश लग रहा था। मन्नू ने सोचा, “इंसान इतने बड़े और खतरनाक होते हैं, लेकिन यह बच्चा तो मासूम और प्यारा है। शायद मुझे इसे परेशान नहीं करना चाहिए।”
लेकिन जैसे ही मन्नू ने बच्चे के पास उड़ने की कोशिश की, उसकी माँ ने मच्छर को देखते ही उसे मारने के लिए अपना हाथ उठाया। मन्नू ने किसी तरह तेजी से उड़कर अपनी जान बचाई।
तालाब के पास वापस लौटते समय, मन्नू ने सोचा, “इंसान हमें इतना बुरा क्यों समझते हैं? हम तो सिर्फ अपने भोजन के लिए उनका खून चूसते हैं, जैसे वे अन्य जानवरों का मांस खाते हैं। क्या हमारा जीवित रहना कोई अपराध है?”
मन्नू ने अपनी माँ से जाकर अपनी भावनाएँ व्यक्त कीं। उसकी माँ ने समझाया, “मन्नू, हर जीव का एक उद्देश्य होता है। हमारा कार्य है, प्रकृति के संतुलन को बनाए रखना। लेकिन इंसानों को यह बात समझने में कठिनाई होती है। वे हमें सिर्फ परेशानी के रूप में देखते हैं।”
मन्नू ने पूछा, “तो हमें क्या करना चाहिए, माँ?”
माँ ने उत्तर दिया, “हमें अपना काम करना है, लेकिन संतुलन बनाए रखना है। याद रखना, प्रकृति हमें दूसरों को नुकसान पहुँचाने के लिए नहीं, बल्कि खुद को बनाए रखने के लिए जिम्मेदारी देती है।”
सीख
मच्छर की इस कहानी से कई महत्वपूर्ण बातें सीखने को मिलती हैं:
1. हर जीव का महत्व: प्रकृति में हर जीव का एक उद्देश्य होता है, चाहे वह कितना ही छोटा क्यों न हो।
2. जीवन का संतुलन: अपनी जरूरतों के लिए दूसरों को नुकसान पहुँचाना गलत है। हमें अपने कार्यों में संतुलन बनाए रखना चाहिए।
3. जिज्ञासा और ज्ञान: जिज्ञासा अच्छी चीज है, लेकिन यह तभी सार्थक होती है जब हम उसे सही दिशा में उपयोग करें।
4. दूसरों की परिप्रेक्ष्य को समझें: यह जरूरी है कि हम दूसरों के दृष्टिकोण को भी समझें और उनके साथ सामंजस्य बिठाने की कोशिश करें।
मच्छर एक छोटा सा जीव है, लेकिन उसकी कहानी हमें बड़े पाठ सिखा सकती है। इस कहानी के माध्यम से, हम यह समझ सकते हैं कि चाहे कोई भी प्राणी हो, वह प्रकृति के संतुलन का हिस्सा है। जीवन में हमें हर जीव का सम्मान करना चाहिए और यह याद रखना चाहिए कि सभी का एक अद्वितीय स्थान और उद्देश्य है।
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