Moral Story In Hindi Naitik Kahaniyan

शिक्षक की सीख : शिक्षाप्रद कहानी | Moral Story About Attitude In Hindi

Moral Story About Attitude In Hindi

Table of Contents

Moral Story About Attitude In Hindi

Moral Story About Attitude In Hindi

Moral Story About Attitude In Hindi : एक कक्षा में अध्यापक छात्रों को पढ़ा रहे थे. तभी कक्षा के दो छात्र आपस में झगड़ने लगे. उनका झगड़ा देख अध्यापक ने पूछा, “क्या बात है? तुम दोनों ऐसे क्यों झगड़ रहे हो?”

“सर! ये मेरी बात सुन ही नहीं रहा है. बस अपनी बात पर अड़ा हुआ है.” एक छात्र बोला.

“सर, मैं इसकी बात क्यों सुनूं? ये जो कह रहा है, वो गलत हैं. ऐसे में इसकी बात सुनकर क्या फायदा?” दूसरा छात्र बोला.

इसके बाद दोनों फिर से आपस में उलझ गए. दोनों की सुलह कराने अध्यापक ने उन्हें अपने पास बुलाया. दोनों छात्र अध्यापक की डेस्क के पास जाकर खड़े हो गये. एक डेस्क की एक ओर और दूसरा डेस्क की दूसरी ओर.

पढ़ें : अहंकार का फल : शिक्षाप्रद कहानी Short Moral Story In Hindi

अध्यापक ने डेस्क की दराज़ से एक गेंद निकाली और उसे डेस्क के बीचों-बीच रख दिया. उसके बाद वे दोनों छात्रों से बोले, “इस गेंद को देखकर बताओ, ये किस रंग की है?”

“ये सफ़ेद रंग की गेंद है सर.” पहला छात्र बोला.

“नहीं सर, ये तो काली है.” दूसरा छात्र बोला.

दोनों के उत्तर एक-दूसरे से भिन्न थे. लेकिन दोनों अपनी बात पर अडिग थे. दोनों में फिर तू-तू मैं-मैं होने लगी. अध्यापक ने दोनों को शांत कर अपने स्थान बदलने को कहा. दोनों ने अपने स्थान बदल लिए.

“अब गेंद को देखकर बताओ कि ये किस रंग की है?” अध्यापक ने फिर से वही प्रश्न दोहराया.

पढ़ें : बगुला भगत : पंचतंत्र की कहानी Panchatantra Story In Hindi

इस बार भी दोनों के जवाब एक-दूसरे से भिन्न थे. अब पहले छात्र ने कहा, “सर, गेंद काली है.” और दूसरे छात्र ने कहा, “सर, गेंद सफ़ेद है.” लेकिन अबकी बार वे अपने खुद के जवाब से हैरान भी थे.

अध्यापक दोनों को समझाते हुए बोले, “ये गेंद दो रंगों की बनी हुई है. एक तरफ से देखने पर सफ़ेद दिखती है, तो दूसरी तरफ से देखने पर काली. तुम दोनों के जवाब सही हैं. फर्क बस तुम्हारे देखने में है. जिस जगह से तुम इस गेंद को देख रहे हो, वहाँ से तुम्हें ये वैसे रंग की दिखाई दे रही है. जीवन भी ऐसा ही है. जीवन में भी किसी चीज़, परिस्थिति या समस्या को देखने का नज़रिया (Attitude)  भिन्न हो सकता है. ये ज़रूरी नहीं कि जिसका मत आपसे भिन्न है, वो गलत है. ये बस नज़रिये का फर्क है. ऐसे में हमें विवाद में पड़ने के स्थान पर दूसरे के नज़रिये को समझने का प्रयास करना चाहिए. तभी हम किसी की बात बेहतर ढंग से समझ पाएंगे और अपनी बात बेहतर ढंग से समझा पाएंगे.”

दोनों छात्रों को अध्यापक की बात समझ में आ गई और दोनों ने अपना झगड़ा भुलाकर सुलह कर ली.

सीखजीवन में परिस्थितयाँ भिन्न हो सकती हैं. उन परिस्थितियों के प्रति लोगों का नज़रिया (Attitude)भिन्न हो सकता है. हम अक्सर किसी भी परिस्थिति को जाने बिना अपनी टिप्पणी दे देते हैं और अपनी बात पर अड़ जाते हैं. ऐसे में विवाद या बहस की स्थिति निर्मित होती है, जो अंततः संबंध बिगड़ने का कारण बन जाती है. इसलिए किसी भी बात पर अपनी टिप्पणी देने के पहले परिस्थिति या मामले की अच्छी तरह जानकारी ले लेना चाहिए. साथ ही यदि मतभिन्नता की स्थिति बने, तो दूसरे के नज़रिये को समझने को कोशिश करना चाहिए. ताकि विवाद नहीं बल्कि बेहतर संवाद स्थापित हो सके.         

Friends, आपको ‘Moral Story About Attitude In Hindi‘ कैसी लगी? आप अपने comments के द्वारा हमें अवश्य बतायें. ये Hindi Story पसंद आने पर Like और Share करें. ऐसी ही और moral story hindi पढ़ने के लिए हमें Subscribe कर लें. Thanks.

Read Moral Stories In Hindi : 

About the author

Editor

Leave a Comment