बच्चों के लिए शिक्षाप्रद कहानियां क्लास 3 | Short Moral Story In Hindi For Class 3
Short Moral Story In Hindi For Class 3
Table of Contents
1. दोस्ती का महत्व
एक समय की बात है, एक छोटे से गांव में सोनू और मोनू नाम के दो दोस्त रहते थे। दोनों हमेशा साथ रहते, खेलते और पढ़ाई करते थे। एक दिन, गांव में एक मेला लगा। सोनू और मोनू ने सोचा कि वे मेले में जाएंगे और खूब मस्ती करेंगे।
जब वे मेला घूम रहे थे, तभी सोनू को एक खिलौना बहुत पसंद आया। लेकिन उसके पास पैसे नहीं थे। मोनू ने तुरंत अपने पास के पैसे निकालकर सोनू को दे दिए। सोनू बहुत खुश हुआ और बोला, “तुम सच्चे दोस्त हो।”
कुछ समय बाद, मोनू बीमार पड़ गया। सोनू ने उसकी खूब सेवा की और डॉक्टर से इलाज करवाया। मोनू जल्दी ही ठीक हो गया। दोनों ने समझा कि सच्ची दोस्ती में ही सच्ची खुशी होती है।
शिक्षा: सच्ची दोस्ती का कोई मोल नहीं होता। हमें हमेशा अपने दोस्तों की मदद करनी चाहिए।
2. चतुर खरगोश
एक जंगल में एक चतुर खरगोश रहता था। वह बहुत समझदार और बुद्धिमान था। एक दिन, जंगल में एक शेर आया जो सभी जानवरों को डराने लगा। शेर ने घोषणा की कि वह हर रोज एक जानवर को खाएगा।
खरगोश ने सोचा, “अगर यह शेर इसी तरह चलता रहा, तो सभी जानवर मारे जाएंगे। मुझे कुछ करना होगा।” उसने एक योजना बनाई। अगले दिन जब शेर ने खरगोश को बुलाया, तो खरगोश धीरे-धीरे शेर के पास गया और बोला, “महाराज, मुझे आने में देर हो गई क्योंकि रास्ते में एक और शेर मिल गया था। उसने कहा कि वह इस जंगल का असली राजा है।”
शेर गुस्से में बोला, “कहाँ है वह शेर? मुझे दिखाओ।”
खरगोश ने शेर को एक गहरे कुएं के पास ले जाकर कहा, “वह शेर कुएं में है।” शेर ने कुएं में झाँका और उसे अपनी ही परछाई दिखी। उसने सोचा कि वह दूसरा शेर है और गुस्से में कुएं में कूद गया। इस तरह चतुर खरगोश ने शेर से जानवरों को बचा लिया।
शिक्षा: समझदारी से बड़ी से बड़ी मुश्किल का हल निकाला जा सकता है।
3. अहंकारी मोर
एक जंगल में एक खूबसूरत मोर रहता था। वह बहुत गर्व करता था अपनी सुंदरता पर। हर दिन वह अपने पंखों को फैलाकर जंगल में इतराता और कहता, “मुझसे सुंदर कोई नहीं है।”
एक दिन, मोर ने अपनी सुंदरता के बारे में खरगोश का मजाक उड़ाया। खरगोश को बुरा लगा लेकिन उसने कुछ नहीं कहा। उसी दिन अचानक से बारिश होने लगी। मोर भीगने से बचने के लिए एक पेड़ के नीचे छिप गया। लेकिन उसके भारी पंख भीग गए और उड़ना मुश्किल हो गया।
तभी मोर ने देखा कि एक छोटा सा कौआ बिना किसी मुश्किल के उड़ रहा है। मोर को एहसास हुआ कि केवल सुंदरता ही महत्वपूर्ण नहीं होती, बल्कि उपयोगी होना भी ज़रूरी है।
शिक्षा: केवल बाहरी सुंदरता ही सब कुछ नहीं होती। असली सुंदरता विनम्रता और अच्छे आचरण में होती है।
4. ईमानदारी का फल
एक छोटे से गांव में रामू नाम का एक गरीब लड़का रहता था। वह बहुत ईमानदार था। एक दिन, उसे रास्ते में एक बटुआ मिला जिसमें बहुत सारे पैसे थे। रामू ने सोचा कि बटुआ किसी ने खो दिया होगा और उसने बटुए के मालिक को ढूंढने का निश्चय किया।
कई लोगों से पूछने के बाद, रामू ने बटुए के असली मालिक को ढूंढ निकाला। वह एक बुजुर्ग व्यक्ति था। वह रामू की ईमानदारी से बहुत प्रभावित हुआ और उसे धन्यवाद के रूप में कुछ पैसे दिए। रामू ने पैसे लेने से मना कर दिया, लेकिन बुजुर्ग ने कहा, “ईमानदारी का हमेशा सम्मान होना चाहिए।”
रामू ने वह पैसे अपनी मां को दे दिए और उसकी ईमानदारी के कारण वह गांव में प्रसिद्ध हो गया।
शिक्षा: ईमानदारी हमेशा फल देती है। हमें कभी भी सच्चाई का रास्ता नहीं छोड़ना चाहिए।
5. बंदर और मगरमच्छ
एक समय की बात है, एक बंदर और एक मगरमच्छ एक नदी के किनारे रहते थे। बंदर रोज़ एक पेड़ से मीठे फल खाता और मगरमच्छ के साथ भी साझा करता। मगरमच्छ को वह फल बहुत पसंद आया।
एक दिन, मगरमच्छ ने अपने घर जाकर अपनी पत्नी को वह फल खिलाया। उसकी पत्नी ने कहा, “अगर ये फल इतने मीठे हैं, तो उस बंदर का दिल कितना मीठा होगा! मैं उसे खाना चाहती हूँ।”
मगरमच्छ अपने दोस्त बंदर के पास गया और बोला, “मुझे तुमसे कुछ कहना है। मेरी पत्नी ने तुम्हें खाने के लिए बुलाया है।”
बंदर समझ गया कि मगरमच्छ की पत्नी की क्या मंशा है। वह तुरंत बोला, “अरे, मैंने अपना दिल तो पेड़ पर ही छोड़ दिया है। मुझे वापस जाने दो और उसे ले आऊँ।”
मगरमच्छ उसे पेड़ के पास ले गया। बंदर ने पेड़ पर चढ़कर कहा, “तुमने मुझे धोखा देने की कोशिश की, अब मैं कभी तुम्हारे साथ फल साझा नहीं करूंगा।”
शिक्षा: संकट में धैर्य और समझदारी से काम लेना चाहिए।
6. ईमानदार लकड़हारा
एक बार की बात है, एक गांव में रामू नाम का एक गरीब लकड़हारा रहता था। वह रोज़ जंगल जाकर लकड़ियां काटता और उन्हें बेचकर अपना गुजारा करता था। एक दिन, रामू एक नदी के किनारे पेड़ काट रहा था। अचानक, उसकी कुल्हाड़ी हाथ से फिसल गई और नदी में गिर गई। रामू बहुत दुखी हुआ, क्योंकि वह उसकी इकलौती कुल्हाड़ी थी।
रामू ने ईश्वर से प्रार्थना की, “हे भगवान, मेरी कुल्हाड़ी वापस कर दो, मैं गरीब हूं और नई कुल्हाड़ी खरीदने के लिए मेरे पास पैसे नहीं हैं।” तभी नदी से एक देवता प्रकट हुए। देवता ने रामू की प्रार्थना सुनी और उसे सोने की कुल्हाड़ी दिखाकर पूछा, “क्या यह तुम्हारी कुल्हाड़ी है?”
रामू ने ईमानदारी से कहा, “नहीं, यह मेरी कुल्हाड़ी नहीं है।”
फिर देवता ने चांदी की कुल्हाड़ी दिखाकर पूछा, “क्या यह तुम्हारी कुल्हाड़ी है?”
रामू ने फिर कहा, “नहीं, यह भी मेरी कुल्हाड़ी नहीं है।”
अंत में, देवता ने लोहे की कुल्हाड़ी दिखाई। रामू ने खुशी से कहा, “हाँ, यही मेरी कुल्हाड़ी है!”
देवता रामू की ईमानदारी से बहुत प्रसन्न हुए और उसे तीनों कुल्हाड़ियां उपहार स्वरूप दे दीं। रामू खुशी-खुशी घर लौट आया।
शिक्षा: ईमानदारी का फल हमेशा मीठा होता है। हमें सच्चाई का मार्ग नहीं छोड़ना चाहिए।
7. गधा और उसका मालिक
एक गांव में एक गधा और उसका मालिक रहते थे। मालिक हर रोज़ गधे के ऊपर ढेर सारा सामान लादकर उसे बाजार भेजता था। गधा अपने मालिक से बहुत प्यार करता था और उसकी हर बात मानता था।
एक दिन, रास्ते में चलते समय गधे को बहुत थकान महसूस हुई। उसने मालिक से कहा, “मालिक, मैं बहुत थक गया हूँ। क्या आप कुछ समय के लिए मुझे आराम करने देंगे?”
मालिक ने कहा, “अभी हम बाजार से बहुत दूर हैं। अगर तुमने अभी आराम किया, तो हम समय पर नहीं पहुंच पाएंगे।” गधे ने समझदारी से कहा, “मालिक, अगर मैं आराम नहीं करूंगा तो मैं कमजोर हो जाऊंगा और फिर आपको भी नुकसान होगा।”
मालिक ने गधे की बात समझी और उसे कुछ समय के लिए आराम करने दिया। गधे ने थोड़ा आराम किया और फिर दुगुने जोश से काम किया। दोनों समय पर बाजार पहुंच गए।
शिक्षा: हमें समय पर आराम करना चाहिए, ताकि हम और बेहतर काम कर सकें। सेहत का ख्याल रखना बहुत जरूरी है।
8. चतुर कछुआ
एक बार की बात है, एक जंगल में एक तेज़ खरगोश और एक धीमा कछुआ रहते थे। खरगोश अपनी तेज़ दौड़ने की क्षमता पर बहुत गर्व करता था और हमेशा कछुए का मजाक उड़ाता था।
एक दिन, कछुए ने खरगोश को दौड़ की चुनौती दी। खरगोश ने सोचा कि कछुआ तो बहुत धीरे-धीरे चलता है, उसे हराना तो बहुत आसान है। उसने तुरंत चुनौती स्वीकार कर ली।
दौड़ शुरू हुई, और खरगोश तेजी से दौड़ने लगा। उसने देखा कि कछुआ बहुत पीछे रह गया है। खरगोश ने सोचा कि क्यों न थोड़ा आराम कर लिया जाए, कछुआ तो अभी बहुत दूर है। वह एक पेड़ के नीचे आराम करने बैठ गया और थोड़ी ही देर में सो गया।
कछुआ धीमी गति से चलता रहा, लेकिन वह कभी रुका नहीं। उसने अपना ध्यान केवल अपनी मंजिल पर रखा। आखिरकार, कछुआ खरगोश के पास से गुजर गया, लेकिन खरगोश सोता रहा। जब खरगोश की नींद खुली, तब तक कछुआ दौड़ जीत चुका था।
शिक्षा: धैर्य और निरंतरता से ही सफलता मिलती है। कभी भी किसी को कम नहीं आंकना चाहिए।
9. दोस्ती की ताकत
एक बार की बात है, एक जंगल में एक शेर और एक चूहा रहते थे। एक दिन शेर ने चूहे को पकड़ लिया और उसे मारने ही वाला था कि चूहे ने कहा, “हे जंगल के राजा, मुझे मत मारो। मैं एक दिन आपकी मदद करूंगा।”
शेर ने हंसकर कहा, “तुम छोटे से चूहे मेरी क्या मदद करोगे?” लेकिन फिर भी उसने चूहे को छोड़ दिया।
कुछ दिनों बाद, शेर शिकारी के जाल में फंस गया। शेर ने जोर-जोर से दहाड़ लगाई, लेकिन जाल से बाहर नहीं निकल सका। तभी वहां से चूहा गुजरा। उसने शेर की दहाड़ सुनी और तुरंत उसकी मदद के लिए पहुंच गया। चूहे ने अपने तेज़ दांतों से जाल को काट दिया और शेर को आज़ाद कर दिया।
शेर ने चूहे को धन्यवाद दिया और समझा कि सच्चे दोस्त चाहे जितने भी छोटे क्यों न हों, वे समय पर काम आ सकते हैं।
शिक्षा: सच्ची दोस्ती की ताकत को कभी कम मत समझो। मदद कभी भी किसी से आ सकती है।
10. स्वार्थी घड़ा
एक समय की बात है, एक किसान के पास दो घड़े थे। एक घड़ा बहुत सुंदर था और दूसरा थोड़ा पुराना और टूटा हुआ था। किसान इन दोनों घड़ों में पानी भरकर खेत में ले जाता था।
एक दिन सुंदर घड़े ने टूटे घड़े से कहा, “तुम कितने बेकार हो! तुम्हारे टूटे होने की वजह से किसान का आधा पानी रास्ते में ही गिर जाता है।”
टूटा घड़ा बहुत दुखी हुआ, लेकिन उसने कुछ नहीं कहा। किसान ने टूटे घड़े की बातें सुनी और कहा, “तुम्हारी वजह से मेरे खेत के किनारे सुंदर फूल खिले हैं। जब तुमसे पानी गिरता है, तो वह इन फूलों को सींच देता है।”
टूटा घड़ा यह सुनकर खुश हुआ और उसने खुद को उपयोगी समझा।
शिक्षा: हर व्यक्ति में कुछ न कुछ खास होता है। हमें अपनी अच्छाइयों को पहचानकर खुश रहना चाहिए।
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