जीवन का दर्पण : प्रेरणादायक कहानी | Motivational Story For Employees In Hindi 

फ्रेंड्स, इस पोस्ट में हम “जीवन का दर्पण” प्रेरणादायक कहानी (Motivational Story For Employees In Hindi) कहानी शेयर कर रहे हैं.

हर कर्मचारी अपने करियर में तरक्की चाहता है, वह प्रगति के उस सोपान पर पहुँचना चाहता है, जिसके उसने सपने देखें है. इस राह में उसे बहुत सी प्रतियोगिताओं का सामना करना पड़ता है, बहुत से प्रतियोगी उसे प्रगति की राह में कांटे बिछाते नज़र आते हैं और उसे लगता है कि वे उसकी प्रगति में बाधक है. पर वास्तव में स्वयं की प्रगति किसके हाथ में है? यदि कोई बाधा बन रहा है, तो वो कौन है? यह प्रेरणादायक कहानी इस बारे में आपका नज़रिया बदल देगी. पढ़िए :

Motivational Story For Employees In Hindi 

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Motivational Story For Employees In Hindi 
Motivational Story For Employees In Hindi

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एक दिन जब ऑफिस के सभी कर्मचारी ऑफिस पहुँचे, तो उन्हें दरवाजे पर एक पर्ची चिपकी हुई मिली. उस पर लिखा था – “कल उस इंसान की मौत हो गई, जो कंपनी में आपकी प्रगति में बाधक था. उसे श्रद्धांजली देने के लिए सेमिनार हाल में एक सभा आयोजित की गई है. ठीक ११ बजे श्रद्धांजली सभा में सबका उपस्थित होना अपेक्षित है.”

अपने एक सहकर्मी की मौत की खबर पढ़कर पहले तो सभी दु:खी हुए. लेकिन कुछ देर बाद उन सबमें ये जिज्ञासा उत्पन्न होने लगी कि आखिर वह कौन था, जो उनकी और कंपनी की प्रगति में बाधक था?

११ बजे सेमिनार हाल में कर्मचारियों का आना प्रारंभ हो गया. धीरे-धीरे वहाँ इतनी भीड़ जमा हो गई कि उसे नियंत्रित करने के लिए सिक्यूरिटी गार्ड की व्यवस्था करनी पड़ी. लोगों का आना लगातार जारी था. जैसे-जैसे लोगों की भीड़ बढ़ती जा रही थी,  सेमिनार हॉल में हलचल भी बढ़ती जा रही थी. सबके दिमाग में बस यही चल रहा था : “आखिर वो कौन था, जो कंपनी में मेरी प्रगति पर लगाम लगाने पर तुला हुआ था? चलो, एक तरह से ये अच्छा ही हुआ कि वो मर गया.”

जैसे ही श्रद्धांजली सभा प्रारंभ हुई, एक-एक करके सभी उत्सुक और जिज्ञासु कर्मचारी कफ़न के पास जाने लगे. करीब पहुँचकर जैसे ही वे कफ़न के अंदर झांकते, उनका चेहरा फक्क पड़ जाता. मानो उन्हें सदमा सा लग गया हो.

उस कफ़न के अंदर एक दर्पण रखा हुआ था. जो भी उसमें झांककर देखता, उसे उसमें अपना ही अक्स नज़र आता. उस दर्पण पर एक पर्ची भी चिपकी हुई थी, जिस पर कुछ ऐसा लिखा था जो सबकी आत्मा को झकझोर रहा था:

”केवल एक ही इंसान आपकी प्रगति में बाधक है और वो आप खुद है. आप ही वो इंसान है, जो अपने जीवन में क्रांति उत्पन्न कर सकते है. आप ही वो इंसान है, जो अपनी ख़ुशी, अपनी समझ और अपनी सफलता को प्रभावित कर सकते है. आप ही वो इंसान हैं, जो अपनी खुद की मदद कर सकते है. आपका जीवन नहीं बदलता, जब आपका बॉस बदल जाता है; आपका जीवन नहीं बदलता, जब आपके दोस्त बदल जाते है; आपका जीवन नहीं बदलता, जब आपके पार्टनर या साथी बदल जाते है; आपका जीवन तब बदलता है, जब “आप खुद” बदल जाते है. जब आप अपने खुद के विश्वास की सीमा को लांघकर उसके पार जाते है, जब आप ये समझ जाते है कि आप और सिर्फ आप अपने जीवन के लिए जिम्मेदार है, तब आपका जीवन बदल जाता है. सबसे महत्वपूर्ण रिश्ता जो आपका किसी के साथ है, वो आपका खुद से है.”

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