धर्मगुरुओं की चर्चा : मुल्ला नसरुद्दीन की कहानी | Mulla Nasruddin Aur Dharmguru Ki Kahani

फ्रेंड्स, इस पोस्ट में हम मुल्ला नसरुद्दीन की कहानी “ताकत का इम्तिहान” (Mulla Nasruddin Aur Dharmguru Ki Kahani) शेयर कर रहे हैं. एक बार मुल्ला नसरुद्दीन मुस्लिम धर्मगुरुओं की चर्चा में शामिल हो गया. उसके बाद वो चर्चा कैसे मज़ेदार ढंग से खत्म हुई, ये जानने के लिए पढ़िए मुल्ला नसरुद्दीन का ये मज़ेदार किस्सा :

Mulla Nasruddin Aur Dharmguru Ki Kahani

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एक बार की बात है. मुल्ला के गाँव के मुस्लिम धर्मगुरू आपस में चर्चा कर रहे थे. विभिन्न विषयों पर चर्चा करते-करते उनकी चर्चा इस बात तक पहुँच गई कि जब कोई शवयात्रा निकलती है, तब ताबूत के दाईं तरफ़ चलना चाहिए या बाईं तरफ़.

सबके मत भिन्न थे. उनमें आपस में विवाद होने लगा. कई लोग ताबूत के बाईं तरफ चलना सही मानते थे, तो कई लोग दाईं तरफ.

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तभी कहीं से घूमता हुआ मुल्ला नसरुद्दीन वहाँ आ पहुँचा. लोगों ने जब उसे देखा, तो इस बारे में उसका मत पूछा गया.

मुल्ला हँसते हुए बोला, “भई जहाँ मर्ज़ी वहाँ चलो. दाईं तरफ चलो या बाईं तरफ़ चलो, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता. सबसे ज़रूरी ये बात है कि ताबूत के अंदर मत रहो.”


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