Mulla Nasruddin Ki Kahaniya

मुल्ला नसरुद्दीन और तीन मूर्ख की कहानी | Mulla Nasruddin Aur Teen Murkh Ki Kahani

मुल्ला नसरुद्दीन और तीन मूर्ख की कहानी (Mulla Nasruddin Aur Teen Murkh Ki Kahani Funny Story In Hindi)

मुल्ला नसरुद्दीन अपनी बुद्धिमानी, हास्य और अनोखे दृष्टिकोण के लिए मशहूर हैं। उनकी कहानियाँ सरल लेकिन गहरी सीख देने वाली होती हैं। मुल्ला की चतुराई और हास्य हमें जीवन के प्रति एक नया नजरिया दिखाते हैं। उनकी हर कहानी में हास्य के साथ एक प्रेरणादायक संदेश छिपा होता है। इस नई कहानी में भी मुल्ला अपनी चतुराई और मजाकिया अंदाज में एक समस्या का समाधान करते हैं।  

Mulla Nasruddin Aur Teen Murkh

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Mulla Nasruddin Aur Teen Murkh Ki Kahani

एक दिन मुल्ला नसरुद्दीन अपने गाँव के चौराहे पर बैठे थे। तभी कुछ गाँववाले उनके पास आए और बोले,  “मुल्ला, हमारे गाँव में तीन लोग हैं, जो खुद को सबसे बड़ा बुद्धिमान मानते हैं, लेकिन उनकी हरकतें मूर्खता से भरी होती हैं। उनकी वजह से पूरा गाँव परेशान है।”  

मुल्ला ने सोचा, “क्यों न इन तीनों को सबक सिखाया जाए?” उन्होंने गाँववालों से कहा,  “उन्हें मेरे पास भेजो। मैं उनकी परीक्षा लूंगा।”  

पहला व्यक्ति मुल्ला के पास आया। वह आत्मविश्वास से भरा हुआ था और बोला,  “मुल्ला, मैं सबसे बुद्धिमान हूं। आप मुझसे कोई भी सवाल पूछ सकते हैं।”  

मुल्ला ने मुस्कुराते हुए पूछा,  “अगर किसी कुएं में पानी नहीं है, तो उसे कैसे भरा जाए?”  

वह व्यक्ति सोचने लगा और फिर बोला,  “कुएं में पानी डालने के लिए मुझे पहले दूसरे कुएं से पानी लाना होगा।”  

मुल्ला हंसे और बोले,  “तुम पानी से भरे कुएं को छोड़कर खाली कुएं में पानी डालना चाहते हो? यह तो मूर्खता है!”  

पहला व्यक्ति शर्मिंदा होकर चला गया।  

दूसरा व्यक्ति आया, जो अपने कपड़ों और बातों से खुद को बड़ा विद्वान दिखाने की कोशिश कर रहा था। उसने कहा,  “मुल्ला, मैं इतनी किताबें पढ़ चुका हूं कि कोई मुझे मूर्ख नहीं कह सकता।”  

मुल्ला ने पूछा,  “अगर तुम इतने बुद्धिमान हो, तो यह बताओ कि सूर्य और चंद्रमा में कौन बड़ा है?”  

उसने गर्व से कहा,  “सूर्य बड़ा है क्योंकि वह दिन में रोशनी देता है।”  

मुल्ला मुस्कुराए और बोले,  “तो तुम कह रहे हो कि जो केवल रात में रोशनी देता है, वह छोटा है? चंद्रमा की रोशनी का महत्व दिन से ज्यादा हो सकता है। यह सोचने की बात है।”  

दूसरा व्यक्ति भी निरुत्तर होकर चला गया। 

तीसरा व्यक्ति आया और मुल्ला से बोला,  “मुझे पता है कि आप मुझे मूर्ख साबित करने की कोशिश करेंगे, लेकिन मैं बहुत चालाक हूं। आप मुझे हरा नहीं सकते।”  

मुल्ला ने पूछा,  “ठीक है, अगर तुम इतने चालाक हो, तो यह बताओ कि कोई व्यक्ति बिना पैर हिलाए नदी कैसे पार कर सकता है?”  

वह व्यक्ति सोचता रहा और फिर गुस्से में बोला,  “यह असंभव है!”  

मुल्ला ने मुस्कुराते हुए कहा,  “क्यों नहीं? वह नाव में बैठकर नदी पार कर सकता है।”  

तीसरा व्यक्ति भी चुप होकर चला गया।  

तीनों व्यक्तियों को हारता देख गाँववाले हंसने लगे। उन्होंने मुल्ला से कहा,  “मुल्ला, आपने हमें सिखा दिया कि जो खुद को सबसे बड़ा समझता है, वह अक्सर सबसे ज्यादा मूर्ख होता है।”  

मुल्ला ने कहा,  “हमेशा याद रखो, सच्ची बुद्धिमानी अपने आप पर गर्व करना नहीं, बल्कि हर समय कुछ नया सीखने की कोशिश करना है।”  

सीख  

इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि घमंड और खुद को सबसे बड़ा मानना हमेशा मूर्खता की निशानी होती है। सच्ची बुद्धिमानी में विनम्रता और सीखने की इच्छा होनी चाहिए।  

दोस्तों, आशा है आपको ये “Mulla Nasruddin Aur Teen Murkh Ka Kissa“ पसंद आयी होगी. आप इसे Like कर सकते हैं और अपने Friends के साथ Share भी कर सकते हैं. मज़ेदार “Mulla Nasruddin Funny Stories In Hindi” पढ़ने के लिए हमें Subscribe ज़रूर कीजिये. Thanks.  

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