नाचने वाले बाबा की कहानी | Nachane Wale Baba Motivational Story

फ्रेंड्स, इस पोस्ट में हम नाचने वाले बाबा की कहानी (Nachane Wale Baba Motivational Story In Hindi) शेयर कर रहे हैं। ये Khud Par Vishwas Ki Kahani है। इस कहानी में एक चमत्कारी बाबा है, जिसके नाचने पर हमेशा बारिश होती है। क्या है इस चमत्कार का राज़, जानने के लिए पढ़ें :

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Nachane Wale Baba Ki Kahani

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Nachane Wale Baba Ki jahani
Nachane Wale Baba Ki Motivational Story

 

एक गांव में सूखा पड़ा था। बारिश न होने के कारण फसलें सूखने लगीं थीं। गांव वाले परेशान हो गए। उन्हें लगने लगा कि इस साल पूरी फसल बर्बाद हो जायेगी। 

एक दिन गांव में एक साधु आया और मस्त होकर नाचने लगा। गांव में जो भी उसे देखता, पागल समझता। धीरे धीरे पूरे गांव में उस पागल साधु की खबर फैल गई। लोग उसके आसपास इकट्ठा हो गए और उसका मज़ाक भी उड़ाने लगे।

तभी अचानक बादल घुमड़ने लगे और जोरों की बारिश शुरू हो गई। साधु ने नाचना बंद कर दिया। गांव वालों के आश्चर्य की कोई सीमा नहीं रही। वे हाथ जोड़कर साधु से क्षमा मांगने लगे। उस दिन के बाद से साधु गांव में ही एक कुटिया बनाकर रहने लगा। जब भी सूखा पड़ता, वह नाचने लगता और बारिश हो जाती। वह बारिश वाले बाबा के नाम से प्रसिद्ध हो गया।

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एक बार शहर से कुछ लड़के गांव में घूमने आए। जब उन्होंने बारिश वाले बाबा के बारे में सुना, तो उन्हें यकीन नहीं हुआ। उन्होंने गांव वालों से कहा कि अगर साधु बाबा के नाचने से बारिश हो सकती है, तो हमारे नाचने से भी हो सकती है। उन्होंने नाचकर बारिश करवाने की चुनौती ले ली।

अगले दिन एक मैदान में सारे गांव वाले इकट्ठा हो गए। साधु भी वहां था और चारों लड़के भी। चारों लड़कों ने नाचना शुरू किया। एक घंटा बीत गया, पर बारिश नहीं हुई। एक लड़का नाचते-नाचते थक गया और बैठ गया। एक घंटा और बीता, पर बारिश नहीं हुई। दूसरा लड़का भी थक कर बैठ गया। दो लड़के नाचते रहे, लेकिन बारिश न होते देख वे भी कुछ देर बाद थक कर बैठ गए।

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उसके बाद साधु ने नाचना शुरू किया। एक घंटा बीत गया, बारिश नहीं हुई, पर साधु नाचता रहा। दो घंटे बीत गए, बारिश नहीं हुई, पर साधु नाचता रहा। साधु को नाचते नाचते शाम हो गई। चारों लड़के सोचने लगे कि ये साधु तो व्यर्थ ही नाच रहा है। तभी अचानक बारिश शुरू हो गई। साधु ने नाचना बंद किया, पर गांव वाले झूम उठे। चारों लड़के साधु के चरणों में गिर पड़े और पूछने लगे, “बाबा! आपने ये चमत्कार कैसे किया?”

साधु ने कहा, “मैं इस विश्वास के साथ नाचना शुरू करता हूं कि बारिश जरूर होगी और तब तक नाचता रहता हूं, जब तक बारिश नहीं हो जाती। इसलिए मैं जब भी नाचता हूं, बारिश जरूर होती है।”

सीख (Barish Wale Baba Ki Kahani Ki Shiksha)

दोस्तों, साधु की इस बात में जीवन की एक बहुत बड़ी सीख छुपी हुई है। किसी भी काम में सफ़ल होना है, तो उसे पूरा करने के दृढ़ निश्चय के साथ काम शुरू करें और उसके बाद रुके नहीं। उतार चढ़ाव आयेंगे, लेकिन अपने निश्चय से डिगे नहीं। अनवरत काम करते रहें, काम में सफलता अवश्य मिलेगी।

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