Bible Story In Hindi

खोई हुई भेड़ का दृष्टांत बाइबल | Parable Of The Lost Sheep In Hindi Bible

Parable of lost sheep bible in hindi खोई हुई भेड़ का दृष्टांत बाइबल | Parable Of The Lost Sheep In Hindi Bible
Written by Editor

खोई हुई भेड़ का दृष्टांत बाइबल (Parable Of The Lost Sheep In Hindi Bible) “खोई हुई भेड़ का दृष्टांत” बाइबल में येशु मसीह द्वारा दिया गया एक प्रसिद्ध दृष्टांत है। यह दृष्टांत लूका 15:3-7 में पाया जाता है। इसमें येशु ने परमेश्वर के प्रेम और उन सभी के प्रति करुणा को प्रकट किया है, जो भटक गए हैं।

Parable Of The Lost Sheep In Hindi

Table of Contents

Parable Of The Lost Sheep In Hindi

बहुत समय पहले एक छोटे से गाँव के पास, हरे-भरे पहाड़ों और गहरी घाटियों से घिरे एक शांतिपूर्ण मैदान में, एक चरवाहा रहता था। वह बहुत ही दयालु और प्रेम से भरा हुआ व्यक्ति था, और उसकी सबसे बड़ी खुशी उसकी भेड़ों की देखभाल करना थी। उसकी भेड़ों का झुंड सौ भेड़ों से भरा था, और हर एक भेड़ उसके लिए अनमोल थी। वह हर भेड़ को नाम से जानता था, उसकी आदतें पहचानता था, और उनके प्रति उसके दिल में गहरा लगाव था।

हर सुबह, जब सूरज की पहली किरणें पहाड़ों की चोटियों पर चमकती थीं, वह अपनी भेड़ों को लेकर हरे-भरे चरागाह की ओर निकल पड़ता। वह ध्यान से देखता कि कोई भेड़ भूखी न रहे, और उनकी सुरक्षा के लिए हमेशा सतर्क रहता। उसके पास एक लंबी लकड़ी की छड़ी थी, जिससे वह न केवल भेड़ों को रास्ता दिखाता बल्कि जंगली जानवरों से भी उनकी रक्षा करता।

एक दिन, जब वह अपने झुंड को चरागाह पर ले गया, आसमान साफ था, और हवाओं में ठंडक थी। भेड़ें हरी घास चर रही थीं और चरवाहा एक पहाड़ी पर बैठकर उन्हें देख रहा था। हर चीज़ शांतिपूर्ण और व्यवस्थित थी। लेकिन दोपहर के समय, जब चरवाहे ने अपनी भेड़ों को गिनने का सोचा, तो उसका दिल धक से रह गया। उसने भेड़ों को गिनना शुरू किया: “एक, दो, तीन… निन्यानवे।”

उसने दुबारा गिना, लेकिन फिर से केवल निन्यानवे भेड़ें थीं। उसकी एक भेड़ गायब थी।

वह तुरंत खड़ा हुआ और चिंतित होकर चारों ओर देखने लगा। कहीं दूर तक खोई हुई भेड़ का कोई निशान नहीं था। उसने सोचा, “कहीं वो गहरी घाटी में तो नहीं चली गई? या फिर किसी जंगली जानवर का शिकार हो गई?”

उसने एक पल के लिए सोचा कि वह अपने बाकी निन्यानवे भेड़ों की सुरक्षा के बारे में चिंतित हो, जो अभी सुरक्षित चर रही थीं। परंतु उसका दिल खोई हुई भेड़ के लिए तड़प उठा। उसके लिए हर भेड़ समान थी, और उसे एहसास हुआ कि वह खोई हुई भेड़ उसकी ज़िम्मेदारी है। भले ही उसके पास निन्यानवे और भेड़ें सुरक्षित थीं, वह उस एक भेड़ को छोड़ नहीं सकता था, जो शायद कहीं डर में भटक रही थी, ठंड और खतरे में हो सकती थी।

उसने अपनी छड़ी उठाई और बिना समय गँवाए खोई हुई भेड़ को ढूँढ़ने निकल पड़ा। उसने निन्यानवे भेड़ों को एक सुरक्षित स्थान पर छोड़ दिया और पहाड़ियों, घाटियों, और घने जंगलों की ओर चल पड़ा। रास्ता कठिन और खतरनाक था, लेकिन उसकी चिंता और प्रेम ने उसे आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। उसने चट्टानों के बीच झाँका, गहरी खाइयों में झाँका, और उन सभी जगहों पर गया जहाँ उसकी भेड़ जा सकती थी।

चलते-चलते शाम हो गई, और अंधेरा घिरने लगा। ठंडी हवाएं चलने लगीं, और रात का सन्नाटा पूरे इलाके में फैल गया। चरवाहे के कदम थमने का नाम नहीं ले रहे थे। वह थक चुका था, लेकिन उसके दिल में एक ही बात थी—वह अपनी खोई हुई भेड़ को ढूँढ़े बिना वापस नहीं जाएगा। उसे यकीन था कि उसकी भेड़ कहीं न कहीं उसकी राह देख रही होगी।

अंततः, एक घाटी के नीचे से एक हल्की सी आवाज़ आई। चरवाहे ने ध्यान से सुना। वह एक भेड़ की आवाज़ थी—दबी-दबी, डर से भरी हुई। उसकी आँखों में चमक आ गई। उसने जल्दी से उस दिशा में दौड़ लगाई, और थोड़ी ही दूरी पर उसने अपनी खोई हुई भेड़ को देखा। वह एक गहरी खाई में फँसी हुई थी, काँप रही थी और डर से थरथरा रही थी। उसकी ऊन में काँटे और झाड़ियाँ फँसी हुई थीं, और वह पूरी तरह से हताश दिखाई दे रही थी। 

चरवाहे ने बिना किसी देरी के भेड़ को अपने कंधों पर उठा लिया। उसकी आँखों में राहत और प्रेम झलक रहा था। उसने अपनी भेड़ से कहा, “तुम्हें कुछ नहीं होगा। मैं यहाँ हूँ। हम घर जा रहे हैं।” भेड़ उसकी आवाज़ से शांत हो गई और उसके कंधों पर आराम से लेट गई।

चरवाहा अपनी भेड़ को लेकर उसी कठिन रास्ते से वापस लौटा, जिससे वह आया था। लेकिन अब उसे कोई थकान महसूस नहीं हो रही थी। उसके दिल में अपार खुशी थी कि उसने अपनी खोई हुई भेड़ को ढूँढ़ लिया था। जैसे ही वह गाँव के पास पहुँचा, उसने अपने सभी दोस्तों और पड़ोसियों को बुलाया। वह बहुत खुश था और उन सभी से बोला, “मेरे साथ आनन्द मनाओ, क्योंकि मेरी खोई हुई भेड़ मिल गई है!”

उस रात गाँव में जश्न मनाया गया। सभी ने चरवाहे की मेहनत और समर्पण की सराहना की। लेकिन उसके दिल में सबसे ज्यादा संतोष इस बात का था कि उसकी सभी भेड़ें अब सुरक्षित थीं। हर एक भेड़ उसके लिए अनमोल थी, और वह जानता था कि चाहे कुछ भी हो जाए, वह कभी भी अपने झुंड के किसी सदस्य को नहीं खोने देगा।

सीख

इस कहानी के माध्यम से, येशु मसीह ने हमें एक महत्वपूर्ण संदेश दिया है। जैसे चरवाहे ने अपनी खोई हुई भेड़ को ढूँढ़ने के लिए सब कुछ छोड़ दिया, उसी तरह परमेश्वर हर उस व्यक्ति की परवाह करते हैं जो भटक गया है। चाहे हम कितने भी गहरे अंधकार में खो जाएं, चाहे हमारी स्थिति कितनी भी कठिन हो, परमेश्वर हमें ढूँढ़ने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। उनके लिए हम सभी अनमोल हैं, और वह कभी हमें नहीं छोड़ेंगे। वह हमें अपने पास वापस लाने के लिए हर संभव प्रयास करते हैं, और जब हम उनके पास लौटते हैं, तो स्वर्ग में खुशी मनाई जाती है, ठीक उसी तरह जैसे ईशान ने अपनी खोई हुई भेड़ को पाकर खुशी मनाई थी।

इस दृष्टांत का संदेश यह है कि परमेश्वर का प्रेम अनंत और असीमित है। वह हर एक व्यक्ति को महत्व देते हैं, चाहे वह कितना भी खो गया हो या भटक गया हो। जैसे एक अच्छा चरवाहा अपनी भेड़ों की परवाह करता है, वैसे ही परमेश्वर हमारी परवाह करते हैं।

More Bible Stories:

खोए हुए सिक्के का दृष्टांत

तोड़े का दृष्टांत

खमीर का दृष्टांत 

बोने वाले का दृष्टांत 

सरसों के बीज का दृष्टांत 

About the author

Editor

Leave a Comment