लोगों की राय : मुल्ला नसरुद्दीन का किस्सा | People’s Judgement Mulla Nasruddin Story In Hindi

फ्रेंड्स, इस पोस्ट में हम मुल्ला नसरुद्दीन की मज़ेदार कहानी “लोगों की राय” (Peoples Judgement Mulla Nasruddin Story In Hindi) शेयर कर रहे हैं. ये कहानी मुल्ला, उसके पुत्र और गधे की यात्रा के संबंध में है. यात्रा के दौरान मुल्ला को अलग-अलग लोग मिलते हैं, जो उन्हें देख अलग-अलग बातें करते हैं. उन बातों का मुल्ला पर क्या असर होता है? क्या मुल्ला को जीवन की कोई नई सीख मिलती हैं? जानने के लिए पढ़िए मुल्ला नसरुद्दीन का ये मज़ेदार किस्सा :

Peoples Judgement Mulla Nasruddin Story In Hindi

 Peoples Judgement Mulla Nasruddin Story In Hindi
Peoples Judgement Mulla Nasruddin Story In Hindi

पढ़ें मुल्ला नसरुद्दीन की संपूर्ण कहानियों का संग्रह 

>

एक बार मुल्ला नसरुद्दीन अपने पुत्र के साथ किसी काम से दूसरे गाँव गया था. साथ में वह गधा भी लेकर गया था. दोपहर तक काम निपटाकर वे सब लौटने लगे. गधा साथ था, लेकिन मुल्ला और उसका पुत्र पैदल चल रहे थे.

कुछ दूर चलने के बाद मुल्ला का पुत्र थक गया और हांफने लगा. उसे हांफता देखा मुल्ला बोला, “बेटा! तुम थके हुए जान पड़ते हो. ऐसा करो, गधे पर बैठ जाओ.”

पुत्र गधे पर बैठ गया और मुल्ला साथ-साथ पैदल ही चलने लगा. आगे बढ़ने पर एक पेड़ के नीचे उन्हें कुछ लोग झुंड बनाकर बातें करते हुए नज़र आये. जब उन लोगों ने मुल्ला को पैदल और उसके पुत्र को गधे पर सवार देखा, तो कहने लगे –

“कैसा लड़का है? इसे अपने पिता की कोई चिंता नहीं. हट्टा-कट्ठा होकर भी ख़ुद गधे पर सवार है और बेचारा बूढ़ा पिता पैदल चल रहा है. बड़ों को इज्ज़त देने का ज़माना ही लद गया है.”

मुल्ला के पुत्र को ये बात बुरी लगी. वह गधे से उतर गया और मुल्ला से बोला, “अब्बा! मैं बहुत देर गधे पर बैठ लिया. अब आप गधे पर बैठ जाइये. मैं पैदल चलूंगा.”

मुल्ला तैयार हो गया और गधे पर बैठ गया. पुत्र पैदल चलने लगा. वे लोग कुछ दूर ही आगे बढ़े थे कि उन्हें फिर कुछ लोग मिल गए. मुल्ला को गधे पर बैठा देख वे कहने लगे, “ऐसा निर्दयी बाप हमने कभी नहीं देखा. इसमें अपने बेटे के लिए कोई प्रेम नहीं है. ख़ुद को मज़े से गधे पर सवार है और अपने बेटे को पैदल चला रहा है.”

यह सुनकर मुल्ला को बुरा लगा. उसने अपने पुत्र से कहा, “बेटा! तुम भी गधे पर बैठ जाओ.”

पढ़ें : अकबर बीरबल के १० मज़ेदार चुटकुले

दोनों ने गधे पर बैठकर अपनी यात्रा ज़ारी रखी. वे कुछ दूर ही आगे बढ़े थे कि उन्हें फिर कुछ लोग मिल गए. मुल्ला और उसके पुत्र को गधे पर सवार देख वे बोले, “कितने निष्ठुर लोग है? बेचारे गधे पर दोनों बैठ गए हैं. गधे का क्या हाल हो रहा है, इसकी इन्हें कोई चिंता ही नहीं है.”

यह सुनकर मुल्ला और पुत्र को फिर बुरा लगा. वे दोनों गधे से उतर गए और पैदल ही चलने लगे. जब वे अपने गाँव पहुँचे, तो वहाँ मुल्ला को एक परिचित व्यक्ति मिला.

गधे के होते हुए भी मुल्ला और उसके पुत्र को पैदल चला आता देख वह बोला, “मुल्ला! मूर्खता की हद होती है. तुम्हारे पास अच्छा-ख़ासा गधा है. फिर भी दोनों पैदल चले आ रहे हो. अरे, उस पर बैठकर आराम से नहीं आ सकते थे? अपना दिमाग तो इस्तेमाल किया करो.”

यह सुनकर मुल्ला सोचने लगा कि आप कुछ भी करो, लोग कुछ न कुछ कहते रहेंगे और आपको नासमझ बताते रहेंगे. इसलिए लोगों की बातों पर कान नहीं देना चाहिए.


दोस्तों, आशा है आपको ये “Peoples Judgement Mulla Nasruddin Story In Hindi“ पसंद आयी होगी. आप इसे Like कर सकते हैं और अपने Friends के साथ Share भी कर सकते हैं. मज़ेदार “Mulla Nasruddin Ki Kahani” पढ़ने के लिए हमें Subscribe ज़रूर कीजिये. Thanks.  

Read More Mulla Masruddin Story In Hindi      

आलसी की दावत : मुल्ला नसरुद्दीन का किस्सा 

अनोखा नुस्खा : मुल्ला नसरुद्दीन का किस्सा 

पेड़ पर चढ़ा आदमी : मुल्ला नसरुद्दीन का किस्सा

फ़कीर का बचाव : मुल्ला नसरुद्दीन का किस्सा 

 

Leave a Comment