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राजकुमारी और मटर की कहानी | Princess And The Pea Story In Hindi

फ्रेंड्स, इस पोस्ट में हम राजकुमारी और मटर की कहानी (Princess And The Pea Story In Hindi) शेयर कर रहे हैं. ये हैंस क्रिश्चन एंडरसन (Hans Christian Anderson) द्वारा लिखी गई एक पुरानी परी कथा (Fairy Tale) है, जो १८३५ में पहली बार प्रकाशित हुई है. इस कहानी में एक युवती की राजसी पहचान उसकी संवेदनशीलता से कैसे की गई, यही बताया गया है. पढ़िए :

Princess And The Pea Story In Hindi

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Princess And The Pea Story In Hindi, राजकुमारी और मटर की कहानी

Princess And The Pea Story | Princess And The Pea Story

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बहुत समय पहले की बात है. एक राज्य में एक शक्तिशाली राजा राज करता था. उसकी एक सुंदर और समझदार रानी थी. दोनों का केवल एक ही पुत्र था. उसके पालन-पोषण और शिक्षा-दीक्षा में उन्होंने कोई कसर नहीं छोड़ी थी.

राजुकमार जब बड़ा हुआ, तो वह देखने में सजीला, व्यवहार में विनम्र और हर तरह से सुयोग्य था. पड़ोसी राज्यों के कई राजा अपनी पुत्रियों से राजकुमार का विवाह करवाना चाहते थे. इस संबंध में उन्होंने कई संदेशे राजा-रानी के पास भेजे. 

राजा-रानी चाहते थे कि राजकुमार का विवाह ऐसी लड़की से हो, जो सुंदर हो, समझदार हो, संवेदनशील हो और हर तरह से राजकुमार के योग्य हो. वे चाहते थे कि जो भी राजकुमार से विवाह करे, वो हर तरह से गुणी हो और सही मायने में राजकुमारी हो.

उन्होंने राजकुमार को उन राज्यों में भेजा, जहाँ से उसके लिए रिश्ते आये थे, ताकि वह राजकुमारियों से मिलकर उन्हें परख सके. राजकुमार ने कई राज्यों की यात्रा की, लेकिन वहाँ उसे कोई भी सही मायने में राजकुमारी नहीं लगी. हर किसी में कुछ न कुछ कमी थी.

वह अपने राज्य वापस आ गया. वह उदास था. उसे लगने लगा था कि उसके भाग्य में शायद पत्नि सुख लिखा ही नहीं है. इसलिए इस ओर से ध्यान हटा वह राज्य के कार्यों में लग गया.

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कुछ माह बाद एक शाम राजमहल के द्वार पर किसी ने दस्तक दी. जब द्वार खोला गया, तो सामने एक लड़की खड़ी थी. उस समय घनघोर बरसात हो रही थी और उस लड़की की पोशाक भीगी हुई थी, बाल बिखरे हुए थे, जूतों में पानी भरा हुआ था और वह पूरी तरह से अस्त-व्यस्त लग रही थी.

उसने द्वारपाल को बताया कि वह पड़ोसी राज्य की राजकुमारी है और बरसात में फंस गई है. ऐसे मौसम में आगे जाना संभव नहीं, इसलिए रात गुज़ारने इस राज्य के राजा की शरण में आई है.

द्वारपाल उसे राजा-रानी के पास ले गया. उसकी दशा देख किसी को विश्वास नहीं हो रहा था कि वह राजकुमारी है. रानी के उसकी परीक्षा लेने की सोची, ताकि पता चल सके कि वह सही मायने में राजकुमारी है या नहीं.

उसके सोने का प्रबंध जहाँ किया गया, उस पलंग में २० मुलायम गद्दे बिछाए गए. फिर उसके ऊपर रेशम की चादर बिछाई गई. लेकिन रानी ने उन गद्दों के नीचे मटर का एक दाना रखवा दिया. राजकुमारी को उस बिस्तर पर सोने को कहा गया.

अगले दिन रानी बेसब्री से राजकुमारी के शयन कक्ष से बाहर आने का इंतज़ार कर रही थी. राजकुमारी जब अपने शयन कक्ष से बाहर आई और रानी के पास गई, तो रानी ने पूछा, “तुम्हें रात में नींद तो अच्छी आई ना?”

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राजकुमारी बोली, “नहीं, मैं एक क्षण के लिए भी सो नहीं पाई, क्योंकि उस बिस्तर पर कुछ था, जो मुझे चुभ रहा था.”

यह सुनकर रानी को विश्वास हो गया कि वह सही मायने में राजकुमारी है. बीस गद्दों के नीचे रखे मटर को दाने को जो महसूस कर लें, ऐसी ये संवेदनशीलता एक राजकुमारी की ही हो सकती है. रानी को राजकुमार के लिए ऐसी ही राजकुमारी की तलाश थी.

राजकुमारी को उसके राज्य में छोड़ने स्वयं राजा और रानी गए. वहाँ के राजा के सामने उन्होंने अपने पुत्र के साथ राजकुमारी के विवाह का प्रस्ताव रखा, जिसे राजा ने स्वीकार कर लिया. कुछ दिनों बाद राजकुमार और राजकुमारी का विवाह हो गया और दोनों ख़ुशी-ख़ुशी रहने लगे.  


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