राधा और रुक्मणि की कहानी | Radha And Rukmani Story In Hindi

फ्रेंड्स, राधा और रुक्मणि की कहानी (Radha And Rukmani Story In Hindi) हम इस पोस्ट में शेयर कर रहें हैं। Radha Krishna And Rukmani Love Story In Hindi राधा और श्री कृष्णा के अथाह प्रेम और रुक्मणि की जलन के बारे में है। जब श्री कृष्ण ने राधा और रुक्मणि के प्रेम की परीक्षा ली, तो किसकी जीत हुई? जानने के लिए पढ़िए :

इस वेबसाइट के समस्त आर्टिकल्स/सामग्रियों का कॉपीटाइट website admin के पास है। कृपया बिना अनुमति Youtube या अन्य डिजिटल या प्रिंट मीडिया में इस्तेमाल न करें। अन्यथा कार्यवाही की जावेगी। 

Radha And Rukmani Story In Hindi 

Table of Contents

>
Radha And Rukmani Story In Hindi
Radha Shree Krishna Love Story In Hindi

एक रात नींद में श्री कृष्ण के मुख से राधा का नाम निकला। निकट ही सोई रुक्मणि की नींद टूट गई। उसका चित्त अशांत हो गया। सारी रात वह करवट बदलते रही।

सुबह सवेरे श्री कृष्ण की नींद खुलते ही रुक्मणि ने पूछा, “प्राण नाथ! ऐसा क्या है राधा में, जो सोते जागते हर घड़ी आप राधा का नाम जपते हैं।”

श्री कृष्ण मुस्कुराए। बोले, “जानना चाहती हो प्रिये?”

रुक्मणि ने हामी भरी।

ये भी पढ़ें : भगवान शिव और किसान की कहानी 

“एक परीक्षा देनी होगी तुम्हें। कहो, तैयार हो।” श्री कृष्ण ने पूछा

रुक्मणि तैयार हो गई।

श्री कृष्ण रुक्मणि को लेकर यमुना तट की ओर चल पड़े। राधा को भी संदेश भिजवा दिया गया। जब तीनों यमुना तट पर पहुंचे, तब श्री कृष्ण ने अपना एक केश तोड़ा और उसके द्वारा यमुना के इस पार से लेकर उस पार तक एक महीन पुल बना दिया।

उसके बाद श्री कृष्ण ने यमुना से दो मटकी भरी। एक मटकी रुक्मणि को दी, एक राधा को और बोले, ” मेरे प्रेम का स्मरण करते हुए ये मटकी पुल के पार पहुंचा दो।”

ये भी पढ़ें : मां दुर्गा और शेर की कहानी 

रुक्मणि मटकी लेकर पुल पर चलने लगी। कुछ दूर चलने के बाद जब उसने पुल के दूसरी ओर देखा, तो सशंकित हो गई। उसके कदम डगमगाने लगे। उसने स्वयं को तो संभाल लिया, किंतु मटकी संभाल न पाई। वह किसी तरह पुल तो पार कर गई, पर मटकी यमुना में गिर गई।

जब राधा की बारी आई, तो मटकी लेकर बड़ी सहजता से वो पुल पार कर गई।

यह देख रुक्मणि चकित हुई। उसने राधा से पूछा, “बहन! ऐसा क्या था तुम्हारे प्रेम में, जो तुम मटकी लेकर यमुना पार कर गई?”

राधा ने उत्तर दिया, “बहन! मैंने कहां यमुना पार किया? प्रिय के द्वारा मेरे हाथों में दी मटकी ने ही मुझे पार पहुंचाया।”

रुक्मणि को राधा के प्रेम की अथाह गहराई का भान हो गया। 

समर्पण प्रेम का मूल है। जहां समर्पण है, वहां पूर्ण विश्वास है, शंका के कोई चिन्ह नहीं। राधा का श्री कृष्ण के प्रति पूर्ण समर्पण भाव था। शंका लेश मात्र भी न थी। विश्वास था कि प्रिय ने हाथ में मटकी दी है, तो पार भी पहुंचाएगा। 

सीख (Moral Of Radha Shree Krishna And Rukmani Story In Hindi)

प्रेम करें, तो पूर्ण समर्पण भाव से करें।

Friends, आपको ये Radha Rukmani Story In Hindi कैसी लगी? आप अपने comments के द्वारा हमें अवश्य बतायें. ये Rukmani Ki Jalan Pauranik Katha  पसंद आने पर Like और Share करें. ऐसी ही Pauranik Katha, Mythological Stories,  Moral Stories, Motivational Stories & Kids Stories In Hindi पढ़ने के लिए हमें Subscribe करना न भूलें। Thanks.

अन्य कहानियां 

भगवान शिव और नंदी की कहानी

गुरुभक्त आरुणि की कहानी

नारियल के जन्म की कहानी 

Leave a Comment