रहस्य की बात त्रिपुरा की लोक कथा | Rahasya Ki Baat Tripua Ki Lok Katha

फ्रेंड्स, इस पोस्ट में हम रहस्य की बात त्रिपुरा की लोक कथा (Rahasya Ki Baat Tripua Ki Lok Katha) शेयर कर रहे है.  Rahasya Ki Baat Tripura Folk Tale In Hindi औरतों के पेट में कोई रहस्य की बात पचा लेने की क्षमता के विषय में कहानी है। इस संबंध में एक व्यक्ति अपनी पत्नी की परीक्षा लेता है। क्या उसकी पत्नी सफ़ल हो पाती है? जानने के लिए पढ़िये पूरी कहानी :  

Rahasya Ki Baat Tripua Ki Lok Katha

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Rahasya Ki Baat Tripua Ki Lok Katha

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त्रिपुरा के एक गाँव में एक बूढ़ा आदमी रहता था। उसका एक ही बेटा था। मरने के पहले उसने अपने बेटे को बुलाया और बोला, “बेटे मैं अब कुछ ही देर का मेहमान हूँ। मरने के पहले तुझे एक सलाह देना चाहता हूँ। इसका जीवन भर पालन करना। नहीं करोगे, तो किसी न किसी मुसीबत में फंस जाओगी।”

बेटा बोला, “कहिए पिताजी! मैंने हमेशा आपकी बात मानी है। आगे भी मानूंगा।”

बूढ़े आदमी ने कहा, “ध्यान से सुनो बेटा और इस बात को गांठ बांध लो। कभी भी कोई गोपनीय बात किसी स्त्री को मत बताना। फिर चाहे वो तुम्हारी पत्नी ही क्यों न हो।”

“ऐसा क्यों पिताजी?” बेटे ने पूछा।

“क्योंकि स्त्री के पेट में कोई बात नहीं पचती। मेरी बात पर अमल करना।” कहकर बूढ़े आदमी ने प्राण त्याग दिये।

कुछ दिनों तक तो बेटे ने पिता की बात मानी। पर समय गुजरने के साथ उसके दिमाग से पिता की सारी बातें उड़ गई।

अब वह कई बातें अपनी पत्नी को बता दिया करता। उसकी पत्नी बातूनी किस्म की थी। सबसे खूब बातें किया करती थी और बातों-बातों में कई ऐसी बातें भी कह जाती, जो गोपनीय हो।

एक दिन उसने अपनी पत्नी से कहा, “सुनती हो, मैं सोच रहा हूँ कि इस खोपड़ी को तोड़कर एक पक्का मकान बनवा लूं। इस बार फसल भी अच्छी हुई है और मैंने कुछ पैसे जोड़ लिए हैं।”

सुनकर पत्नी खुश हो गई।

अगले दिन वह आदमी खेत से घर आ रहा था कि रास्ते में उसे अपना पड़ोसी मिल गया। वह बोला, “अच्छा कर रहे हो, जो नया मकान बनवा रहे हो। मैं भी अगले साल नया मकान बनवाऊंगा।”

उसकी बात सुनकर वह सोचने लगा कि नये मकान की बात इसे कैसे पता चली। उसे अपनी पत्नी पर ही शक हुए और उस दिन उसे अपने पिता की सलाह याद आई कि कभी औरत को कोई गोपनीय बात मत बताना।

उसने सोचा – ‘क्यों न अपनी पत्नी की परीक्षा लूं।‘

उसके बाद वह घर न जाकर खेत की ओर चला गया। रास्ते में उसने एक आवारा कुत्ते को मारा और खेत में गड्ढा खोदकर उसे वहाँ गाड़ दिया।

घर पहुँचकर वह अपनी पत्नी से बोला, “सुनती हो, एक राज़ की बात बतानी है तुम्हें। मगर तुम किसी से कहना मत। आज मेरे हाथों एक आदमी का खून जो गया। खेत में गड्ढा खोदकर मैंने उसे वहीं दफना दिया है।”

पत्नी ने पति से कह तो दिया कि वह ये बात अपने तक रखेगी। मगर उससे ऐसा हो न सका। शाम को हैं वह पानी भरने पनघट पर गई, तो वहां आई औरतों से गपशप करते हुए उसके मुँह से ये बात निकल गई। उन औरतों में एक औरत का पति पुलिस वाला था। घर जाकर उसने ये बात अपने पति को बताई। उसने जाकर उस आदमी को खून के अपराध में गिरफ्तार कर लिया।

अगले दिन उसकी पेशी हुई। जब जज ने उससे इस खून के बारे में पूछा, तो उसने बताया कि वह अपनी पत्नी की परीक्षा ले रहा था। इसलिए एक आवारा कुत्ते को मारकर खेत में दफना दिया था।

कोतवाल को भेजकर उस जगह की खुदाई करवाई गई। वहाँ से एक मरा हुआ कुत्ता निकला। उस आदमी को छोड़ दिया गया। वह घर आ गया, लेकिन उस दिन के बाद से उसने कभी कोई गोपनीय बात अपनी पत्नी को नहीं बताई।

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