समय पर प्रेरक प्रसंग (Samay Par Prerak Prasang) Time Prerak Prasang इस पोस्ट में शेयर किया जा रहा है।
Samay Par Prerak Prasang
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बहुत समय पहले की बात है। एक छोटे से गाँव में रामू नाम का एक युवा लड़का रहता था। रामू के माता-पिता किसान थे और वे दिन-रात मेहनत करके अपने परिवार का भरण-पोषण करते थे। हालांकि, रामू समय की कीमत नहीं समझता था। वह अक्सर अपना समय खेल-कूद और आलस्य में बिताता था। पढ़ाई में उसकी रुचि कम थी, और वह अपने भविष्य के प्रति लापरवाह था।
गाँव में एक विद्वान गुरुजी रहते थे, जिन्हें सभी लोग आदर और श्रद्धा से देखते थे। एक दिन रामू के माता-पिता उसे गुरुजी के पास ले गए और उनसे रामू को समय का महत्व समझाने की प्रार्थना की। गुरुजी ने रामू को ध्यान से देखा और एक मुस्कान के साथ कहा, “बेटा, कल सुबह सूर्योदय के समय तुम मुझसे मिलने आना।”
अगले दिन, रामू ने सूर्योदय से पहले उठकर गुरुजी के घर का रुख किया। वहां पहुंचने पर गुरुजी ने रामू को अपने साथ एक पहाड़ी पर चलने के लिए कहा। पहाड़ी के रास्ते पर चलते हुए गुरुजी ने रामू से पूछा, “बेटा, तुम्हें यह रास्ता कैसा लग रहा है?”
रामू ने उत्तर दिया, “गुरुजी, यह रास्ता बहुत सुंदर है। चारों ओर हरियाली और फूल हैं, यह बहुत अच्छा लग रहा है
गुरुजी ने मुस्कुराते हुए कहा, “यह रास्ता तुम्हारे जीवन का प्रतीक है। अगर तुम समय की कीमत समझो और इसका सदुपयोग करो, तो तुम्हारा जीवन भी इतना ही सुंदर और सुखद हो सकता है।”
कुछ देर चलने के बाद वे दोनों एक बड़ी चट्टान पर पहुंचे। गुरुजी ने रामू को बैठने के लिए कहा और बोले, “बेटा, इस चट्टान से नीचे देखो।”
रामू ने नीचे देखा और देखा कि वहाँ एक नदी बह रही थी। गुरुजी ने समझाया, “यह नदी समय का प्रतीक है। जैसे नदी बिना रुके बहती रहती है, वैसे ही समय भी कभी नहीं रुकता। अगर तुम समय का सही उपयोग नहीं करोगे, तो यह तुम्हारे हाथ से निकल जाएगा, और तुम जीवन में पीछे रह जाओगे।”
रामू ने गुरुजी की बातों को ध्यान से सुना, लेकिन वह पूरी तरह से समझ नहीं पाया। गुरुजी ने फिर एक कहानी सुनाई:
“बहुत समय पहले, एक राजा था जिसका नाम विक्रमादित्य था। राजा विक्रमादित्य अपने समय का बहुत सम्मान करता था और उसका सदुपयोग करता था। एक दिन, राजा विक्रमादित्य के पास एक विद्वान आया और उसने राजा को एक अनमोल घड़ी दी। विद्वान ने कहा, ‘महाराज, यह घड़ी आपकी सबसे कीमती संपत्ति होगी, क्योंकि यह आपको समय का महत्व समझाएगी।’
राजा विक्रमादित्य ने उस घड़ी को अपने पास रखा और समय की महत्वता को और भी गहराई से समझा। उसने समय का सदुपयोग करते हुए अपने राज्य को समृद्ध और खुशहाल बना दिया। राजा ने समय के महत्व को समझकर अपने जीवन में अनुशासन और व्यवस्था को अपनाया, जिससे उसकी प्रजा भी अनुशासित और समृद्ध हो गई।
गुरुजी ने रामू से कहा, “बेटा, समय सबसे मूल्यवान संसाधन है। एक बार खो जाने पर इसे वापस नहीं पाया जा सकता। इसलिए, तुम्हें इसे बर्बाद नहीं करना चाहिए। अपने समय का सही उपयोग करो और अपने जीवन को सफल बनाओ।”
रामू ने गुरुजी की बातों को गंभीरता से लिया और उसने अपनी आदतों में बदलाव करने का निश्चय किया। उसने अपने दिनचर्या को व्यवस्थित किया और पढ़ाई के प्रति अपनी रुचि बढ़ाई। उसने अपने समय का सही उपयोग करना शुरू कर दिया और धीरे-धीरे उसकी मेहनत रंग लाने लगी।
कुछ सालों बाद रामू ने अपनी शिक्षा पूरी कर ली और अपने गांव में एक सफल किसान और उद्यमी बन गया। उसने समय का सही उपयोग करके अपने खेतों में नए तरीकों को अपनाया और अपनी मेहनत से गाँव के अन्य किसानों के लिए भी प्रेरणा बना। उसके प्रयासों से गाँव में खुशहाली और समृद्धि आई।
रामू ने अपने गुरुजी को धन्यवाद देने के लिए एक दिन उनके पास गया। उसने कहा, “गुरुजी, आपकी शिक्षा और मार्गदर्शन ने मुझे समय का महत्व समझाया और आज मैं जो कुछ भी हूँ, वह सब आपकी वजह से है। आपने मुझे सही रास्ता दिखाया और मैं हमेशा आपका आभारी रहूँगा।”
गुरुजी ने प्रसन्नता के साथ रामू को आशीर्वाद दिया और कहा, “बेटा, तुमने समय का महत्व समझा और उसका सही उपयोग किया। यही सबसे बड़ी उपलब्धि है। हमेशा याद रखना कि समय कभी नहीं रुकता, इसलिए इसे हमेशा सही तरीके से उपयोग करो और अपने जीवन को सफल बनाओ।”
सीख
रामू की कहानी हमें यह सिखाती है कि समय का सही उपयोग करना कितना महत्वपूर्ण है। समय सबसे मूल्यवान संपत्ति है जो हमें मिली है और इसका सही उपयोग करके हम अपने जीवन में सफलता, खुशहाली और समृद्धि प्राप्त कर सकते हैं। समय की कीमत समझकर और उसका सही सदुपयोग करके हम न केवल अपने जीवन को बेहतर बना सकते हैं बल्कि अपने आस-पास के लोगों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बन सकते हैं।
समय की शक्ति को पहचानें, उसका आदर करें और उसका सही उपयोग करें। यही हमारे जीवन की सच्ची सफलता का रहस्य है।
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