Funny Story In Hindi Shekh Chilli Ki Kahani

शेख चिल्ली और जादुई मूर्ति की कहानी | Sheikh Chilli Aur Jadui Murti Ki Kahani

शेख चिल्ली और जादुई मूर्ति की कहानी ( Sheikh Chilli Aur Jadui Murti Ki Kahani)

शेख चिल्ली, अपनी मासूमियत और अनोखे खयालों के लिए मशहूर, हमेशा अपने सरल दिमाग से असाधारण परिस्थितियों में फंस जाते थे। उनकी कहानियाँ हमें न केवल हँसी-मजाक में लिपटी मिली, बल्कि जीवन की गहरी सीख भी सिखाती हैं। पढ़िए शेख चिल्ली की एक नई मजेदार कहानी।

Sheikh Chilli Aur Jadui Murti Ki Kahani

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Sheikh Chilli Aur Jadui Murti Ki Kahani

एक बार की बात है, शेख चिल्ली को अपने गाँव के मेले में जाने का मौका मिला। मेले में रंग-बिरंगी चीजें देखकर उनकी आँखें चमक उठीं। उनके पास केवल दो सिक्के थे, और वे सोचने लगे कि इन्हें किस पर खर्च किया जाए। तभी उनकी नजर एक बूढ़े व्यक्ति पर पड़ी, जो एक पुरानी मूर्ति बेच रहा था।

शेख चिल्ली ने पूछा, “बाबा, ये मूर्ति कितने में मिलेगी?”

बूढ़े व्यक्ति ने कहा, “दो सिक्के, लेकिन ध्यान रखना, ये जादुई मूर्ति है। जो इसे खरीदता है, उसकी जिंदगी बदल जाती है।”

शेख चिल्ली ने तुरंत अपने दोनों सिक्के बूढ़े को दे दिए और मूर्ति खरीद ली। मूर्ति को देखते ही उन्हें लगा कि कुछ बड़ा हासिल हो गया है।

वह मूर्ति लेकर गाँव लौटे और सभी से बोले, “अब मैं अमीर बनने वाला हूँ। ये जादुई मूर्ति है!” गाँववाले हँसते हुए बोले, “शेख चिल्ली, तुम्हारी मूर्ति कुछ नहीं करेगी।”

शेख चिल्ली ने मूर्ति को अपने घर में रख दिया और हर दिन उससे बात करने लगे। उन्होंने मूर्ति से कहा, “जादुई मूर्ति, मुझे अमीर बना दो।” लेकिन मूर्ति चुप रही।

कुछ दिन बीते। शेख चिल्ली ने सोचा, “शायद मूर्ति को खुश करने के लिए इसे चमकाना होगा।” उन्होंने मूर्ति को साफ करने के लिए जोर-शोर से काम किया। सफाई करते हुए उन्होंने देखा कि मूर्ति के नीचे एक गुप्त दरवाजा था।

जैसे ही उन्होंने दरवाजा खोला, उसमें से सोने के सिक्के गिरने लगे। शेख चिल्ली चौंक गए और खुशी से झूम उठे।

अब वे अमीर हो गए थे। उन्होंने अपने पैसे से गाँववालों की मदद करनी शुरू की। लेकिन उन्होंने मूर्ति का सच किसी को नहीं बताया।

एक दिन, शेख चिल्ली ने सोचा कि मूर्ति से और सिक्के निकल सकते हैं। उन्होंने मूर्ति को जोर-जोर से हिलाना शुरू कर दिया। अचानक मूर्ति गिर गई और टूट गई। अंदर से और सिक्के निकलने के बजाय एक छोटा-सा नोट मिला। उस पर लिखा था, “लालच बुरी बला है।”

शेख चिल्ली को समझ आ गया कि उन्होंने मूर्ति का ज्यादा लालच किया। उन्होंने जो सिक्के बचे थे, उन्हें समझदारी से इस्तेमाल किया और लालच न करने की कसम खाई।

सीख

इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि मेहनत और ईमानदारी से कमाई गई चीजें ही टिकाऊ होती हैं। जादू और शॉर्टकट से मिलने वाली चीजें स्थायी नहीं होतीं। साथ ही, लालच से हमेशा नुकसान ही होता है।

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