Funny Story In Hindi Shekh Chilli Ki Kahani

शेख चिल्ली और सिपाही की कहानी | Sheikh Chilli Aur Sipahi Ki Kahani

शेख चिल्ली और सिपाही की कहानी (Sheikh Chilli Aur Sipahi Ki Kahani Funny Story In Hindi)

शेख चिल्ली की कहानियाँ न सिर्फ हमें हंसाती हैं, बल्कि हमें जीवन के छोटे-छोटे सबक भी सिखाती हैं। उनकी भोली हरकतें और बेपरवाह सोच हर किसी को गुदगुदाती हैं। आज हम एक और मज़ेदार कहानी पढ़ेंगे, जिसमें शेख चिल्ली और एक सिपाही के बीच का दिलचस्प और हास्यजनक संवाद है।  

Sheikh Chilli Aur Sipahi Ki Kahani

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Sheikh Chilli Aur Sipahi Ki Kahani

एक छोटे से गाँव में शेख चिल्ली अपने सपनों की दुनिया में खोए रहते थे। वह हमेशा कुछ नया करने की सोचते थे, लेकिन उनकी योजनाएँ अक्सर हास्यास्पद तरीके से नाकाम हो जाती थीं। एक दिन शेख चिल्ली ने सोचा कि वह राजा के दरबार में नौकरी करेंगे। उन्हें लगा कि राजा को उनकी बुद्धिमानी और चतुराई देखकर जरूर प्रभावित होना चाहिए।  

सुबह-सुबह शेख चिल्ली तैयार होकर राजा के महल की ओर चल पड़े। रास्ते में उन्हें एक सिपाही मिला, जो गश्त पर था। सिपाही ने शेख चिल्ली को देखकर पूछा, “कहाँ जा रहे हो, शेख चिल्ली?”  

शेख चिल्ली ने बड़े गर्व से जवाब दिया, “मैं राजा के दरबार में नौकरी मांगने जा रहा हूँ। मुझे यकीन है कि राजा मेरी काबिलियत देखकर मुझे दरबार का सबसे खास आदमी बना देंगे।”  

सिपाही ने मुस्कुराते हुए कहा, “अच्छा! तो क्या तुम वाकई इतने काबिल हो?”  

शेख चिल्ली ने छाती चौड़ी करते हुए कहा, “मेरी काबिलियत का अंदाज़ा तुम मेरे सवालों का जवाब देकर लगा सकते हो। अगर तुमने मेरे सवालों का जवाब सही दिया, तो मैं मान लूँगा कि तुम भी बुद्धिमान हो। और अगर नहीं, तो मुझे राजा की नौकरी के लिए रास्ता दे देना।”  

सिपाही को यह चुनौती मज़ेदार लगी। उसने सोचा कि शेख चिल्ली के साथ कुछ समय बिताने में कोई बुराई नहीं। उसने कहा, “ठीक है, पूछो। मैं तैयार हूँ।”  

शेख चिल्ली ने पहला सवाल पूछा, “बताओ, दुनिया में सबसे ताकतवर चीज़ क्या है?”  

सिपाही ने सोचा और कहा, “बुद्धि, क्योंकि ताकतवर इंसान भी बुद्धिमान नहीं होगा, तो उसका बल बेकार हो जाएगा।”  

शेख चिल्ली ने सिर हिलाते हुए कहा, “गलत! दुनिया में सबसे ताकतवर चीज़ भूख है। भूख के आगे राजा भी झुक जाते हैं।”  

सिपाही हंसने लगा। उसने कहा, “यह तो तुम्हारी अपनी सोच है। अगला सवाल पूछो।”  

शेख चिल्ली ने दूसरा सवाल किया, “बताओ, आसमान में कितने तारे हैं?”  

सिपाही ने हंसते हुए जवाब दिया, “यह तो कोई नहीं गिन सकता। तारे अनगिनत हैं।”  

शेख चिल्ली ने सिर हिलाया और कहा, “गलत! मैं तारे गिन सकता हूँ। लेकिन उसके लिए पहले मुझे गिनने का मेहनताना चाहिए।”  

सिपाही अब समझ गया कि शेख चिल्ली कितने अनोखे इंसान हैं। उसने मुस्कुराते हुए कहा, “अच्छा, आखिरी सवाल पूछो।”  

शेख चिल्ली ने तीसरा और आखिरी सवाल किया, “अगर एक घोड़ा, एक ऊँट, और एक इंसान दौड़ में भाग लें, तो कौन जीतेगा?”  

सिपाही ने कहा, “यह उनकी रफ्तार पर निर्भर करता है। घोड़ा तेज़ हो सकता है, ऊँट धीमा होगा, और इंसान उनकी तुलना में और भी धीमा।”  

शेख चिल्ली ने ठहाका लगाकर कहा, “गलत! जो दौड़ में हिस्सा नहीं लेगा, वही जीतेगा, क्योंकि उसे हारने का डर नहीं होगा!”  

सिपाही अब पूरी तरह हंसते-हंसते लोटपोट हो गया। उसने शेख चिल्ली की पीठ थपथपाई और कहा, “तुम सच में अनोखे हो। राजा तुम्हें ज़रूर पसंद करेंगे।”  

सिपाही ने शेख चिल्ली को महल तक पहुँचने में मदद की। शेख चिल्ली दरबार में गए और राजा से मिले। राजा ने उनसे पूछा, “तो, तुम कौन हो और दरबार में क्यों आए हो?”  

शेख चिल्ली ने बड़े गर्व से कहा, “मैं शेख चिल्ली हूँ। मैं दुनिया का सबसे बड़ा बुद्धिमान व्यक्ति हूँ। मैं आपकी मदद करने और आपके दरबार को खुशहाल बनाने आया हूँ।”  

राजा ने कहा, “ठीक है, अगर तुम इतने बुद्धिमान हो, तो मुझे यह बताओ कि मेरी टोपी का वज़न कितना है?”  

शेख चिल्ली ने तुरंत कहा, “महामहिम, आपकी टोपी का वज़न उतना ही है, जितनी आपकी प्रतिष्ठा। अगर आपकी प्रतिष्ठा बढ़ेगी, तो आपकी टोपी का वज़न भी बढ़ेगा।”  

राजा हंस पड़े और बोले, “शेख चिल्ली, तुम बहुत मज़ाकिया हो। तुम्हें दरबार का सलाहकार नहीं, बल्कि मनोरंजनकर्ता बना देते हैं। दरबार में हर किसी को हंसाने के लिए तुम्हारी ज़रूरत है।”  

इस तरह शेख चिल्ली को राजा के दरबार में नौकरी मिल गई। लेकिन जैसा कि उनकी आदत थी, उन्होंने वहाँ भी अपनी अजीब हरकतों से सभी को गुदगुदाना जारी रखा।  

सीख

शेख चिल्ली की इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि हंसना और दूसरों को हंसाना एक बड़ी कला है। जीवन में केवल बुद्धिमानी या चतुराई ही नहीं, बल्कि खुशमिजाज़ी भी ज़रूरी है। हमें दूसरों के साथ सकारात्मकता और हंसी-मज़ाक बांटना चाहिए। साथ ही, हमें यह भी समझना चाहिए कि हर किसी की सोच अलग होती है, और हमें इसे स्वीकार करना चाहिए।  

शेख चिल्ली की कहानियाँ न केवल हमें हंसाती हैं, बल्कि यह भी सिखाती हैं कि ज़िंदगी को हल्के-फुल्के अंदाज़ में लेना चाहिए। छोटी-छोटी बातों में खुशी ढूंढनी चाहिए और हर परिस्थिति में मुस्कान बनाए रखनी चाहिए। यही जीवन का असली आनंद है।

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