जौहरी की मूर्खता : शिक्षाप्रद कहानी | Stupidity Of Jeweler Moral Story In Hindi

short moral story on greed
short moral story on greed in hindi

Short Moral Story On Greed In Hindi : एक गाँव में मेला (Fair) लगा हुआ था. मेले में मनोरंजन के कई साधनों के अतिरिक्त श्रृंगार, सजावट और दैनिक जीवन में उपयोग में आने वाली वस्तुओं की अनेक दुकानें थी. शाम होते ही मेले की रौनक बढ़ जाती थी.

एक शाम रोज़ की तरह मेला सजा हुआ था. महिला, पुरुष और बच्चे सभी मेले का आनंद उठा रही थी. दुकानों में अच्छी-ख़ासी भीड़ उमड़ी हुई थी. उन्हीं दुकानों में से एक दुकान कांच से निर्मित वस्त्तुओं की थी, जिसमें कांच के बर्तन और गृह सज्जा की कई वस्तुयें बिक रही थी. अन्य दुकानों की अपेक्षा उस दुकान में लोगों की भीड़ कुछ कम थी.

एक जौहरी (Jeweler) भी उस दिन मेले में घूम रहा था. घूमते-घूमते जब वह उस दुकान के पास से गुजरा, तो उसकी नज़र एक चमकते हुए कांच के टुकड़े पर अटक गई. उसकी पारखी नज़र तुरंत ताड़ गई कि वह कोई साधारण कांच का टुकड़ा नहीं, बल्कि बेशकीमती हीरा (Diamond) है.

>

वह समझ गया कि दुकानदार इस बात से अनभिज्ञ है. वह दुकान में गया और उस हीरे को उठाकर दुकानदार से उसकी कीमत पूछने लगा, “भाई, जरा इसकी कीमत तो बताना?”

पढ़ें : कैसे हुआ नारियल का जन्म? : पौराणिक कथा | Coconut Birth Story In Hindi

दुकानदार बोला, “ये मात्र २० रूपये का है.”

जौहरी लालची था. वह कम से कम कीमत में उस कीमती हीरे को हथियाने की फ़िराक में था. वह दुकानदार से मोल-भाव करने लगा, “नहीं भाई…इतनी कीमत तो मैं नहीं दे सकता. मैं तुम्हें इसके १५ रूपये दे सकता हूँ. १५ रुपये में तुम मुझे ये दे सकते हो, तो दे दो.”

दुकानदार उस कीमत पर राज़ी नहीं हुआ. उस समय दुकान में कोई ग्राहक नहीं था. जौहरी ने सोचा कि थोड़ी देर मेले में घूम-फिरकर वापस आता हूँ. हो सकता है, तब तक इसका मन बदल जाए और ये १५ रूपये में मुझे यह कीमती हीरा दे दे. यह सोच हीरा बिना खरीदे वह वहाँ से चला गया.

कुछ देर बाद जब वह पुनः उस दुकान में लौटा, तो हीरे को नदारत पाया. उसने फ़ौरन दुकानदार से पूछा, “यहाँ जो कांच का टुकड़ा था, वो कहाँ गया?”

“मैंने उसे २५ रूपये में बेच दिया.” दुकानदार ने उत्तर दिया.

जौहरी ने अपना सिर पीट लिया और बोला, “ये तुमने क्या किया? तुम बहुत बड़े मूर्ख हो. वह कोई कांच का टुकड़ा नहीं, बल्कि बेशकीमती हीरा था. मात्र २५ रूपये में तुमने उसे बेच दिया.”

पढ़ें : अकबर बीरबल की २१ सर्वश्रेष्ठ कहानियाँ | 21 Best Akbar Birbal Stories In Hindi

“मूर्ख मैं नहीं तुम हो. मैं तो नहीं जानता था कि वह बेशकीमती हीरा है. पर तुम तो जानते थे. फिर भी तुम मुझसे मोल-भाव कर ५ रूपये बचाने में लगे रहे और हीरा बिना ख़रीदे ही दुकान से चले गए.” दुकानदार ने उत्तर दिया.

दुकानदार का उत्तर सुन जौहरी अपनी मूर्खता पर पछताने लगा और पछताते हुए खाली हाथ वापस लौट गया.

सीख – मूर्खता और लालच दोनों नुकसान का कारण हैं.

Friends, आपको ‘Moral Story About Stress Management In Hindi‘ कैसी लगी? आप अपने comments के द्वारा हमें अवश्य बतायें. ये Hindi Story पसंद आने पर Like और Share करें. ऐसी ही और moral story in hindi पढ़ने के लिए हमें Subscribe कर लें. Thanks.

Read More Moral Story In Hindi :

Leave a Comment