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सूरजमुखी और चिड़िया की कहानी | Story Of Sunflower And Bird In Hindi

सूरजमुखी और चिड़िया की कहानी (Story Of Sunflower And Bird In Hindi)

हर प्राणी और वस्तु का इस संसार में एक उद्देश्य होता है। कभी-कभी हमें अपनी मंजिल तक पहुंचने के लिए कठिनाइयों और संघर्षों से गुजरना पड़ता है। यह कहानी एक सूरजमुखी के फूल और एक नन्ही चिड़िया की है, जिसमें उन्होंने प्रकृति और जीवन के महत्व को समझा और दूसरों के लिए प्रेरणा का स्रोत बने। यह कहानी हमें यह भी सिखाती है कि हमारे जीवन की दिशा और उद्देश्य को पहचानना कितना ज़रूरी है।  

Story Of Sunflower And Bird In Hindi

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Story Of Sunflower And Bird In Hindi

घने जंगल के पास एक हरे-भरे खेत में सूरजमुखी के फूलों की कतारें खिली हुई थीं। सूरजमुखी के फूल अपनी ऊंचाई और चमकदार पीले रंग के कारण दूर-दूर तक दिखाई देते थे। हर सुबह सूरज की पहली किरण के साथ, ये फूल सूरज की ओर झुककर उसका स्वागत करते। उनकी चमक और सौंदर्य सबका मन मोह लेते।  

इन्हीं फूलों में एक छोटा-सा सूरजमुखी का पौधा था, जो अभी ठीक से बढ़ा नहीं था। उसका नाम “सूरज” रखा गया था। सूरजमुखी का यह छोटा पौधा हमेशा आसमान की ओर देखता रहता और सोचता, “क्यों हमारे जैसे फूल सूरज की ओर ही मुड़ते हैं? क्या यह जरूरी है?”  

एक दिन, एक नन्ही चिड़िया उस खेत में आई। वह चिड़िया नीले रंग की थी और उसका नाम “नीली” था। वह नई-नई चीजें देखना और सीखना पसंद करती थी। नीली उस छोटे सूरजमुखी के पास आकर बैठी और पूछने लगी, “तुम्हारा नाम क्या है, छोटे फूल?”  

सूरज ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, “मेरा नाम सूरज है। मैं सूरजमुखी हूं।”  

चिड़िया ने ध्यान से देखा और पूछा, “तुम्हारे परिवार के सभी फूल सूरज की ओर झुकते हैं। क्या तुम भी ऐसा करते हो?”  

सूरज ने उदास होकर कहा, “मुझे समझ नहीं आता कि ऐसा क्यों करना चाहिए। मेरे दिल में हमेशा यह सवाल रहता है कि सूरजमुखी का जीवन सूरज की ओर मुड़ने पर ही क्यों निर्भर करता है। क्या मैं अपनी मर्जी से आसमान के किसी और हिस्से को नहीं देख सकता?”  

नीली ने सोचा कि वह इस सवाल का जवाब खोजने में सूरज की मदद करेगी। उसने सूरज से कहा, “चलो, हम इसे समझने की कोशिश करते हैं। मैं तुम्हारे साथ हूं।”  

अगली सुबह सूरज ने सूरजमुखी के अन्य फूलों से अलग दिशा में मुड़ने का प्रयास किया। पहले तो उसे बहुत अजीब लगा। उसकी पत्तियां झुक गईं, और उसकी गर्दन थकी-थकी सी महसूस हुई। लेकिन वह अपने फैसले पर डटा रहा। नीली ने उसे प्रोत्साहित किया।  

दिन बीता, और सूरजमुखी का फूल सूरज के बिना कमजोर महसूस करने लगा। उसकी पंखुड़ियों का रंग फीका पड़ने लगा, और वह कुछ खोया-खोया सा दिखा। नीली ने देखा कि सूरज कुछ परेशान है।  

नीली ने पूछा, “तुम्हें क्या हो रहा है, सूरज? क्या तुम खुश नहीं हो?”  

सूरज ने थकान भरे स्वर में कहा, “मुझे ऐसा लगता है कि मैं अपनी ऊर्जा खो रहा हूं। शायद मेरे शरीर को सूरज की रोशनी की जरूरत है। लेकिन मुझे अभी भी यह समझ नहीं आया कि सूरजमुखी को सूरज की ओर क्यों झुकना चाहिए।”  

नीली ने सुझाव दिया, “शायद यह तुम्हारे उद्देश्य से जुड़ा हो। चलो, मैं तुम्हें सूरज के बारे में बताती हूं।”  

नीली ने सूरज को बताया, “सूरज इस पृथ्वी का सबसे बड़ा ऊर्जा स्रोत है। उसकी रोशनी से पौधे भोजन बनाते हैं, जिसे प्रकाश-संश्लेषण कहते हैं। तुम्हारी जड़ें, तना, और पत्तियां सूरज की रोशनी से अपनी शक्ति प्राप्त करती हैं। अगर तुम सूरज की ओर झुकोगे, तो तुम ज्यादा स्वस्थ और मजबूत बनोगे।”  

सूरज ने ध्यान से सुना और कहा, “तो क्या यही मेरा उद्देश्य है? सूरज से ऊर्जा लेकर दूसरों को खुश करना?”  

नीली ने सिर हिलाया और बोली, “हां, और इसके अलावा तुम्हारी सुंदरता भी सूरज की ओर झुककर ही निखरती है। तुम न केवल अपने लिए बल्कि इस धरती पर जीव-जंतुओं के लिए भी महत्वपूर्ण हो। तुम्हारे बीज पक्षियों का भोजन बनते हैं, और तुम्हारी उपस्थिति खेत को सुंदर बनाती है।” 

सूरज ने अगले दिन से फिर से सूरज की ओर मुड़ना शुरू किया। धीरे-धीरे उसकी पंखुड़ियों का रंग वापस लौट आया। वह खिलखिलाता और मजबूत महसूस करने लगा। अब वह सूरज की ओर झुककर अपने जीवन का उद्देश्य समझ चुका था।  

नीली ने मुस्कुराते हुए कहा, “देखो, अब तुम्हारे चेहरे पर वही चमक लौट आई है।”  

सूरज ने कहा, “हां, मैंने अब समझ लिया है कि मेरा जीवन सूरज से जुड़ा हुआ है। मेरी सुंदरता, मेरी शक्ति, और मेरा योगदान सब सूरज की रोशनी पर निर्भर हैं। लेकिन सबसे खास बात यह है कि मैंने खुद को पहचाना और अपने उद्देश्य को समझा।”  

नीली ने सहमति में सिर हिलाया और कहा, “यह जीवन का सबसे बड़ा पाठ है। हमें अपने उद्देश्य को पहचानकर अपनी पूरी शक्ति के साथ उस पर काम करना चाहिए।”  

सीख

यह कहानी हमें यह सिखाती है कि जीवन में हमें अपने उद्देश्य को पहचानना बहुत जरूरी है। सूरजमुखी का फूल अपने जीवन का उद्देश्य समझ गया कि उसका सूरज की ओर झुकना न केवल उसकी जरूरत है, बल्कि उसकी सुंदरता और दूसरों के लिए उसका योगदान भी इसी पर निर्भर करता है।  

हम सभी को यह समझना चाहिए कि जैसे सूरजमुखी का फूल सूरज की ओर झुकता है, हमें भी अपने जीवन में उस दिशा की ओर बढ़ना चाहिए जो हमें ऊर्जा, प्रेरणा, और खुशियां देती है। दूसरों की मदद करना, अपने कार्य में उत्कृष्टता लाना, और प्रकृति के साथ सामंजस्य बनाकर जीना ही सच्चे जीवन का उद्देश्य है।  

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