फ्रेंड्स, इस पोस्ट में हम गधा और भेड़िया की कहानी (The Ass And The Wolf Story In Hindi) शेयर कर रहे हैं. ईसप की दंतकथाएं (Aesop’s Fables In Hindi) की ये कहानी गधे के शिकार की ताक में बैठे एक भेड़िये की है. क्या गधा उससे अपनी जान बचा पाता है? जानने के लिए पढ़िए : The Donkey And The Wolf Story In Hindi :
The Ass And The Wolf Story In Hindi
Table of Contents
जंगल के पास एक घास का मैदान था। एक मोटा ताज़ा गधा रोज़ वहाँ हरी घास चरने आया करता था।
एक दिन वह बड़े मज़े से घास के मैदान में चर रहा था। तभी जंगल से एक भेड़िया वहाँ आ गया। वह शिकार की तलाश में निकला था। उसे बड़े जोरों की भूख लगी थी। गधे को देख वह बड़ा खुश हुआ और सोचने लगा – ‘इस गधे का शिकार कर कई दिनों के भोजन का बंदोबस्त हो जायेगा।‘
वह अवसर की ताक में एक पेड़ के पीछे छिप गया और गधे पर नज़र रखने लगा। घास चरते गधे ने उसे देख लिया था और वह समझ गया था कि भेड़िया उसे मारने की फ़िराक़ में है।
वह यह सोच ही रहा था कि भेड़िया उसकी ओर आने लगा। जान बचाने के लिए गधे ने एक युक्ति लगाई और वह लंगड़ाकर चलने लगा।
उसे यूं लंगड़ाकर चलते देख भेड़िये ने पूछा, “क्यों? क्या बात है? तुम यूं लंगड़ा कर क्यों चल रहे हो?”
“क्या बताऊं भेड़िये भाई? मेरे पैर में कांटा चुभ गया है। बड़ा दर्द हो रहा है। इसलिए यूं लंगड़ाकर चल रहा हूँ। क्या तुम ये कांटा निकाल दोगे?”
“मैं?” भेड़िया चकित होकर बोला।
“मैं जानता हूँ भेड़िये भाई! तुम मुझे खाने के बारे में सोच रहे हो। मगर जब तुम मुझे खाओगे, तब ये कांटा तुम्हारे गले में अटक सकता है। इसलिए इसे निकालना जरूरी है।”
भेड़िये ने सोचा – ‘गधा सही कह रहा है। खाते समय मैं बेकार की मुसीबत क्यों मोल लूं? इसका कांटा निकाल ही देता हूँ। फिर इसे मारकर मज़े से खाऊंगा।‘
वह बोला, “जरा दिखाओ तो, तुम्हें कहाँ कांटा चुभा है?”
गधे ने अपना पैर उठा दिया। भेड़िया उसके पैर के पास गया और कांटे को ढूंढने लगा। जब गधे ने देखा कि भेड़िये का ध्यान पूरी तरह से उसके पैर पर है, तो उसने एक ज़ोरदार दुलत्ती उसको मार दी।
भेड़िया दूर फिंका गया। उसका सिर चकरा गया था। उसे दिन में तारे नज़र आ गए। जब वह संभला और उठा, तो देखा कि गधा उसकी पहुँच से बहुत दूर भाग चुका है।
इस तरह अपनी सूझबूझ से गधे ने अपनी जान बचाई। भेड़िया सोचने लगा – जो काम मेरा नहीं बल्कि वैद्य का था अर्थात् कांटा निकालने का काम, उसे करने के चक्कर में मैंने दुलत्ती भी खाई और अपने शिकार से हाथ धो बैठा। आइंदा से उस काम में कभी हाथ नहीं डालूंगा, जो मुझे नहीं आता।
सीख (Moral of the story)
- विपत्ति के समय सूझबूझ से काम लें।
- जो काम अपना नहीं है, उसमें जबरदस्ती दखल न दें। अन्यथा लेने के देने पड़ जायेंगे।
बच्चों की कहानियों का विशाल संग्रह : click here
Friends, यदि आपको The Donkey And The Wolf Story In Hindi पसंद आई हो, तो आप इसे Share कर सकते है. कृपया अपने comments के माध्यम से बताएं कि आपको Gadha Aur Bhediya Ki Kahani कैसी लगी? नई post की जानकारी के लिए कृपया subscribe करें. धन्यवाद.
जानवरों की कहानियों का विशाल संग्रह : click here
More Bedtime Stories In Hindi
बच्चों के लिए १० लोकप्रिय शिक्षाप्रद बेडटाइम स्टोरी
बच्चों के लिए पंचतंत्र की 10 बेडटाइम स्टोरीज
बेडटाइम स्टोरीज में बच्चों की सुनायें परियों की 10 कहानियाँ