ब्राह्मण का सपना ~ अपरीक्षितकारक : पंचतंत्र की कहानी | The Brahmin’s Dream Panchatantra Story In Hindi

फ्रेंड्स, इस पोस्ट में हम पंचतंत्र की कहानी “ब्राह्मण का सपना” (The Brahmin’s Dream Panchatantra Story In Hindi) शेयर कर रहे हैं. पंचतंत्र के तंत्र अपरीक्षितकारक से ली ये कहानी दिन में सपना देखने वाले ब्राह्मण की है. ऐसे ख्याली सपने का क्या हश्र होता है? जानने के लिए पढ़िए ये कहानी :

The Brahmin’s Dream Panchatantra Story In Hindi 

The Brahmin’s Dream Panchatantra Story
The Brahmin’s Dream Panchatantra kahani In Hindi

पढ़ें पंचतंत्र की संपूर्ण कहानियाँ : click here

>

एक गाँव में स्वभावकरिपन नामक ब्राह्मण रहता था. वह घर-घर जाकर भिक्षा मांगता और भिक्षा में प्राप्त अन्न से अपना जीवन निर्वाह किया करता था. भिक्षा में प्रायः उसे गेहूं का आटा मिलता था, जिसमें से वह थोड़ा भाग खाता और शेष को एक घड़े में भरकर घड़े को रस्सी की सहायता से एक खूंटी पर टांग दिया करता था.

वह खूंटी पर लटके घड़े के नीचे ही अपनी खाट लगाकर सोया करता था. खाट पर लेटे-लेटे वह तब तक उस घड़े को देखता रहता था, जब तक उसे नींद नहीं आ जाती थी. एक रात वह सोते-सोते सपना देखने लगा.

सपने में उसने देखा कि उसका घड़ा गेहूं के आटे से पूरा भर गया है. वह अकाल का समय है. इस अवसर का लाभ उठाकर उसने अपना गेहूं का आटा अच्छे दाम में बेचकर कुछ धन कमा लिया है. उस धन से उसने दो बकरियाँ ख़रीद ली हैं. धीरे-धीरे बकरियों की संख्या बढ़ने लगी है और उसके पास बकरियों का झुण्ड हो गया है. बकरियों को बेचकर उसने दो गाय ख़रीद ली हैं और गाय का दूध बेचने लगा है.

पढ़ें : १० सर्वश्रेष्ठ प्रेरणादायक कहानियाँ | 10 Best Motivational Stories In Hindi

दूध बेचकर हुए लाभ से उसने कुछ भैंस ख़रीद ली है, फिर कुछ घोड़े. उसने घोड़ों का व्यवसाय प्रारंभ कर लिया है, जो दिन दूनी रात चौगुनी तरक्की कर रहा है. उसके पास धन-धान्य की उसे कोई कमी नहीं रह गई है. वह एक आलीशान कोठी का मालिक है और गाँव का एक धनवान सेठ बन गया है. गाँव के लोग उसका बहुत सम्मान करते हैं और हर कोई उससे अपनी रूपवती कन्या का विवाह करने आतुर है.

एक रूपवती ब्राहमण कन्या देखकर उसने विवाह कर लिया है और सुखी जीवन व्यतीत कर रहा है. विवाह उपरांत उसे पुत्ररत्न की प्राप्ति हुई है, जिसका नाम उसने सोमशर्मा रखा है. सोमशर्मा एक चंचल बालक है. उसकी बाल सुलभ क्रीड़ायें देखते बनती हैं.

एक दिन वह घुड़साल की दीवार पर बैठा अपने पुत्र सोमशर्मा की बाल-क्रीड़ा देख रहा है. तभी सोमशर्मा अपनी माँ की गोद से उतरकर उसकी ओर आने लगा है. यह देख वह क्रोध में आ गया है और अपने पत्नि पर चिल्ला रहा है, “अपने बच्चे को संभाल.” किंतु घरेलू कार्य में व्यस्त होने के कारण उसकी पत्नि उसकी बातों पर ध्यान नहीं दे रही है. यह देख क्रोधवश वह उसे पैर से मार रहा है.

सपने में ही ब्राह्मण अपना पैर चलाने लगा. ज्यों ही उसने अपना पैर ऊपर उठाया, वह खूंटी में बंधे घड़े को जाकर लगा और घड़ा फूट गया. घड़ा चकनाचूर हो गया और गेंहू का आटा जमीन में बिखर गया. ब्राह्मण ने सपने में जो हवाई किले बनाये थे, वो भी टूटकर बिखर गए.

सीख (Moral of the story)

शेखचिल्ली के समान हवाई किले मत बनाओ.

Friends, आपको ‘The Brahmin’s Dream Panchatantra Tale In Hindi‘ कैसी लगी? आप अपने comments के द्वारा हमें अवश्य बतायें. ये Brahmin Ka Sapna Hindi Panchatantra Ki Kahani पसंद  पर Like और Share करें. ऐसी ही और Panchtantra Stories” पढ़ने के लिए हमें Subscribe कर लें. Thanks.

Read More Hindi Stories :

 


   

Leave a Comment