कबूतर और मधुमक्खी की कहानी | The Dove And The Bee Story In Hindi 

दोस्तों इस पोस्ट में हम कबूतर और मधुमक्खी की कहानी (The Dove And The Bee Story In Hindi) शेयर कर रहे हैं। Kabutar Aur Madhumakhi Ki Kahani हमें दोस्ती, वचन, दया और उपकार की सीख देती है। पढ़िए Kabutar Madhumakhi Story In Hindi :

The Dove And The Bee Story In Hindi

The Dove And The Bee Story In Hindi

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एक जंगल में नदी किनारे पेड़ पर एक कबूतर रहता था। उस पेड़ के आसपास कई रंग बिरंगे फूल खिले हुए थे। एक दिन एक मधुमक्खी फूलों का रस इकट्ठा करने के लिए नदी किनारे आई और रस इकट्ठा करते करते अचानक नदी में गिर गई।

मधुमक्खी बाहर निकलने के लिए पंख फड़फड़ाने लगी। नदी गहरी थी। लाख कोशिशों के बावजूद मधुमक्खी बाहर नहीं निकल पाई। पास ही पेड़ पर बैठा कबूतर यह सारा दृश्य देख रहा था। उसे मधुमक्खी पर दया आई और उसने झट से पेड़ का एक पत्ता तोड़कर पानी में डाल दिया।

मधुमक्खी पत्ते पर चढ़ गई और पत्ते में बैठे-बैठे नदी के किनारे पर सुरक्षित पहुंच गई। उसने अपना जीवन बचाने के लिए कबूतर को धन्यवाद दिया और उसे वचन दिया कि जब भी अवसर आएगा, वह उसके उपकार का बदला अवश्य चुकाएगी।

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कुछ दिन बीत गए। एक दिन कबूतर दाना खोजने जंगल में निकला। दिनभर दाना खोजने के बाद वह एक पेड़ पर सुस्ताने बैठा। वह इस बात से अनभिज्ञ था कि एक शिकारी उस पर तीर कमान से निशाना साध रहा है। 

उसी पेड़ पर मधुमक्खी का छत्ता था। मधुमक्खी की दृष्टि शिकारी पर पड़ गई और वह भांप गई कि शिकारी कबूतर का शिकार करने वाला है। बिना समय गंवाए उसने अपनी साथी मधुमक्खियों के साथ मिलकर शिकारी पर धावा कर दिया और उसे डंक मारने लगी। शिकारी तीर कमान छोड़कर भाग गया।

इस प्रकार मधुमक्खी ने कबूतर के उपकार का बदला चुकाया। कबूतर मधुमक्खी की मदद पर बहुत खुश था। उस दिन से कबूतर और मधुमक्खी बहुत अच्छे दोस्त बन गए। 

सीख (Bee And Dove Hindi Story Moral)

हमें हमेशा दूसरों की मदद के लिए तैयार रहना चाहिए। जब हम दूसरों की मदद करेंगे, तभी वक्त आने पर हमें मदद प्राप्त होगी।

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