बाज़ और चूज़ों की कहानी | The Eagle And The Chicken Story In Hindi

फ्रेंड्स, इस पोस्ट में हम बाज़ और चूज़े की कहानी (The Eagle And The Chicken Story In Hindi) शेयर कर रहे हैं. Baaz  Aur Chuze Ki Kahani  मुर्गी के चूजों के साथ पलने वाले बाज़ की कहानी है, जो अपना दृष्टिकोण व्यापक बानने की सीख देती हैं. यदि जीवन में ऊंची उड़ान भरना है, तो दृष्टिकोण व्यापक होना आवश्यक है. कहानी कैसे ये सीख देती है, जानने के लिए पढ़िये दृष्टिकोण पर कहानी (Story On Attitude In Hindi) :

The Eagle And The Chicken Story In Hindi

The Eagle And The Chicken Story In Hindi
The Eagle And The Chicken Story In Hindi

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एक गाँव में एक किसान रहता था. एक बार उसे कहीं से बाज़ का एक अंडा मिला. उसने वह अंडा मुर्गी के अंडे के साथ रख दिया. मुर्गी उस अंडे को अन्य अंडों के साथ सेने लगी.

कुछ दिनों में मुर्गी के अंडे में से चूज़े निकल आये और बाज़ के अंडे में से बाज़ का बच्चा. बाज़ का बच्चा चूज़ों के साथ पलने लगा. वह चूज़ों के साथ खाता-पीता, खेलता, इधर-उधर फुदकता बड़ा होने लगा.

चूज़ों के साथ रहते हुए उसे कभी अहसास ही नहीं हुआ कि वह चूज़ा नहीं बल्कि बाज़ है. वह खुद को चूजा ही समझता था और हर काम उन्हीं की तरह करता था.

जब उड़ने की बारी आई, तो अन्य चूज़ों की देखा-देखी वह भी थोड़ी ही ऊँचाई तक उड़ा और फिर वापस जमीन पर आ गया. उसका भी ऊँचा उड़ने का मन करता, लेकिन जब वह सबको थोड़ी ही ऊँचाई तक उड़ता देखता, तो वह भी उतनी ही ऊँचाई तक उड़ता. ज्यादा ऊँचा उड़ने की वह  कोशिश ही नहीं करता था.

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एक दिन उसने ऊँचे आकाश में एक बाज़ को उड़ते हुए देखा. इतनी ऊँचाई पर उसने किसी पक्षी को पहली बार उड़ते हुए देखा था. उसे बड़ा अचरज हुआ. उसने चूजों से पूछा, “वो कौन है भाई, जो इतनी ऊँचाई पर उड़ रहा है?”

चूज़े बोले, “वो पक्षियों का राजा बाज़ है. वह आकाश में सबसे ज्यादा ऊँचाई पर उड़ता है. कोई दूसरा पक्षी उसकी बराबरी नहीं कर सकता.”

“यदि मैं भी उसके जैसा उड़ना चाहूं तो?” बाज़ के पूछा.

“कैसी बात करते हो? मत भूलों तुम एक चूज़े हो. चाहे कितनी ही कोशिश कर लो, बाज़ जितना नहीं उड़ पाओगे. इसलिए व्यर्थ में ऊँचा उड़ने के बारे में मत सोचो. जितना उड़ सकते हो, उतने में ही ख़ुश रहो.” चूज़े बोले.

बाज़ ने यह बात मान ली और कभी ऊँचा उड़ने की कोशिश ही नहीं की. बाज़ होने बावजूद वह पूरी ज़िन्दगी मुर्गी के समान जीता रहा.

सीख (Eagle And Chicken Story Hindi Moral

सोच और दृष्टिकोण का हमारे जीवन पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ता हैं. हम सभी क्षमता और संभावनाओं से परिपूर्ण हैं. चाहे हम कैसी भी परिस्थिति में क्यों न हों, हमें आवश्यकता है अपनी क्षमता पहचानने की और अपनी सोच तथा दृष्टिकोण को व्यापक बनाने की. हम स्वयं को चूज़े समझेंगे तो चूज़े ही बनेंगे और बाज़ समझेंगे, तो बाज़ बनेंगे. ख़ुद को कम न समझें, अपनी क्षमता को सीमित न करें, बाज़ बनें और जीवन में ऊँची उड़ान भरें.

Eagle And Chicken Short Story In Hindi

एक किसान को जंगल में बाज का अंडा मिला। उसने वह उठाकर मुर्गी के अंडों में रख दिया। मुर्गी अपने अंडों के साथ बाज के अंडे को भी सेने लगी। कुछ दिनों बाद मुर्गी के अंडों से चूजे निकले और बाज के अंडों से बाज का बच्चा।

बाज का बच्चा चूज़ों के साथ पलने लगा। वह उनके साथ खाता पीता, खेलता। उसे अहसास ही नहीं था कि वो बाज़ है। उड़ने की बारी आई, तो वह भी चूज़ों के साथ कुछ ही दूरी तक उड़ा।

एक दिन उसने आकाश में एक पक्षी को बहुत ऊंचाई पर उड़ते देखा। उसने उसके बारे में चूज़ों से पूछा।

चूज़ों के बताया कि वो पक्षियों का राजा बाज है। बहुत ऊंचा उड़ता है।

बाज के बच्चे ने कहा कि यदि वह भी उतना ऊंचा उड़ना चाहे तो?”

चूज़ों ने उसे समझाया कि वह बाज नहीं चूजा है। वो कभी उतना ऊंचा नहीं उड़ सकता।”

बाज ने बात मन ली और पूरी जिंदगी मुर्गी की जिंदगी जी।

सीख

सोच और दृष्टिकोण महत्वपूर्ण हैं। अपनी सोच व्यापक बनाएं। अपनी क्षमता सीमित न करें। आप खुद को बाज समझेंगे तो बाज की जिंदगी जिएंगे और मुर्गी समझेंगे तो मुर्गी की।

Baaz Aur Chuze Ki Kahani Video

 


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