फ्रेंड्स, इस पोस्ट में हम मूर्ख कछुआ की कहानी (The Foolish Tortoise Panchatantra Story In Hindi) शेयर कर रहे हैं. यह पंचतंत्र की एक पुरानी और लोकप्रिय कहानी है. हंस और कछुए की मित्रता की यह कहानी मनोरंजक होने के साथ-साथ शिक्षाप्रद भी है, जो बच्चों को सुनाने के लिए एक श्रेष्ठ कहानी है. पढ़िए :
The Foolish Tortoise Panchatantra Story
Table of Contents
पढ़ें पंचतंत्र की संपूर्ण कहानियाँ : click here
एक तालाब में कम्बुग्रीव नामक कछुआ (Tortoise) रहा करता था. वह कछुआ बहुत बातूनी था. दूसरों से बात करते समय बीच-बीच में टोका-टोकी करना उसकी आदत थी.
एक दिन दो हंस (Swan) उस तालाब में उतरे. उन हंसों का नाम संकट और विकट था. उन्हें तालाब के आस-पास का वातावरण बहुत अच्छा लगा. उसके बाद से वे प्रतिदिन वहाँ आने लगे. कम्बुग्रीव कछुआ उन्हें प्रतिदिन देखता. एक दिन उसने उन दोनों हंसों से बात की. वे उसे दोनों भले और सज्जन लगे. शीघ्र ही उनमें गाढ़ी मित्रता हो गई.
हंस रोज़ तालाब में आते और कछुए से मिलते. फिर तीनों बहुत देर तक ना-ना प्रकार की बातें करते. हालांकि बातों के बीच कछुए की टोका-टाका ज़ारी रहती. किंतु सज्जन हंस इसका बुरा नहीं मानते.
एक बार उस क्ष्रेत्र में भयंकर अकाल पड़ा. नदी-तालाब सूखने लगे. वह तालाब भी सूखने लगा, जहाँ कछुआ रहता था. एक शाम जब हंस उससे मिलने आये, तो उसे बताया कि वे दोनों वह स्थान छोड़कर ५० कोस दूर स्थित एक अन्य झील पर जा रहे हैं, जो पानी से लबालब है. यह सुनकर कछुवा दु:खी हो गया और आँखों में आंसू भरकर बोला, “मित्रों! कुछ ही दिनों में ये तालाब सूख जायेगा. मेरा मरण तो निश्चित है. किंतु इस बात से अधिक दु:ख मुझे इस बात का है कि अपनी अंतिम घड़ी में मैं अपने परम मित्रों को देख नहीं पाऊंगा.”
पढ़ें : जब देवर्षि नारद बने बंदर : पौराणिक कथा | Narad Muni Katha
कछुए की इस बात पर दोनों हंस उदास हो गए. उन्हें कछुए से सहानुभूति थी. वे बोले, “मित्र कम्बुग्रीव! हम तुम्हें यहाँ अकेले छोड़कर नहीं जायेंगे. हम तुम्हें भी अपने साथ ले जायेंगे. हमारी मित्रता और साथ सदा बना रहेगा.”
“लेकिन ये कैसे संभव है मित्रों? तुम दोनों तो उड़कर चले जाओगे. मुझे तो धीरे-धीरे चलकर उस स्थान तक पहुँचने में महीनों लग जायेंगे. हो सकता है कि बीच रास्ते में ही मेरे प्राणपखेरू उड़ जायें. तुम दोनों चले जाओ. मैं तुम्हें याद करके अपने दिन व्यतीत कर लूंगा.”
हंसों ने कछुए की बात नहीं मानी और उसे अपने साथ ले जाने का उपाय सोचने लगे. सोचते-सोचते उन्हें एक उपाय सूझ ही गया और वे प्रसन्न हो गए. उन्होंने तय किया कि वे बांस की एक लकड़ी लेकर आयेंगे. कछुआ उस लकड़ी के मध्य भाग को अपने मुँह से पकड़ेगा और वे दोनों उस लकड़ी के एक-एक सिरे को अपनी चोंच में दबा लेंगे. इस तरह वे कछुए को लेकर उड़ते हुए उस झील तक पहुँच जायेंगे.”
कछुआ भी यह उपाय सुनकर प्रसन्न हुआ. अगले दिन हंस लकड़ी लेकर कछुवे के पास आये और उसे लकड़ी के मध्यभाग को मुँह से पकड़ने को कहा. हंस कछुए की बातूनी आदत से भली-भांति परिचित थे. इसलिए उन्होंने उसे समझाया कि जब तक वे झील तक नहीं पहुँच जाते, उसे मौन रहना है. अन्यथा वह नीचे गिर पड़ेगा. कछुए ने उन्हें आश्वासन दिया कि वह मौन धारण करके रखेगा.
पढ़ें : अकबर बीरबल की २१ सर्वश्रेष्ठ कहानियाँ | 21 Best Akbar Birbal Stories
इसके बाद दोनों कछुए ने दृढ़तापूर्वक लकड़ी के मध्यभाग को पकड़ लिया. हंस लकड़ी के दोनों सिरों को चोंच में दबाकर आकाश में उड़ने लगे. उड़ते-उड़ते वे एक कस्बे के ऊपर से गुज़रे. तभी किसी ने आकाश के उस विचित्र नज़ारे को देख लिया. वह दूसरे लोगों को बताने लगा, “देखो देखो आकाश में कछुआ उड़ रहा है.” एक मुँह से दूसरे मुँह होते हुए ये बात पूरे कस्बे में फ़ैल गई. लोग घरों के बाहर निकल आये और शोर मचाने लगे.
यह शोर सुन कछुए से न रहा गया और वह हंसों से बोला, “ये लोग हमें देख इतना शोर क्यों मचा रहे हैं?”
बोलते ही कछुए के मुँह से लकड़ी छूट गई और वह सीधे जमीन से आ टकराया. जमीन से टकराते ही उसके प्राणपखेरू उड़ गए.
मूर्ख कछुआ कहानी से सीख (Moral Of The Story)
१. बुद्धिमान व्यक्ति किसी कार्य के बारे में योजना बनाकर उस पर पूरा अमल करते हुए सफ़लता प्राप्त करते हैं. अन्यथा योजना पर टिके न रहने का दुष्परिणाम भोगना पड़ता है.
२. सामूहिक कार्य में समूह के सदस्यों की राय को महत्व देना आवश्यक है. उनकी राय न मानकर कार्य के नुकसान के साथ-साथ व्यक्तिगत नुकसान भी हो सकता है.
३. मौके की नज़ाकत को देखकर ही मुँह खोलना चाहिए.
Friends, आपको ‘Two Swans And The Foolish Tortoise Panchatantra Story In Hindi‘ कैसी लगी? आप अपने comments के द्वारा हमें अवश्य बतायें. ये मूर्ख कछुआ की कहानी/Foolish Turtle Story In Hindi पसंद आने पर Like और Share करें. ऐसी ही और Panchtantra Ki Kahani & Hindi Story पढ़ने के लिए हमें Subscribe कर लें. Thanks.
Read More Stories In Hindi :