जिराफ और बंदर की कहानी (The Giraffe And The Monkey Story In Hindi) Giraffe Aur Bandar Ki Kahani
जंगल की दुनिया विविधता से भरी होती है, जहां हर जानवर की अपनी खासियत होती है। यह कहानी दो खास पात्रों—जिराफ और बंदर की है, जो अलग-अलग खूबियों और स्वभाव के मालिक थे। लेकिन उनका दोस्ताना रिश्ता यह साबित करता है कि एक-दूसरे की मदद और समझ से हर समस्या का समाधान किया जा सकता है। यह कहानी हमें दोस्ती, सहिष्णुता और दूसरों की मदद करने की सीख देती है।
The Giraffe And The Monkey Story In Hindi
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एक हरे-भरे जंगल में जिराफ और बंदर रहते थे। जिराफ अपनी लंबी गर्दन और ऊंचाई के लिए मशहूर था, जबकि बंदर अपनी फुर्ती और चतुराई के लिए जाना जाता था। दोनों में गहरी दोस्ती थी, लेकिन उनके स्वभाव और क्षमताएं बिल्कुल अलग थीं।
जिराफ शांत स्वभाव का था। वह अपने ऊंचे कद का इस्तेमाल करके पेड़ों की सबसे ऊंची टहनियों से पत्ते खाता और जंगल में आने वाले खतरों को दूर से देख लेता। वहीं बंदर छोटा और चुलबुला था। वह पेड़ों की डालियों पर झूलता, छलांगें लगाता और हमेशा मस्ती करता रहता था।
एक दिन दोनों दोस्त जंगल की सैर पर निकले। चलते-चलते वे एक बड़ी नदी के किनारे पहुंचे। नदी का पानी तेज बहाव के साथ बह रहा था, और दूसरी ओर कई स्वादिष्ट फल लगे हुए पेड़ खड़े थे। बंदर उन फलों को देखकर मचल गया। उसने कहा, “जिराफ भाई, अगर हम उस पार पहुंच जाएं, तो इन फलों का मजा ले सकते हैं!”
जिराफ ने नदी को ध्यान से देखा और कहा, “बंदर भाई, पानी बहुत तेज है। हमें पहले सोचना चाहिए कि इसे पार कैसे किया जाए।”
बंदर ने हंसते हुए कहा, “तुम हमेशा इतना सोचते क्यों हो? मैं तो झटपट इस पेड़ की डालियों पर चढ़कर उस पार पहुंच जाऊंगा!” यह कहकर वह पेड़ पर चढ़ गया और छलांग लगाकर नदी के पार पहुंच गया। वहां उसने खूब फल खाए और मस्ती की।
दूसरी ओर, जिराफ ने शांतिपूर्वक नदी को देखने और उसे पार करने का सुरक्षित तरीका ढूंढने का प्रयास किया। उसने थोड़ी दूर जाकर देखा कि नदी का पानी वहां कुछ कम गहरा है। वह उस जगह से धीरे-धीरे नदी पार करने लगा।
जब जिराफ नदी पार करके बंदर के पास पहुंचा, तो बंदर ने हंसते हुए कहा, “देखा, मैंने कितनी जल्दी पार कर लिया! तुम्हें इतना समय क्यों लगा?”
जिराफ ने मुस्कुराते हुए कहा, “हर किसी की अपनी विशेषता और तरीका होता है। तुम फुर्तीले हो, इसलिए तुम्हारे लिए यह आसान था। लेकिन मेरी ऊंचाई और धैर्य ने मुझे सुरक्षित पार करने में मदद की।”
उनकी बातचीत के बीच अचानक एक बड़ा तूफान आ गया। तेज हवा से बंदर जिस पेड़ पर चढ़ा था, वह हिलने लगा। फल गिरने लगे, और बंदर डर के मारे चिल्लाने लगा। जिराफ ने जल्दी से उसे अपनी गर्दन पर चढ़ने को कहा। बंदर ने तुरंत जिराफ की गर्दन पकड़ ली, और जिराफ ने अपनी लंबाई का फायदा उठाते हुए बंदर को सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया।
बंदर ने राहत की सांस ली और जिराफ से कहा, “जिराफ भाई, आज तुम्हारी ऊंचाई और धैर्य ने मेरी जान बचा ली। मुझे अपनी कमजोरी का अहसास हो गया।”
जिराफ ने हंसते हुए कहा, “दोस्त, हम सभी की अपनी ताकत और कमजोरियां होती हैं। असली ताकत यही है कि हम एक-दूसरे की मदद करें और अपनी खूबियों को सही तरीके से इस्तेमाल करें।”
सीख:
इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि हर किसी की अपनी खासियत होती है, और हमें दूसरों की खूबियों की सराहना करनी चाहिए। साथ ही, दोस्ती और सहयोग से हम किसी भी मुश्किल को पार कर सकते हैं।
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