Zen Katha

सफाई का पाठ जेन कथा | The Lesson of Cleaning Zen Story In Hindi

सफाई का पाठ जेन कथा (The Lesson of Cleaning Zen Story In Hindi) ज़ेन साधना का सार केवल ध्यान में नहीं, बल्कि हर छोटे कार्य को पूर्ण जागरूकता और प्रेम से करने में छिपा है।

हम अक्सर सोचते हैं कि ज्ञान बड़े ग्रंथों या कठिन साधना से आता है, जबकि ज़ेन कहता है — “सत्य साधारण में है, गहराई साधारणता में है।”

यह कथा हमें सिखाएगी कि कैसे ‘सफाई’ जैसे सरल कार्य में भी आत्मा के शुद्धिकरण का रहस्य छिपा है।

The Lesson of Cleaning Zen Story In Hindi

The Lesson of Cleaning Zen Story In Hindi

कथा

बहुत समय पहले जापान के एक पहाड़ी गाँव में सेन्जुई मठ स्थित था। यह मठ दूर-दूर तक प्रसिद्ध था — अपनी शांति, अपने अनुशासन और अपने रहस्यमय गुरु रोजिन के लिए। लोग कहते थे कि रोजिन की एक नज़र ही शिष्य के भीतर छिपे दोषों को उजागर कर देती थी।

एक दिन एक युवा, तेजस्वी लड़का — तोशिओ — मठ में दाखिल हुआ। उसके मन में ज्ञान प्राप्त करने की प्रबल इच्छा थी। वह सोचता था कि गुरु उसे तुरंत ध्यान की ऊंची विधियाँ सिखाएंगे, गूढ़ रहस्यों में उसे दीक्षित करेंगे।

पहले ही दिन, गुरु ने उसे एक झाड़ू पकड़ाई और कहा, “आँगन साफ करो।”

तोशिओ चौंक गया। उसने सोचा, “मैं ध्यान करने आया हूँ, सफाई करने नहीं!” पर चुपचाप उसने झाड़ू उठाई और जल्दी-जल्दी आँगन बुहारने लगा।

उसके मन में झुंझलाहट थी। झाड़ू घसीटते हुए वह सोच रहा था, “यह तो कोई बड़ा काम नहीं है। यह तो नौकरों का काम है!”

काम पूरा कर वह गर्व से गुरु के पास गया।

“गुरुजी, सफाई हो गई,” उसने कहा।

रोजिन ने चुपचाप आँगन का निरीक्षण किया। हर कोने में धूल बची थी, पत्थरों के बीच में सूखे पत्ते अटके थे।

गुरु ने मुस्कुराते हुए कहा, “आँगन से ज्यादा तुम्हारे मन की धूल दिख रही है। कल फिर सफाई करना।”

तोशिओ चिढ़ गया, पर कुछ नहीं बोला।

अगले दिन सुबह सूरज की पहली किरणों के साथ तोशिओ आँगन में झाड़ू लेकर खड़ा था। पर आज भी वह बस ‘काम निपटाने’ के भाव से सफाई कर रहा था। तेजी से झाड़ू चलाते हुए वह मन ही मन गुस्से में बड़बड़ा रहा था।

फिर वही हुआ —

गुरु आए, झुककर देखा — पत्थरों के नीचे अब भी धूल थी, दीवार के किनारे अब भी गंदगी छिपी थी।

गुरु बोले, “जो कार्य पूरे मन से नहीं होता, वह कार्य नहीं, केवल दिखावा होता है।”

तोशिओ का चेहरा लाल हो गया। उसने मन में ठान लिया — “कल मैं ऐसा सफाई करूंगा कि गुरुजी भी चकित रह जाएंगे।”

तीसरे दिन तोशिओ ने तय किया कि वह एक-एक कोना चमकाएगा।उसने पत्थरों को भी हिलाकर उनके नीचे की धूल हटाई, हर सूखे पत्ते को उठाया, दीवारों को कपड़े से पोंछा। जब गुरु रोजिन आए, उन्होंने एक क्षण को आँगन को देखा, फिर तोशिओ को देखा और मुस्कुराए।

“आज तुमने सफाई ठीक की है,” गुरु बोले, “अब अपने कक्ष में जाकर अपना मन भी ऐसा ही साफ करो।”

तोशिओ चौंक गया।

“मन की सफाई? वह कैसे?” उसने झिझकते हुए पूछा।

गुरु ने शांत स्वर में कहा, “जिस प्रकार तुमने हर कोना, हर पत्थर ध्यान से देखा, उसी प्रकार अपने भीतर के क्रोध, अहंकार और अधीरता को भी देखो।

जब तक भीतर गंदगी है, बाहर की सफाई भी अधूरी है।”

तोशिओ उस रात देर तक अपने कमरे में बैठा रहा — अपने भीतर झांकता हुआ। उसे अपने भीतर छिपा गुस्सा, अधीरता, घमंड साफ़ दिखाई देने लगे।

समय बीतता गया। अब तोशिओ झाड़ू चलाते समय केवल धूल नहीं देखता था — वह अपनी अधूरी इच्छाओं, अपने भीतर के विकारों को भी पहचानता था।

बर्तन धोते समय वह अपने मन के मलिन विचारों को भी धोता था।फर्श पोंछते समय वह अपने भीतर की कटुता को भी पोंछ डालता था। धीरे-धीरे उसके व्यवहार में गहरी शांति उतरने लगी। वह अधिक धैर्यवान, अधिक कोमल हो गया। उसकी हर हरकत में सजगता आ गई — जैसे वह हर पल एक जीती-जागती साधना कर रहा हो।

एक दिन, जब वह ध्यान में बैठा था, गुरु रोजिन उसके पास आए और बोले, “अब तुम ध्यान के योग्य हो।

क्योंकि जिसने झाड़ू को प्रेम से चलाया है, जिसने बर्तन को नम्रता से धोया है, जिसने अपने भीतर के विकारों को पहचाना है —केवल वही ध्यान के सच्चे मार्ग पर चल सकता है।”

सीख

“सफाई केवल बाहर की नहीं होती। सच्ची सफाई भीतर से शुरू होती है।”

जब हम एक कोने की धूल हटाते हैं, तो हम अपने मन की एक परत भी साफ करते हैं। जब हम एक बर्तन को चमकाते हैं, तो अपने भीतर की किसी ग्रंथि को भी खोलते हैं। जब हम झाड़ू को श्रद्धा से चलाते हैं, तो हर स्वाइप के साथ अपनी मूर्खता और मोह को भी हटाते हैं।

ज़ेन हमें सिखाता है कि जीवन का हर साधारण कार्य — अगर पूरे होश और समर्पण से किया जाए —तो वही कार्य एक महान साधना बन सकता है।

“सफाई का पाठ” हमें याद दिलाता है कि मोक्ष कहीं दूर नहीं है —वह हमारे झाड़ू लगाने के ढंग में, हमारे फर्श पोंछने की भावना में, और सबसे बढ़कर — हमारे भीतर की धूल हटाने में छिपा है।

सुझाव: जेन कहानियों की किताब प्रिंट में खरीदें (अमेज़न पर उपलब्ध)

Follow Us On Instagram:

Instagram follow button सफाई का पाठ जेन कथा | The Lesson of Cleaning Zen Story In Hindi

उम्मीद है आपको Zen kahani paise par Hindi short story   पसंद आई होगी। अन्य कहानियां पढ़ें :

Leave a Comment