सिंह और पिस्सू की कहानी | The Lion And The Gnat Story In Hindi
पंचतंत्र और इसप की कहानियाँ बच्चों के साथ-साथ बड़ों के लिए भी गूढ़ संदेश और जीवन की सीख लिए होती हैं। ऐसी ही एक प्रसिद्ध कहानी है “सिंह और पिस्सू” (The Lion & the Gnat), जो दिखावटी ताकत और घमंड पर चोट करती है। इस कहानी के माध्यम से यह समझाया गया है कि छोटा और कमज़ोर समझे जाने वाला भी बुद्धि और चतुराई से बड़े से बड़े को मात दे सकता है।
The Lion And The Gnat Story In Hindi
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बहुत समय पहले की बात है, एक घना जंगल था जहाँ एक शक्तिशाली सिंह रहता था। वह जंगल का राजा कहलाता था और उसके रौब और दहाड़ से पूरा जंगल थर्राता था। कोई भी जानवर उसके सामने सिर उठाने की हिम्मत नहीं करता था।
एक दिन एक नन्हा सा पिस्सू उड़ता हुआ आया और सिंह के पास जाकर बोला, “हे जंगल के राजा! तुम खुद को बहुत शक्तिशाली समझते हो और दूसरों को डराते हो, परंतु मैं तुमसे डरता नहीं।”
सिंह यह सुनकर क्रोधित हो गया। उसने गरजते हुए कहा, “अरे तुच्छ प्राणी! तू मेरा मुकाबला करेगा? मैं तो एक पंजे से तुझे मिट्टी में मिला सकता हूँ।”
पिस्सू ने उत्तर दिया, “ताकत सिर्फ आकार में नहीं होती। मैं तुमसे लड़ना चाहता हूँ, अगर तुममें हिम्मत है तो तैयार हो जाओ।”
सिंह यह सुनकर हँस पड़ा, लेकिन पिस्सू ने उस पर हमला कर दिया। उसने सिंह के कान के पास जाकर भिनभिनाना शुरू कर दिया और उसे काट-काटकर परेशान करने लगा। सिंह बौखला गया। उसने अपने पंजों से पिस्सू को मारने की कोशिश की, लेकिन वह अपने ही कान पर चोट करता रहा। उसकी आँखें लाल हो गईं, शरीर से खून बहने लगा और वह थककर गिर गया।
कुछ देर बाद पिस्सू ने अपनी जीत का ऐलान किया और उड़ गया। लेकिन रास्ते में उड़ते हुए वह एक मकड़ी के जाल में फँस गया। वह जितना छूटने की कोशिश करता, उतना ही और उलझता गया। अंत में वह उसी मकड़ी का शिकार बन गया।
सीख / नैतिक शिक्षा
1. अहंकार चाहे छोटा करे या बड़ा, अंत हमेशा विनाश होता है।
2. ताकत और आकार से ज्यादा ज़रूरी है चतुराई और आत्मविश्वास।
3. कभी किसी को तुच्छ समझ कर उसकी शक्ति को नकारना नहीं चाहिए।
4. सफलता मिलने के बाद भी विनम्र रहना चाहिए, नहीं तो पतन निश्चित है।
“सिंह और पिस्सू” की कहानी यह दर्शाती है कि जीवन में केवल शक्ति और पद महत्वपूर्ण नहीं होते, बल्कि बुद्धिमत्ता और आत्मबल भी बराबर मायने रखते हैं। यह कहानी बच्चों को साहस और आत्मविश्वास की प्रेरणा देती है, साथ ही यह भी सिखाती है कि सफलता मिलने के बाद अहंकार नहीं करना चाहिए।
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