शेर और कछुआ की कहानी | The Lion And The Tortoise Story In Hindi| Sher Aur Kachhua Ki Kahani
कहानियों के माध्यम से हमें जीवन के महत्वपूर्ण सबक मिलते हैं। पशु-पक्षियों की कहानियाँ खासतौर पर बच्चों और बड़ों को प्रेरित करती हैं। यह कहानी “शेर और कछुआ” एक ऐसे संघर्ष और धैर्य की कथा है, जो यह सिखाती है कि बुद्धिमत्ता और संयम से किसी भी संकट को टाला जा सकता है।
The Lion And The Tortoise Story In Hindi
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बहुत समय पहले की बात है, एक घना जंगल था, जिसमें तरह-तरह के जीव-जन्तु रहते थे। उस जंगल में एक बलशाली और क्रूर शेर राज करता था। वह अपने बल पर गर्व करता और जंगल के अन्य जीवों को अपने से तुच्छ समझता। शेर को अपनी ताकत पर बहुत घमंड था और वह हमेशा खुद को सबसे श्रेष्ठ मानता था।
एक दिन, शेर बहुत भूखा था और भोजन की तलाश में जंगल के एक किनारे जा पहुँचा। वहां उसने एक छोटा-सा कछुआ देखा, जो धीरे-धीरे पानी की ओर बढ़ रहा था। शेर को लगा कि यह उसका आसान शिकार हो सकता है। वह तेजी से झपटा और अपने पैने पंजों से कछुए को पकड़ लिया।
शेर ने कछुए को अपने जबड़े में दबाने की कोशिश की, लेकिन उसका कठोर खोल उसकी रक्षा कर रहा था। शेर ने उसे काटने की बहुत कोशिश की, लेकिन कछुए का खोल इतना सख्त था कि उसके दाँत भी काम नहीं कर पा रहे थे। शेर को बहुत गुस्सा आया।
“तू इतना छोटा और तुझे पकड़ने में इतनी मेहनत करनी पड़ रही है!” शेर गरजा।
कछुआ डर तो गया था, लेकिन उसने अपनी बुद्धिमानी से काम लेने की सोची। उसने धीरे से कहा, “महाराज! मुझे खाने से पहले थोड़ा इंतजार कर लें। अभी मेरा खोल सूखा है, लेकिन यदि आप मुझे पानी में डाल देंगे, तो मेरा खोल नरम हो जाएगा। फिर आप आसानी से मुझे खा सकते हैं।”
शेर को यह बात सही लगी और उसने कछुए को नदी में फेंक दिया। लेकिन जैसे ही कछुआ पानी में गिरा, वह तेजी से तैरते हुए गहराई में चला गया और शेर को चकमा देकर बच गया।
शेर ने यह देखा और उसे समझ में आया कि उसने चालाकी में आकर अपनी मूर्खता से शिकार को खो दिया। कछुआ पानी से झाँकते हुए बोला, “महाराज! ताकत के साथ-साथ बुद्धि का होना भी जरूरी है। अगर आप चालाकी से काम नहीं लेंगे, तो ताकत भी किसी काम की नहीं होगी।”
शेर को यह सुनकर बहुत गुस्सा आया, लेकिन अब वह कुछ नहीं कर सकता था। वह समझ गया कि हर समस्या को ताकत से नहीं, बल्कि समझदारी से हल करना चाहिए।
सीख:
इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि शारीरिक शक्ति से ज्यादा बुद्धिमत्ता और संयम महत्वपूर्ण होते हैं। कठिन परिस्थितियों में घबराने के बजाय, सोच-समझकर सही निर्णय लेना चाहिए। धैर्य और बुद्धि से हम बड़ी से बड़ी मुश्किलों से भी बाहर निकल सकते हैं।
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