साही और सांप की कहानी | The Porcupine And The Snakes Story In Hindi

फ्रेंड्स, इस पोस्ट में हम साही और सांप की कहानी (The Porcupine And The Snakes Story In Hindi) शेयर कर रहे हैं। Sahi Aur Saanp Ki Kahani ईसप की दंतकथाएं  (Aesop’s Fables In Hindi) की एक यह रोचक और शिक्षाप्रद कहानी है. यह कहानी किसी की सोच-समझकर सहायता करने के बारे में है। सांपों ने साही की सहायता की, बदले में क्या हुआ?  जानने के लिए पढ़िये :

The Porcupine And The Snakes Story In Hindi

The Porcupine And The Snakes Story In Hindi
The Porcupine And The Snakes Story In Hindi

एक साही अपने रहने के लिए स्थान की खोज में भटक रहा था। दिन भर भटकने के बाद उसे एक गुफा दिखाई पड़ी। उसने सोचा – ‘ये गुफा रहने के लिए अच्छी जगह है।‘

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वह गुफा के द्वार पर पहुँचा, तो देखा कि वहाँ सांपों का परिवार रहता है।

साही ने उन सबका अभिवादन किया और निवेदन करते हुए बोला, “भाइयों! मैं बेघर हूँ। कृपा करके मुझे इस गुफा में रहने के लिए थोड़ी सी जगह दे दो। मैं सदा आपका आभारी रहूंगा।”

सांपों को साही पर दया आ गई और उन्होंने उसका निवेदन स्वीकार कर उसे गुफा के अंदर आने की अनुमति दे दी। लेकिन उसके गुफा में घुसने के बाद उन्होंने महसूस किया कि उसे अंदर बुलाकर और रहने कि जगह देकर उन्होंने बहुत बड़ी गलती कर दी, क्योंकि साही के शरीर के कांटे उन्हें गड़ रहे थे और उनकी त्वचा ज़ख्मी हो रही थी।

उन्होंने साही से कहा, “तुम्हारे शरीर के कांटे हमें गड़ रहे हैं। इसलिए तुम यहाँ से जाओ और कोई दूसरी जगह खोजो।”

साही तब तक आराम से गुफा में पसर चुका था। बोला, “भई मुझे तो ये जगह बहुत पसंद है। मैं तो कहीं नहीं जाने वाला। जिसे समस्या है, वो जाये यहाँ से।”

अपनी त्वचा को साही के शरीर के कांटों से बचाने के लिए आखिरकार सांपों को वह गुफा छोड़कर जाना पड़ा। सांपों के जाने के बाद साही ने वहाँ पूरी तरह कब्जा जमा लिया।

सीख (Moral Of The Story)

कई बार हम उंगली देते हैं और सामने वाला हाथ पकड़ लेता है। इसलिए किसी की मदद करने के पहले अच्छी तरह सोच-विचार कर लेना चाहिए।

Sahi Aur Sanp Short Story

एक साही रहने के लिए स्थान खोज रहा था।

भटकते भटकते वह एक छोटी सी गुफ़ा के सामने पहुंचा।

उस गुफा में एक सांप अपने परिवार के साथ रहता था।

साही ने सांप से एक दिन के लिए आसरा मांगा।

सांप ने दयावश उसे अंदर बुला लिया।

साही के अंदर आते ही उसके शरीर के कांटे सांपों को चुभने लगे।

परेशान होकर सांप ने उससे कहीं और आसरा ढूंढने को कहा।

साही तब तक गुफा में पसर चुका था, बोला, “जिसे परेशानी है, वो जाए यहां से। मैं तो यहीं रहूंगा।”

खुद को जख्मी होने से बचाने के लिए सांपों को ही गुफा छोड़कर जाना पड़ा।

सीख
कई बार लोग दयालुता का गलत फायदा उठाते हैं। इसलिए सोच समझकर ही किसी की सहायता करें।

Sahi Aur Sanp Story Video

 

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