पहेली परियों की कहानी (The Riddle Fairly Tale In Hindi)
यह कहानी बहादुरी, चतुराई और सत्य की विजय की मिसाल है। इसमें एक राजकुमार, दुष्ट चुड़ैल, जहरीले घोड़े, ईमानदार नौकर, और घमंडी राजकुमारी का रोचक वर्णन है। यह कहानी सिखाती है कि साहस और विवेक से हम जीवन की सबसे कठिन चुनौतियों को पार कर सकते हैं।
The Riddle Fairly Tale In Hindi
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बहुत समय पहले की बात है, एक राजा का बेटा था, जिसे दुनिया की सैर करने और रोमांचक अनुभव करने का बड़ा शौक था। वह अकेले यात्रा करता, केवल एक वफादार नौकर उसके साथ होता था। अपनी यात्रा के दौरान, उसने बड़े-बड़े पहाड़ पार किए, गहरी नदियाँ लांघीं और कई जंगलों से गुजरा।
एक दिन, वह और उसका नौकर एक विशाल जंगल में भटक गए। जैसे-जैसे सूरज ढलने लगा, जंगल में अंधेरा घिरने लगा। पक्षियों की आवाजें शांत हो गईं, और चारों ओर डरावना सन्नाटा छा गया। राजकुमार और उसका नौकर चिंतित हो गए क्योंकि उन्हें रात बिताने के लिए कोई ठिकाना नहीं मिला।
तभी, उन्होंने जंगल के एक कोने में एक छोटी-सी झोपड़ी देखी। पास जाने पर उन्होंने एक लड़की को वहाँ जाते हुए देखा। लड़की की सुंदरता देखकर राजकुमार का दिल मोहित हो गया। वह उसके पास गया और विनम्रता से कहा, “प्यारी बच्ची, क्या मैं और मेरा नौकर इस घर में रात गुजार सकते हैं?”
लड़की ने एक गहरी आह भरी और दुखी स्वर में कहा, “आप यहाँ ठहर सकते हैं, लेकिन मैं आपको सलाह दूंगी कि ऐसा न करें। यह मेरी सौतेली माँ का घर है, जो एक दुष्ट चुड़ैल है। वह अजनबियों के साथ बहुत बुरा व्यवहार करती है।”
लेकिन राजकुमार को और कोई विकल्प नहीं दिखा। वह डरने वालों में से नहीं था। उसने लड़की से कहा, “चिंता मत करो। हम सावधान रहेंगे।”
राजकुमार ने झोपड़ी में प्रवेश किया। अंदर, आग के पास एक बूढ़ी औरत बैठी थी। उसकी लाल आँखें डरावनी थीं, और वह अजनबियों को घूर रही थी। फिर भी, उसने मुस्कुराने का नाटक करते हुए कहा, “शुभ संध्या, बैठो और आराम करो।”
लड़की ने धीरे से राजकुमार और उसके नौकर को चेतावनी दी, “कोई भी खाना या पीना मत लीजिए। मेरी सौतेली माँ जहरीली चीजें बनाती है।”
राजकुमार और उसके नौकर ने लड़की की बात मान ली। उन्होंने खाना और पानी लेने से इनकार कर दिया और झोपड़ी के एक कोने में सोने चले गए। पूरी रात उन्होंने अपनी तलवारें पास रखीं, किसी भी अनहोनी के लिए तैयार।
सुबह होते ही, राजकुमार अपने घोड़े पर सवार होने के लिए तैयार हुआ। चुड़ैल ने एक कप लेकर उसका पीछा किया और कहा, “यह विदाई का घूंट है। इसे पी लो।” लेकिन राजकुमार ने कप लेने से इनकार कर दिया और जल्दी से जंगल की ओर बढ़ गया।
नौकर, जो अभी अपने घोड़े की काठी कस रहा था, वहीं रुक गया। चुड़ैल ने उसे कप पकड़ाया और कहा, “इसे अपने मालिक को दे दो।” जैसे ही नौकर ने कप पकड़ा, वह नीचे गिर गया, और उसका सारा जहर घोड़े पर गिर गया। घोड़ा तुरंत मर गया।
नौकर ने दौड़कर यह घटना राजकुमार को बताई। राजकुमार ने कहा, “हमारा नुकसान हो गया, लेकिन हमें जल्दी से यहाँ से निकलना होगा।” हालांकि, नौकर अपनी काठी लेने के लिए वापस गया।
जब वह मरे हुए घोड़े के पास पहुँचा, तो उसने देखा कि एक कौवा घोड़े का मांस खा रहा था। नौकर ने सोचा, “शायद इस कौवे को मारकर हम खाने के लिए कुछ ले जा सकते हैं।” उसने कौवे को मार डाला और उसे साथ ले गया।
पूरा दिन जंगल में भटकने के बाद, वे आखिरकार रात होने से पहले एक सराय में पहुँचे। यह सराय साधारण नहीं थी; यह बारह हत्यारों का अड्डा था। सरायवाला हत्यारों का साथी था।
नौकर ने सरायवाले को वह कौवा पकाने के लिए दे दिया। सरायवाले ने कौवे का मांस काटा और सूप तैयार किया।
बारह हत्यारे रात में लौटे। उन्होंने योजना बनाई कि वे अजनबियों को मारकर उनकी संपत्ति लूट लेंगे। लेकिन, उन्होंने पहले वह सूप खा लिया, जिसमें जहरीले घोड़े का मांस खाने वाला कौवा था।
जहरीले सूप के कारण सभी बारह हत्यारे और सरायवाला तुरंत मर गए। केवल सरायवाले की ईमानदार बेटी बची, जिसने इन कुकर्मों में हिस्सा नहीं लिया था। उसने राजकुमार को बताया कि घर में बहुत सारा खजाना छिपा हुआ है।
राजकुमार ने खजाने को देखने से इनकार कर दिया और कहा, “यह तुम्हारा है। इसे अपने लिए रखो।” इसके बाद वह और उसका नौकर वहाँ से आगे बढ़ गए।
काफी समय तक यात्रा करने के बाद, वे एक बड़े शहर में पहुँचे। यहाँ की राजकुमारी बहुत सुंदर थी, लेकिन उतनी ही घमंडी भी। उसने एक अजीब घोषणा कर रखी थी:
“जो कोई भी मेरी पहेली का उत्तर नहीं दे पाएगा, उसका सिर काट दिया जाएगा। लेकिन यदि कोई मेरी पहेली सुलझा दे, तो मैं उससे विवाह करूँगी।”
अब तक, नौ युवक अपनी जान गंवा चुके थे। लेकिन राजकुमार, राजकुमारी की सुंदरता से मोहित होकर, चुनौती स्वीकार करने को तैयार हो गया।
राजकुमार ने राजकुमारी के सामने अपनी पहेली रखी:
“एक ने किसी को नहीं मारा, और फिर भी बारह को मार डाला। यह क्या है?”
राजकुमारी ने तीन दिन का समय माँगा। उसने अपनी सभी किताबें पलट डालीं, लेकिन जवाब नहीं मिला।
पहले दिन, उसने अपनी नौकरानी को राजकुमार के कमरे में भेजा, ताकि वह उसके सपनों को सुन सके। लेकिन राजकुमार का चतुर नौकर पहले ही सतर्क था। उसने नौकरानी को भगा दिया।
दूसरी रात, राजकुमारी ने दूसरी नौकरानी को भेजा। इस बार भी नौकर ने उसे भगा दिया।
तीसरी रात, खुद राजकुमारी राजकुमार के कमरे में गई। उसने धुँधला-भूरा लबादा पहन रखा था और सोने का नाटक कर रहे राजकुमार के पास बैठ गई। उसने धीरे से पूछा, “यह बताओ, एक ने किसी को नहीं मारा, और फिर भी बारह को मार डाला, इसका क्या मतलब है?”
राजकुमार, जो जाग रहा था, ने उत्तर दिया, “एक कौवा, जिसने जहरीले घोड़े का मांस खाया और मर गया। बारह हत्यारों ने उसी कौवे का मांस खाया और वे भी मर गए।”
राजकुमारी ने यह उत्तर सुना और चुपके से बाहर निकल गई।
अगली सुबह, राजकुमारी ने दावा किया कि उसने पहेली का उत्तर जान लिया है। उसने न्यायाधीशों को बुलाकर उत्तर बताया।
लेकिन राजकुमार ने सबके सामने कहा, “राजकुमारी ने धोखे से मेरे कमरे में आकर उत्तर चुराया है।” न्यायाधीशों ने सबूत माँगा।
राजकुमार ने तीन लबादे पेश किए, जो राजकुमारी और उसकी नौकरानियों ने पहने थे। न्यायाधीशों ने राजकुमारी को दोषी ठहराया।
उन्होंने राजकुमार को विजेता घोषित किया और कहा, “यह धुँधला-भूरा लबादा अब तुम्हारे विवाह का प्रतीक बनेगा।”
राजकुमारी ने अपनी गलती मानी और राजकुमार से विवाह करने के लिए सहमत हो गई।
सीख
यह कहानी साहस, चतुराई और ईमानदारी का महत्व सिखाती है। यह दिखाती है कि न्याय हमेशा सत्य की जीत सुनिश्चित करता है। साथ ही, यह हमें सिखाती है कि लालच और धोखा अंततः बर्बादी की ओर ले जाते हैं।
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